बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) को चिकित्सा भाषा में कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) के नाम से जाना जाता है, जो कि हृदय सर्जरी का एक प्रकार है। इस सर्जरी में ब्लॉक कोरोनरी धमनी में सामान्य रक्त प्रवाह को फिर से बहाल किया जाता है। एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (PCI) एक मिनिमल इन्वेसिव तकनीक है, जिसमें अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को खोला जाता है। इस प्रक्रिया में एक कैथेटर को डाला जाता है, जिसमें एक छोटा सा गुब्बारा डाला जाता है और धमनी को चौड़ा कर दिया जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर ऐसी बीमारियां हो गई है, जिसके कारण बहुत सारी हृदय संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो गई है। दुनिया भर में हृदय रोग मृत्यु का एक मुख्य कारण बन गया है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, भारत में होने वाली सभी मृत्यु में लगभग 25% मामले हृदय रोग के होते हैं।
वहीं एंजियोप्लास्टी या बाईपास हार्ट सर्जरी कोरोनरी धमनी रोग (CAD) के इलाज के लिए दो सबसे प्रमुख सर्जरी है, जो कि स्वयं एक हृदय रोग है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग प्रक्रियाओं का चयन किया जाता है। दोनों ही प्रक्रियाओं में कुछ मूल अंतर होता है, जिन्हें हम इस ब्लॉग की सहायता से समझने वाले हैं। इसके अतिरिक्त हृदय संबंधित किसी भी समस्या के इलाज के लिए तुरंत हमारे सर्वश्रेष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक से मिलें और इलाज लें।
सबसे पहले समझते हैं कि बाईपास सर्जरी क्या है? बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) को चिकित्सा भाषा में कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) के नाम से जाना जाता है, जो कि हृदय सर्जरी का एक प्रकार है। इस सर्जरी में ब्लॉक कोरोनरी धमनी में सामान्य रक्त प्रवाह को फिर से बहाल किया जाता है।
इस सर्जरी में पूरे शरीर में से किसी भी एक अंग (मुख्य रूप से पैर, हाथ या छाती) से स्वस्थ रक्त वाहिका को लिया जाता है और अवरुद्ध धमनी को बाईपास किया जाता है, जिससे हृदय की रक्त वाहिकाओं में रुकावट होने के बावजूद भी हृदय की मांसपेशियों और शरीर के दूसरे अंग तक रक्त प्रवाह सुगमता से हो पाता है।
बाईपास सर्जरी के कारण रोगी को बहुत लाभ मिल सकता है जैसे कि -
एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (PCI) एक मिनिमल इन्वेसिव तकनीक है, जिसमें अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को खोला जाता है। इस प्रक्रिया में एक कैथेटर को डाला जाता है, जिसमें एक छोटा सा गुब्बारा डाला जाता है और धमनी को चौड़ा कर दिया जाता है।
इस प्रक्रिया में धमनी को खुला रखने के लिए एक स्टेंट लगाया जाता है, जो कि स्थाई रूप से लगभग 3 साल के लिए लगाया जाता है। अधिकतर मामलों में अपने आप घुलने वाले स्टेंट लगाए जाते हैं, जो शरीर के अंदर अपने आप घुल जाते हैं।
एंजियोप्लास्टी सर्जरी के कुछ लाभ भी हैं, जिसके कारण सर्जन इस सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं जैसे कि -
बाईपास सर्जरी का सुझाव निम्नलिखित स्थितियों में दिया जाता है -
एंजियोप्लास्टी निम्न पेशेंट के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं -
इन दोनों ही सर्जरी के कुछ अपने जोखिम और जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। वह आपके स्वास्थ्य का सही आकलन कर स्थिति का सही अनुमान करने में मदद कर सकते हैं।
चाहे आपकी एंजियोप्लास्टी हुई हो या बाईपास सर्जरी, आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए जैसे कि -
एंजियोप्लास्टी या बाईपास हार्ट सर्जरी में से आपके लिए क्या बेहतर होगा, इसका जवाब आपको हमारे डॉक्टर पूर्ण जांच के बाद ही दे सकते हैं। वह जांच से इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि धमनियों में कितनी ब्लॉकेज है और स्थिति कितनी गंभीर है। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि एंजियोप्लास्टी को कम गंभीर मामलों में सुझाया जाता है और बाईपास सर्जरी को अधिक गंभीर मामलों में सुझाया जाता है। इसके अतिरिक्त बाईपास सर्जरी के परिणाम लंबे समय तक देखने को मिलते हैं।
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि बाईपास सर्जरी ज्यादा आक्रामक है, इसलिए आप ऐसा कह सकते हैं कि यह एंजियोप्लास्टी की तुलना में ज़्यादा जोखिम वाली सर्जरी है।
इस प्रश्न का उत्तर ब्लॉकेज की संख्या पर आधारित होती है। हालांकि एंजियोप्लास्टी में आमतौर पर लगभग 30 मिनट से 2 घंटे तक का समय लग सकता है।
हां, दोनों मामलों में रुकावट फिर से हो सकती हैं। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव और दवाएं भविष्य में रुकावटों को रोकने में मदद कर सकती हैं।
अधिकांश रोगी बाईपास सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, और सामान्य एवं सक्रिय जीवन व्यतीत करते हैं। हालांकि, रिकवरी हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है, जिसके लिए व्यक्तिगत देखभाल और मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है।
एंजियोप्लास्टी के बाद रिकवरी का समय हृदय बाईपास की तुलना में बहुत तेज है, लेकिन कोरोनरी हृदय रोग वाले सभी लोगों के लिए एंजियोप्लास्टी की सलाह नहीं दी जाती है।
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Dr. Dhiman Kahali is the Director of Interventional Cardiology Dept. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 37 years of experience. He specializes in angioplasty, mitral balloon dilation, and peripheral vascular interventions, and has been honored with the Gandhi Centenary and Mother Teresa International Awards.
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