आर्थराइटिस (गठिया) एक ऐसी समस्या है, जो जोड़ों की सूजन को संदर्भित करता है, जिसके कारण व्यक्ति को दर्द, सूजन और सीमित गतिशीलता की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या एक या कई जोड़ों को प्रभावित कर सकता है और आमतौर पर जोड़ों के टीबी या प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं से संबंध रखता है। अर्थराइटिस वृद्ध वयस्कों में अधिक आम है, लेकिन यह युवा व्यक्तियों में ज्यादा देखा जाता है।
अर्थराइटिस (गठिया), एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन की समस्या होती है। दुनिया भर में लाखों लोग इस स्थिति से प्रभावित होते है, जिसके कारण उनके जीवन की गुणवत्ता और गतिशीलता को भारी नुकसान होता है।
कई कारणों से यह समस्या एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है, जिनको समझना बहुत ज्यादा ज़रूरी है। इस ब्लॉग में, हम अर्थराइटिस के पांच प्रमुख प्रकारों, उनके लक्षणों और असुविधा को कम करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचारों के बारे में जानेंगे। गठिया के इलाज के लिए जल्द से जल्द एक अच्छे एवं अनुभवी गठिया रोग विशेषज्ञ से मिलें और उनसे इलाज लें।
आर्थराइटिस (गठिया) एक ऐसी समस्या है, जो जोड़ों की सूजन को संदर्भित करता है, जिसके कारण व्यक्ति को दर्द, सूजन और सीमित गतिशीलता की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या एक या कई जोड़ों को प्रभावित कर सकता है और आमतौर पर जोड़ों के टीबी या प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं से संबंध रखता है। अर्थराइटिस वृद्ध वयस्कों में अधिक आम है, लेकिन यह युवा व्यक्तियों में ज्यादा देखा जाता है।
अर्थराइटिस की शुरुआत कई कारकों से हो सकती है, जिसमें जेनेटिक कारण, चोट, जीवनशैली की आदतें और ऑटोइम्यून विकार शामिल है। अर्थराइटिस के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि -
इनके अतिरिक्त भी कुछ कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में विस्तार से बात करने की आवश्यकता है।
अर्थराइटिस लगभग 100 बीमारियों का संग्रह है, लेकिन अर्थराइटिस 5 मुख्य प्रकार के होते हैं -
हालांकि अर्थराइटिस के लक्षण प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी अवश्य होनी चाहिए -
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो सटीक निदान और उचित उपचार के लिए अर्थराइटिस विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। वह एक्स-रे, एमआरआई और ब्लड टेस्ट जैसे जांच की मदद से गठिया के प्रकार की पुष्टि कर इलाज करा सकते हैं।
अर्थराइटिस के इलाज में दवाएं और अन्य एलोपैथिक इलाज के विकल्प बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि कुछ प्राकृतिक उपचारों की मदद से इस स्थिति का इलाज प्रभावी ढंग से और तेजी से हो सकता है जैसे कि -
गठिया की पहचान करना आसान है और जैसे ही आपको पहचान हो जाए तो आप सबसे पहले अर्थराइटिस रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलें। जब तक आप उनसे नहीं मिलते हैं, तब तक आप इस ब्लॉग में मौजूद घरेलू उपायों का पालन कर सकते हैं।
अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए सबसे तेज़ तरीका गर्म और ठंड की सेक लगाना, ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं खाना और व्यायाम एवं स्वस्थ जीवन शैली का संयोजन है।
हां, ठंड और नमी वाले मौसम अर्थराइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि कम तापमान जोड़ों की कठोरता और परेशानी को बढ़ाते हैं। इसी मौसम में अधिक रोगी आते हैं।
जी हां, योग जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करता है, कठोरता को कम करता है और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद करता है, जो अर्थराइटिस के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
Written and Verified by:
Dr. Rakesh Rajput has been associated with reputed organizations like Frenchay Hospital-Bristol, Weston General Hospital- UK, Musgrove Park Hospital – UK, Bristol Royal Infirmary – UK, Southmead Hospital – UK, Yeovil Hospital – UK, Whipps Cross Hospital – UK, Perth Royal Hospital – Australia, Inverclyde Royal- UK, Cork University Hospital – Ireland, St. Nessan’s Regional, James Connolly Memorial Hospital – Germany, Benenden Hospital – UK.
He is the Ex- Secretary of WBAS, Joint Secretary of Indian Arthroplasty Association, President Elect of Pelvic & Acetabular Surgeons of India, Board Member of Indian Medical Association, Board Member of Indian Orthopedic Association. He is also associated with Tripura Medical College.
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