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उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों का संबंध

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उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों का संबंध

Cardiology | by Dr. Shuvo Dutta | Published on 05/09/2024


हाई कोलेस्ट्रोल एक गंभीर समस्या है, जिसका संबंध हृदय रोग से है। यदि आप कोलेस्ट्रोल के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेते हैं तो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में आपको मदद मिल सकती है। चलिए हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों के संबंध के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हैं और पता करते हैं कि इससे कैसे बचा जाए। किसी भी प्रकार के हृदय संबंधित समस्या के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ हृदय विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वैक्स या मोमी पदार्थ है, जिसका उत्पादन हमारे शरीर में ही होता है। इसका पदार्थ का उपयोग कोशिकाओं की दीवारों और कुछ प्रकार के हार्मोन के निर्माण में होता है। लेकिन जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह यह अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों पर जमा होने लग जाते हैं। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण धमनी संकरी हो जाती है, जो हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति कहलाती है। 

हृदय रोग क्या है?

हृदय रोग वह स्थिति है, जिसमें हमारा दिल अपना सामान्य काम नहीं कर पाता है। बहुत सारी समस्याएं होती हैं, जिससे हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, दिल की धड़कन में अनियमितता और हृदय की विफलता। यह सारी समस्याएं हृदय रोग है, जो विभिन्न कारणों से उत्पन्न होती हैं। 

उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के बीच संबंध

हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के बीच एक गहरा नाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है। चलिए इसे एक-एक करके समझते हैं - 

  • सबसे पहले कोलेस्ट्रॉल का जमाव शुरु होता है, जो धमनियों के आंतरिक दीवारों में चिपकना शुरु होता है। यह धीरे-धीरे प्लाक का रूप ले लेता है और धमनियों को संकरा बना देता है।
  • संकरी धमनियों के कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे रक्त प्रवाह में धीमापन आता है और धमनियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके कारण हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
  • इस स्थिति में शरीर के बाकी हिस्सों में स्वस्थ रक्त को पहुंचाने में हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके कारण हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय

हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कई उपाय हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा भी अपने आप कम हो जाता है जैसे - 

  • स्वस्थ आहार: सैचुरेटिड और ट्रांस वसा वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। अपने आहार में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को बढाएं।
  • व्यायाम: नियमित व्यायाम से कोलेस्ट्रॉल का स्तर तो कम होता ही है। इससे हृदय भी स्वस्थ रहता है। कई मामलों में व्यायाम से हृदय स्वास्थ्य में वृद्धि देखी गई है। 
  • वजन कम करना: अधिक वजन होने पर वजन पर काम करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी गिरावट देखी गई है।
  • दवाएं: यदि कोई दवा डॉक्टर ने प्रिस्क्राईब की है, तो उन्हें समय पर लें। 
  • धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसे छोड़ने से बैड़ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है।
  • हृदय स्वास्थ्य के लिए नियमित जांच: हृदय स्वास्थ्य की नियमित जांच हृदय रोग के जोखिम को कई गुना तक कम करने में मदद कर सकता है। इसमें ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय की गति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है। 

इसके अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल कम करने के अन्य उपाय भी उपलब्ध हैं, जो अक्सर कोलेस्ट्रॉल के प्रकार के ऊपर भी निर्भर करते हैं। इसके लिए हम आपको सलाह देंगे कि एक अच्छे डॉक्टर से मिलने की सलाह देते हैं। 

निष्कर्ष

इस ब्लॉग से हमें यह समझ आ गया है कि हाई कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित रूप से चिकित्सा जांच आपके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है, जिससे आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल या हृदय रोग के संबंध में कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें या फिर हमारे सर्वश्रेष्ठ और अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


हाई कोलेस्ट्रॉल कैसे हृदय रोगों का कारण बन सकता है?

हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में प्लाक धमनियों में जम जाता है, जिससे वह संकरी हो जाती हैं। इसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और दिल को कम ऑक्सीजन मिलता है। इसके कारण व्यक्ति हृदय रोग का सामना करता है। 

कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशक का क्या संबंध है?

हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर अक्सर साथ-साथ होते हैं। दोनों ही हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं। हाई ब्लड प्रेशर धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है।

नियमित कोलेस्ट्रॉल जांच क्यों जरूरी है?

नियमित कोलेस्ट्रॉल जांच से हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति का जल्दी पता लगाया जा सकता है। जल्दी पता चलने पर उचित उपचार से हृदय रोग के खतरे को आसानी से कम किया जा सकता है।