पैरों की सूजन के पीछे छुपा दिल का खतरा, जानें संकेत और बचाव
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पैरों की सूजन के पीछे छुपा दिल का खतरा, जानें संकेत और बचाव

Cardiology | by Dr. Rakesh Sarkar on 30/10/2025

Table of Contents
  1. पैरों की सूजन का क्या मतलब हो सकता है? (Edema: The Silent Signal)
    1. सामान्य और अस्थायी कारण
    2. गंभीर और लगातार कारण (दिल का खतरा)
  2. दिल की समस्या और पैर की सूजन का संबंध: कैसे काम करता है आपका दिल?
  3. कब डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए
  4. दिल की समस्या की जांच के लिए डायग्नोसिस और टेस्ट
  5. दिल की सुरक्षा के लिए जीवनशैली और बचाव उपाय - Heart Health Tips for a Happier Life
    1. आहार और पोषण 
    2. सक्रिय जीवनशैली
    3. अन्य बचाव और जीवनशैली उपाय
  6. पैरों की सूजन के उपाय और घरेलू उपचार
  7. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. कौन-से अन्य लक्षण हार्ट फेलियर की चेतावनी देते हैं?
    2. पैरों की सूजन के लिए घर पर क्या उपाय किए जा सकते हैं?
    3. क्या पैर ऊंचे करके सोने से सूजन कम होती है?
    4. लंबे समय तक पैरों की सूजन को नजरअंदाज करने के क्या खतरे हैं?
    5. क्या पैरों की सूजन और सांस लेने में तकलीफ का संबंध होता है?

Summary

पैरों की सूजन अक्सर हार्ट फेलियर के शुरुआती संकेत के रूप में देखी जाती है। लगातार या दोनों पैरों में सूजन को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नमक नियंत्रण, सक्रिय जीवन शैली और समय पर विशेषज्ञ से जांच ही दिल की बीमारी के खतरे से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।

क्या आपके पैरों में अचानक भारीपन आया है? इसे नजरअंदाज करने की भूल कहीं जानलेवा न हो जाए! इसे आप एक गंभीर चेतावनी ही समझें? हममें से ज्यादातर लोग पैरों की सूजन को काम की भागदौड़ या लंबे समय तक खड़े रहने का नतीजा मानकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन, यदि यह सूजन लगातार बनी रहे, खास तौर पर अगर यह दोनों पैरों में सूजन के कारण हो, तो यह सीधा संकेत हो सकता है कि आपका दिल अपनी क्षमता से कमजोर पड़ रहा है, जिसे मेडिकल भाषा में हार्ट फेलियर (Heart Failure) कहा जाता है।

CK Birla Hospital (BMB) में हमारे विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करते हैं कि आप इस महत्वपूर्ण संकेत को सही समय पर पहचान पाएं। याद रखें, दिल की बीमारी से जुड़ी हर मिनट की देरी आपके जीवन पर भारी पड़ सकती है। यदि आप इन लक्षणों से जूझ रहे हैं, तो तुरंत हमारे कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लें। आपका एक फैसला, आपका जीवन बचा सकता है। यह ब्लॉग सिर्फ़ जानकारी नहीं है, यह आपके लिए जीवन बचाने वाला एक तत्काल अलर्ट है।

पैरों की सूजन का क्या मतलब हो सकता है? (Edema: The Silent Signal)

पैरों में सूजन आने के कारण कई हो सकते हैं। इस स्थिति को एडिमा (Edema) कहते हैं, जो तब होता है जब रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) से तरल पदार्थ रिसकर आस-पास के ऊतकों (Tissues) में जमा हो जाता है। यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है। चलिए सभी कारणों को एक-एक करके समझते हैं - 

सामान्य और अस्थायी कारण

  • लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना: ऐसा करने से गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण तरल पदार्थ निचले हिस्सों में जमा हो जाता है।
  • आहार में नमक की अधिकता: ज्यादा नमक शरीर में पानी को रोककर रखता है।
  • प्रेगनेंसी: बढ़ा हुआ गर्भाशय (Uterus) रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है।
  • चोट या संक्रमण: ख़ासकर एक पैर में सूजन चोट के कारण हो सकती है।

गंभीर और लगातार कारण (दिल का खतरा)

यदि सूजन सुबह कम न हो, लगातार बनी रहे, या अन्य लक्षणों (जैसे सांस फूलना, थकान) के साथ हो, तो यह निम्न गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है - 

  • दिल का कमजोर होना या हार्ट फेलियर (Heart Failure)
  • किडनी का शरीर से अतिरिक्त तरल और नमक निकालने में विफल होना या किडनी की समस्या होना।
  • लिवर द्वारा प्रोटीन (Albumin) का पर्याप्त उत्पादन न होना, जो तरल पदार्थ को रक्त वाहिकाओं में रखने में मदद करता है।
  • पैरों की गहरी नसों में खून का थक्का (Blood Clot) जमना, जिससे अचानक और एकतरफा सूजन आती है। इस स्थिति को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहा जाता है।

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) के अनुसार, विश्व भर में लगभग 6.2 मिलियन लोग हार्ट फेलियर से प्रभावित हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि एक बड़ी संख्या में मरीजों ने शुरुआत में केवल पैरों में सूजन आने के कारण ही इस गंभीर स्थिति को अनदेखा किया, जिसे आप बिल्कुल न करें।

दिल की समस्या और पैर की सूजन का संबंध: कैसे काम करता है आपका दिल?

हार्ट फेलियर वह स्थिति है जब दिल, शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त बल से रक्त पंप करने में असमर्थ होता है। यह एक क्रोनिक और प्रगतिशील बीमारी है, और पैरों की सूजन इसका सबसे क्लासिक और शुरुआती संकेत है।

हार्ट फेलियर कैसे सूजन पैदा करता है?

हार्ट फेलियर के कारण निम्न तरीकों से शरीर में सूजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है - 

  • कमजोर पंपिंग: जब दिल कमजोर होता है, तो वह नस (Veins) से वापस आने वाले रक्त को कुशलता से पंप नहीं कर पाता है।
  • रक्त का बैक-अप (Blood Backup): इसके परिणामस्वरूप रक्तचाप (Blood Pressure) नसों में बढ़ जाता है, खासकर निचले भाग में, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण इसे नीचे खींचता है।
  • तरल रिसाव (Fluid Leakage): बढ़े हुए दबाव के कारण, रक्त वाहिकाओं से अतिरिक्त तरल पदार्थ रिसकर आस-पास के ऊतकों में जमा होने लगता है, जिसे एडिमा कहा जाता है।
  • शरीर की प्रतिक्रिया (Kidney's Response): किडनी, रक्त की कम आपूर्ति को देखती है और उसे लगता है कि शरीर में पानी की कमी है। इसलिए, वह और अधिक नमक और पानी को शरीर में रोककर रखती है, जिससे सूजन और बढ़ जाती है।

यही कारण है कि हार्ट फेलियर के कारण होने वाली पैरों की सूजन अक्सर दोनों पैरों में सूजन के रूप में दिखाई देती है। यदि आपका काम लंबे समय तक बैठना या खड़ा होना है, तो यह लक्षण अधिक गंभीर लग सकते हैं। 

कब डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए

पैरों की सूजन हर बार दिल का खतरा नहीं होती है, लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जिनके दिखते ही आपको बिना देर किए CK Birla Hospital (BMB) के कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। यह लक्षण हार्ट फेलियर के बिगड़ने या एक्यूट कार्डियक इवेंट की ओर इशारा कर सकते हैं जैसे कि - 

गंभीर चेतावनी के संकेत

दिल की समस्या से संबंध

सांस फूलना या लेटने पर सांस लेने में कठिनाई होना (Dyspnea)

फेफड़ों में तरल पदार्थ का जमा होना (Pulmonary Edema)— यह हार्ट फेलियर का सबसे खतरनाक संकेत है।

सूजन का अचानक बढ़ना या तेजी से वजन बढ़ना

शरीर में तरल पदार्थ का तेज़ी से जमा होना (Fluid Overload), जो दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

छाती में भारीपन या दर्द

दिल का दौरा (Heart Attack) या एनजाइना (Angina) का लक्षण हो सकता है।

सूजन केवल एक पैर में होना, साथ में दर्द, लालिमा या गर्माहट

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT)—एक जानलेवा ख़ून का थक्का।

रात में खांसी आना या घरघराहट

जब आप लेटते हैं, तो फेफड़ों में फ्लूड का वापस प्रवाहित होना।

बेहोशी या चक्कर आना (Fainting or Dizziness)

दिल की धड़कन का अनियमित होना (Arrhythmia) या मस्तिष्क को रक्त की कम आपूर्ति।

दिल की समस्या की जांच के लिए डायग्नोसिस और टेस्ट

जब आप बीएम बिरला अस्पताल (BMB) में विशेषज्ञ से मिलते हैं, तो वह आपकी संपूर्ण जांच करेंगे और यह निर्धारित करने के लिए कुछ विशिष्ट टेस्ट की सलाह दे सकते हैं कि आपकी पैरों की सूजन का कारण हार्ट फेलियर, किडनी, या लिवर की समस्या तो नहीं है जैसे कि - 

टेस्ट का नाम

उद्देश्य (क्या पता चलता है)

ईसीजी (ECG/EKG)

यह टेस्ट दिल की विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है और अनियमित धड़कन (Arrhythmia) या पिछली क्षति की पहचान करता है।

इकोकार्डियोग्राम (Echo)

यह दिल का अल्ट्रासाउंड है, जो दिल की पम्पिंग क्षमता को मापता है और वाल्व (Valves) की समस्याओं को दिखाता है। हार्ट फेलियर के निदान में यह मुख्य टेस्ट है।

एनटी-प्रोबीएनपी (NT-proBNP) ब्लड टेस्ट

यह रक्त में एक हार्मोन के स्तर को मापता है जो दिल पर तनाव या खिंचाव होने पर रिलीज होता है। उच्च स्तर के हार्ट फेलियर का यह स्पष्ट संकेत है।

चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)

इस टेस्ट की मदद फेफड़ों में तरल पदार्थ (फ्लूड) के जमाव और दिल के आकार (Enlarged Heart) की जांच होती है।

कार्डियक सीटी/एमआरआई (Cardiac CT/MRI)

दिल की मांसपेशियों की विस्तृत संरचना और क्षति की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए इन जांच को कराया जाता है।

किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट

यह पता लगाने के लिए कि सूजन का कारण दिल, किडनी, या लिवर में से कौन है, या तीनों आपस में जुड़े हुए हैं।

सही निदान ही सही इलाज की नींव है। इन टेस्ट से डॉक्टर को यह तय करने में मदद मिलती है कि आपको डाइयुरेटिक्स (Diuretics-पानी निकालने वाली दवाएं), ब्लड प्रेशर की दवाएं, या अन्य विशेष उपचार की आवश्यकता है या नहीं।

दिल की सुरक्षा के लिए जीवनशैली और बचाव उपाय - Heart Health Tips for a Happier Life

हार्ट फेलियर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जीवन शैली में सही बदलाव लाकर इसके लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है और पैरों की सूजन को कम किया जा सकता है। यह हार्ट हेल्थ टिप्स न केवल मरीजों के लिए, बल्कि सभी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

आहार और पोषण 

  • नमक/सोडियम पर नियंत्रण: प्रतिदिन 1500mg से 2000mg सोडियम से कम के सेवन लक्ष्य रखें। प्रोसेस्ड फूड, डिब्बाबंद सूप, चिप्स, और अचार से बचें। कम नमक वाला आहार पैरों की सूजन की समस्या को तेजी से कम करता है।
  • संतुलित तरल पदार्थ: अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको रोजाना कितना पानी पीना चाहिए। हार्ट फेलियर में कभी-कभी तरल पदार्थ का सेवन सीमित करना पड़ता है।
  • पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ: केले, शकरकंद, पालक और बीन्स का सेवन करें। पोटेशियम शरीर में सोडियम के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

सक्रिय जीवनशैली

  • नियमित शारीरिक गतिविधि: रोजाना 30 मिनट की हल्की वॉक, साइकिल चलाना, या स्विमिंग रक्त संचार (Blood Circulation) को बेहतर बनाती है और पैरों की सूजन को कम करने में मदद करती है।
  • लंबे समय तक बैठने से बचें: अगर आपकी डेस्क जॉब है, तो हर घंटे उठें और 5 मिनट के लिए टहलें। अपनी सिटिंग पोजिशन बदलते रहें।

अन्य बचाव और जीवनशैली उपाय

  • धूम्रपान और शराब का त्याग: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन सीधे दिल की कार्यक्षमता (Pumping Efficiency) को कम करता है और हार्ट फेलियर को बदतर बनाता है। इन्हें पूरी तरह छोड़ दें।
  • तनाव प्रबंधन: तनाव कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन को बढ़ाता है, जो हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। योग, मेडिटेशन, या गहरी साँस लेने के व्यायाम से तनाव कम करें।
  • वजन का प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखें। अतिरिक्त वजन दिल पर जोर डालता है।

पैरों की सूजन के उपाय और घरेलू उपचार

यदि आपकी पैरों की सूजन गंभीर नहीं है और डॉक्टर ने आपको हरी झंडी दी है, तो यह पैरों की सूजन का घरेलू उपचार सूजन कम करने में मदद कर सकता है - 

  • पैर ऊंचे करके सोएं/आराम करें (Elevation): दिन में 3 से 4 बार 30 मिनट के लिए अपने पैरों को दिल के स्तर से ऊपर उठाएं। सोते समय भी पैरों के नीचे तकिए या कुशन का उपयोग करें। यह गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके तरल पदार्थ को वापस ऊपर की ओर धकेलता है।
  • कंप्रेशन स्टॉकिंग्स (Compression Stockings): डॉक्टर की सलाह पर हल्के या मध्यम दबाव वाले कंप्रेशन सॉक्स पहनें। ये पैरों और टखनों में तरल पदार्थ को जमा होने से रोकते हैं।
  • एप्सम साल्ट सोक (Epsom Salt Soak): गुनगुने पानी में एप्सम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) मिलाकर पैरों की सेक करें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और यह सूजन को थोड़ा कम करने में मदद कर सकता है।
  • हल्की मालिश (Light Massage): हमेशा दिल की दिशा में सूजन वाले हिस्से पर हल्के हाथों से मालिश करें (पैरों से घुटनों की ओर)। इससे ब्लड फ्लो सुधरता है और फंसा हुआ तरल पदार्थ वापस चला जाता है।
  • व्यायाम: टखनों को घुमाने (Ankle Rotation) और पैरों को ऊपर-नीचे करने जैसे हल्के व्यायाम करते रहें, खासकर लंबे समय तक बैठने के बाद।

यदि इन उपायों से भी आपको कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं मिलते हैं और स्थिति ज्यों के त्यों बनी रहती है, तो आपको बिना देर किए एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए और परामर्श लेना चाहिए।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

कौन-से अन्य लक्षण हार्ट फेलियर की चेतावनी देते हैं?

हार्ट फेलियर की चेतावनी देने वाले प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं - सांस का फूलना (ख़ासकर मेहनत करते समय या लेटने पर), रात में लगातार खांसी आना, अत्यधिक थकान और कमजोरी, अचानक वजन बढ़ना, और दिल की धड़कन का तेज या अनियमित होना।

पैरों की सूजन के लिए घर पर क्या उपाय किए जा सकते हैं?

घर पर आप नमक कम खाएं, पैरों को दिल के स्तर से ऊँचा रखकर आराम करें, नियमित रूप से हल्की वॉक करें, और कंप्रेशन सॉक्स पहनें। ठंडा सेक (Ice Pack) भी थोड़ी राहत दे सकता है।

क्या पैर ऊंचे करके सोने से सूजन कम होती है?

हाँ, बिल्कुल। यह पैरों की सूजन को कम करने वाले सबसे प्रभावी घरेलू उपाय हैं। पैरों को दिल के स्तर से ऊपर तकिए या कुशन पर रखने से गुरुत्वाकर्षण की सहायता से अतिरिक्त तरल पदार्थ वापस प्रवाहित होता है, जिससे सूजन में काफी राहत मिलती है।

लंबे समय तक पैरों की सूजन को नजरअंदाज करने के क्या खतरे हैं?

लंबे समय तक पैरों की सूजन को नज़रअंदाज़ करना हार्ट फेलियर, गंभीर किडनी या लिवर रोग का लक्षण हो सकता है। अनदेखी से शरीर में फ्लूड ओवरलोड हो सकता है, जिससे फेफड़ों में पानी भर सकता है, और आपकी जान को भी खतरा हो सकता है।

क्या पैरों की सूजन और सांस लेने में तकलीफ का संबंध होता है?

हां, इनका गहरा संबंध है। जब दिल ठीक से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो न केवल पैरों में, बल्कि फेफड़ों में भी तरल पदार्थ (फ्लूड) जमा होने लगता है। इस स्थिति को पलमोनरी एडिमा कहते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।

Written and Verified by:

Dr. Rakesh Sarkar

Dr. Rakesh Sarkar

Senior Consultant Exp: 16 Yr

Cardiology & Electrophysiology

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Dr. Rakesh Sarkar is a Senior Consultant in Cardiology & Electrophysiology at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 11 years of experience. He specializes in complex arrhythmia management, including atrial fibrillation, ventricular tachycardia, CRT-D, and conduction system pacing.

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