हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इंफार्क्शन ऐसी घटना है, जो किसी भी व्यक्ति का जीवन गंभीर रूप से बदल सकती है। हार्ट अटैक के पहले स्ट्रोक के बाद दूसरे स्ट्रोक के आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। दिल हमारे शरीर का सबसे नाजुक भाग है, जिसके इलाज के लिए हमेशा एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से ही परामर्श लेना चाहिए।
हालांकि, सही कदम और जीवनशैली में बदलाव के साथ, आप अपने हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और हार्ट अटैक के अगले स्टेज पर जाने से आप बच सकते हैं। नीचे हम हृदय की देखभाल के लिए जीवनशैली में लाने वाले 7 मुख्य बदलावों के बारे में बात करेंगे, जिससे आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
हार्ट अटैक के पीछे का कारण रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में रुकावट है। इस रुकावट के पीछे का कारण अक्सर वसायुक्त जमाव, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण होता है, जो धीरे-धीरे धमनियों की दीवारों पर जमा होने लगता है। इसके कारण धमनियों के चारों तरफ रक्त का थक्का बनने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाती है।
इस रुकावट के कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन वाला रक्त नहीं पहुंच पाता है, जिससे दिल के दौरे जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जैसे ही कोई दिल के दौरे के बाद रिकवर होता है, उसके बाद उस व्यक्ति को कुछ दीर्घकालिक प्रभाव का अनुभव करना पड़ता है, जो सभी में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों को निम्न प्रभावों का अनुभव हो सकता है -
इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति को लंबे समय तक जीवित रहना है, तो उसे अपनी जीवनशैली में कुछ आवश्यक बदलाव करने होंगे, जिनके बारे में हम नीचे आपको विस्तार से बताने वाले हैं।
दिल के दौरे से उबरने के लिए तीन-चार चीजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि चिकित्सा देखभाल, जीवनशैली में बदलाव और भावनात्मक समर्थन। हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, जिससे उबरने के लिए आप निम्न निर्देशों का पालन कर सकते हैं -
हार्ट अटैक के बाद स्वस्थ हृदय सुनिश्चित करने के लिए व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में कई बदलाव जरूरी है। जीवन में इन 7 बदलावों से हार्ट अटैक के बाद जीवन काफी हद तक आसान हो जाएगा -
हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, जिससे जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। हृदय की देखभाल करें और नियमित जांच कराएं और भविष्य की जटिलताओं से खुद को बचाएं। दिल के स्वास्थ्य की जांच एवं इलाज के लिए आप हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से भी परामर्श कर सकते हैं।
हार्ट अटैक की गंभीरता और व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारकों के आधार पर पूर्ण रूप से रिकवर होने का समय अलग-अलग होता है। इस स्थिति से पूर्ण रूप से उबरने के लिए सामान्य गतिविधियों में वापस आने में कुछ हफ़्ते से लेकर कुछ महीने तक का समय लग सकता है।
हां, लेकिन प्रयास करें हल्के व्यायाम से शुरुआत करें और मध्यम व्यायाम ही करें। किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले आप अपने डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं।
इसमें कंप्लीट रिकवरी के लिए दवाओं का सेवन तो व्यक्ति को करना ही होता है, इसके साथ-साथ हर कुछ समय में परामर्श भी जरूरी होता है। प्रयास करें कि हर कुछ समय में अपने हृदय की जांच कराते रहें।
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