Enquire now
Enquire NowCall Back Whatsapp
हार्ट अटैक के बाद जीवन शैली में करें ये 7 बदलाव, दिल रहेगा स्वस्थ

Home > Blogs > हार्ट अटैक के बाद जीवन शैली में करें ये 7 बदलाव, दिल रहेगा स्वस्थ

हार्ट अटैक के बाद जीवन शैली में करें ये 7 बदलाव, दिल रहेगा स्वस्थ

Cardiology | by Dr. Rakesh Sarkar | Published on 26/09/2024


हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इंफार्क्शन ऐसी घटना है, जो किसी भी व्यक्ति का जीवन गंभीर रूप से बदल सकती है। हार्ट अटैक के पहले स्ट्रोक के बाद दूसरे स्ट्रोक के आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। दिल हमारे शरीर का सबसे नाजुक भाग है, जिसके इलाज के लिए हमेशा एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से ही परामर्श लेना चाहिए।

हालांकि, सही कदम और जीवनशैली में बदलाव के साथ, आप अपने हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और हार्ट अटैक के अगले स्टेज पर जाने से आप बच सकते हैं। नीचे हम हार्ट अटैक के बाद जीवनशैली में लाने वाले 7 मुख्य बदलावों के बारे में बात करेंगे, जिससे आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। 

दिल का दौरा पड़ता है तो क्या होता है?

हार्ट अटैक के पीछे का कारण रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में रुकावट है। इस रुकावट के पीछे का कारण अक्सर वसायुक्त जमाव, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण होता है, जो धीरे-धीरे धमनियों की दीवारों पर जमा होने लगता है। इसके कारण धमनियों के चारों तरफ रक्त का थक्का बनने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाती है। 

इस रुकावट के कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन वाला रक्त नहीं पहुंच पाता है, जिससे दिल के दौरे जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

दिल के दौरे का लंबे समय तक प्रभाव

जैसे ही कोई दिल के दौरे के बाद रिकवर होता है, उसके बाद उस व्यक्ति को कुछ दीर्घकालिक प्रभाव का अनुभव करना पड़ता है, जो सभी में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों को निम्न प्रभावों का अनुभव हो सकता है - 

  • दिल के रक्त को पंप करने की क्षमता कमजोर होना, जो दिल की विफलता की ओर चला जाता है।
  • दिल की धड़कन में अनियमितता का जोखिम बढ़ जाना।
  • हार्ट अटैक के खतरे के दायरे में होने के कारण चिंता या अवसाद जैसी भावना उत्पन्न होना।

इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति को लंबे समय तक जीवित रहना है, तो उसे अपनी जीवनशैली में कुछ आवश्यक बदलाव करने होंगे, जिनके बारे में हम नीचे आपको विस्तार से बताने वाले हैं। 

दिल के दौरे से कैसे उबरें?

दिल के दौरे से उबरने के लिए तीन-चार चीजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि चिकित्सा देखभाल, जीवनशैली में बदलाव और भावनात्मक समर्थन। हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, जिससे उबरने के लिए आप निम्न निर्देशों का पालन कर सकते हैं - 

  • अपने डॉक्टर के सलाह का पालन करें: निर्धारित दवाएं समय पर लें और डॉक्टर से परामर्श समय-समय पर लेते रहें। रक्त पतला करने वाली दवाएं, बीटा-ब्लॉकर्स या स्टैटिन जैसी दवाएं डॉक्टर दे सकते हैं।
  • कार्डियक रिहैबिलिटेशन: कार्डियक रिहैबिलिटेशन सेशन में भाग लेने से हृदय की कार्यक्षमता में सुधार देखने को मिल सकता है। 
  • दिल के लिए स्वस्थ आहार अपनाएं: सोडियम, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल को कम करने और फाइबर, फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं। 

हार्ट अटैक के बाद जीवनशैली में बदलाव

हार्ट अटैक के बाद स्वस्थ हृदय सुनिश्चित करने के लिए व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में कई बदलाव जरूरी है। जीवन में इन 7 बदलावों से हार्ट अटैक के बाद जीवन काफी हद तक आसान हो जाएगा - 

  1. हार्ट-हेल्दी डाइट अपनाएं: फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर डाइट का पालन करें। सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी से दूरी बनाएं। यह सारे निर्देश रिकवरी में बहुत मदद करते हैं।
  2. नियमित व्यायाम करें: क्या हार्ट अटैक के बाद व्यायाम करना सुरक्षित है? जी हां, हम और हमारे सभी हृदय रोग विशेषज्ञ यह मानते हैं कि दिल के दौरे के बाद मध्यम शारीरिक गतिविधि, जैसे चलना, तैरना या हल्की जॉगिंग नियमित रूप से करने से पेशेंट को लाभ मिलता है।
  3. तनाव का प्रबंधन करें: अधिक तनाव हमारे हृदय के लिए अच्छा नहीं होता है, क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ऐसे में तनाव को मैनेज करें और हृदय की समस्याओं को दूर करें। 
  4. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान दिल के दौरे का प्राथमिक जोखिम कारक है। यदि आप धूम्रपान को हमेशा के लिए छोड़ देते हैं, तो भविष्य में दिल के दौरे की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। 
  5. शराब का सेवन सीमित करें: धूम्रपान के साथ-साथ शराब भी आपके सेहत के लिए सही नहीं है। प्रयास करें शराब भी छोड़ दें। यदि छोड़ नहीं पा रहे हैं, तो मध्यम शराब का सेवन (जैसे रेड वाइन) आप कर सकते (सीमित मात्रा) हैं। 
  6. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य रखें: दिल के दौरे के बाद, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी करें और उनका सामान्य स्तर बनाए रखें। नियमित जांच और निर्धारित दवाएं आपके लिए लाभकारी होंगे। 
  7. नियमित चिकित्सा जांच: दिल के दौरे के बाद नियमित चिकित्सा स्वास्थ्य जांच कब और क्यों आवश्यक है? इस प्रश्न का उत्तर सबसे आसान है। सबसे पहले तो आप हर कुछ महीनों में डॉक्टर से जांच कराएं। इसके साथ-साथ किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। 

निष्कर्ष

हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, जिससे जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। नियमित जांच कराएं और भविष्य की जटिलताओं से खुद को बचाएं। दिल के स्वास्थ्य की जांच एवं इलाज के लिए आप हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से भी परामर्श कर सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिल के दौरे से उबरने में कितना समय लगता है?

हार्ट अटैक की गंभीरता और व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारकों के आधार पर पूर्ण रूप से रिकवर होने का समय अलग-अलग होता है। इस स्थिति से पूर्ण रूप से उबरने के लिए सामान्य गतिविधियों में वापस आने में कुछ हफ़्ते से लेकर कुछ महीने तक का समय लग सकता है। 

क्या दिल के दौरे के बाद नियमित रूप से व्यायाम करना सुरक्षित है?

हां, लेकिन प्रयास करें हल्के व्यायाम से शुरुआत करें और मध्यम व्यायाम ही करें। किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले आप अपने डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं। 

दिल के दौरे के बाद नियमित चिकित्सा जांच कब और क्यों ज़रूरी है?

इसमें कंप्लीट रिकवरी के लिए दवाओं का सेवन तो व्यक्ति को करना ही होता है, इसके साथ-साथ हर कुछ समय में परामर्श भी जरूरी होता है। प्रयास करें कि हर कुछ समय में अपने हृदय की जांच कराते रहें।