दिल का दौरा - कारण, लक्षण और उपाय
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दिल का दौरा - कारण, लक्षण और उपाय

Summary

दिल का दौरा, जिसे हम हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहते हैं, हृदय की एक आपातकालीन स्थिति होती है।

कई बार हम थकान, सीने में दर्द या ज्यादा गर्मी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। अक्सर हमें लगता है कि यह एसिडिटी या अच्छी नींद न लेने की वजह से हो रहा है। लेकिन हमें यह जान लेना चाहिए कि यह लक्षण दिल के दौरे का संकेत भी हो सकता है। दिल की समस्याओं को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह सीधा आपकी जान से जुड़ा हुआ मामला है।

जैसे ही आपको हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हो, तुरंत किसी अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। वह आपको इस स्थिति के बारे में सही जानकारी देकर आपकी जान बचाने में मदद कर सकते हैं।

दिल का दौरा क्या है?

दिल का दौरा, जिसे हम हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहते हैं, हृदय की एक आपातकालीन स्थिति होती है। इसमें हृदय तक जाने वाले रक्त प्रवाह में रुकावट आ जाती है, जिससे हृदय की मांसपेशियों को भारी नुकसान भी पहुंचता है। यह तब होता है, जब कोरोनरी आर्टरी में प्लाक बनने के कारण रक्त का थक्का जम जाता है। इस वजह से हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है और व्यक्ति की जान को गंभीर खतरा भी हो सकता है।

इस स्थिति में भी कई लोग हमसे पूछते हैं कि हार्ट अटैक से बचने के उपाय बताइए। हमारा सुझाव है कि ऐसा करने की बजाय, हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

दिल के दौरे के प्रमुख लक्षण

हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जो ज्यादातर मामलों में देखे जा सकते हैं - 

  • सीने में दर्द या भारीपन, जो बांह, गर्दन, या पीठ तक फैल सकता है।
  • अचानक से सांस लेने में कठिनाई।
  • बिना किसी शारीरिक मेहनत के अत्यधिक पसीना आना।
  • अत्यधिक थकान या चक्कर आना।
  • पेट में दर्द या उल्टी जैसा महसूस होना।

इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। सही समय पर इलाज से जीवन बचाया जा सकता है।

दिल के दौरे का कारण

दिल के दौरे के कई कारण होते हैं, जिनमें मुख्य कारण हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी आर्टरी में रुकावट है। यह रुकावट अक्सर कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण होती है, जिससे हृदय की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। इस रुकावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि - 

  • रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का जमाव।
  • हाई ब्लड प्रेशर से हृदय पर अतिरिक्त दबाव।
  • धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होना।
  • डायबिटीज से हृदय रोग का खतरा बढ़ना।
  • अधिक वजन से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ना।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी से हृदय रोग का खतरा बढ़ना।
  • परिवार में हृदय रोग की फैमिली मेडिरल हिस्ट्री होना।

यह सभी कारण एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति को जन्म देते हैं, जिसमें आर्टरी की दीवारें मोटी और संकुचित हो जाती हैं, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह भी कम हो जाता है।

हार्ट अटैक आने से पहले के संकेत

हार्ट अटैक से पहले शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें हमें गंभीरता से लेना चाहिए। इनमें शामिल हैं - 

  • सीने में दर्द या भारीपन, जो एसिडिटी जैसा महसूस हो सकता है।
  • बाएं हाथ, गर्दन, या जबड़े में दर्द।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • अत्यधिक पसीना आना, चाहे आप ठंडे माहौल में ही क्यों न हों।
  • चक्कर आना और अत्यधिक थकान।
  • पेट में दर्द या उल्टी जैसा महसूस होना।

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज लें।

हार्ट अटैक से बचने के उपाय 

दिल का दौरा पड़ने से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जैसे कि - 

  • धूम्रपान छोड़ें, इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होगा।
  • स्वस्थ एवं संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां और स्वस्थ वसा शामिल हों।
  • नियमित व्यायाम करें और शारीरिक गतिविधि को जीवन का हिस्सा बनाएं।
  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • तनाव को कम करें, इसके लिए योग और ध्यान करें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

हार्ट अटैक आने पर प्राथमिक उपचार

यदि किसी को दिल का दौरा पड़ने का संदेह हो, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें और इन कदमों का पालन करें - 
 

दिल का दौरा पड़ने पर प्राथमिक उपचार

Step 1

पेशेंट को एक आरामदायक स्थिति में बैठाएं और आराम करने को कहें।

Step 2

टाइट कपड़ों को ढीला करें और उनसे दिल की दवा के बारे में पूछें।

Step 3

अगर व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा है, तो तुरंत सीपीआर देना शुरू करें।

Step 4

यदि व्यक्ति होश में है और निगलने में सक्षम है, तो उसे एस्पिरिन दें। इससे रक्त के थक्कों के जोखिम को कम किया जा सकता है।

Step 5

व्यक्ति को आश्वस्त करें और उन्हें शांत रखें, क्योंकि तनाव से दिल का दौरा पड़ सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है। 

Step 6

व्यक्ति की सांस और पल्स की निगरानी करें, और यदि आवश्यक हो तो सीपीआर देते रहें।

ध्यान रखें, हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, और समय पर इलाज से जीवन बचाया जा सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


हार्ट अटैक आने की उम्र क्या है? 

दिल का दौरा किसी भी उम्र में पड़ सकता है, लेकिन 45 वर्ष से अधिक के पुरुषों और 55 वर्ष से अधिक की महिलाओं में इसका जोखिम अधिक होता है।

हार्ट अटैक आने पर क्या करें? 

अगर आपको या किसी और को दिल का दौरा पड़ने के लक्षण दिखे, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें और प्राथमिक उपचार करें।

हार्ट अटैक क्यों और कैसे आता है?

दिल का दौरा तब पड़ता है, जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली एक या अधिक कोरोनरी आर्टरी में रुकावट आ जाए, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इसके कारण दिल का दौरा पड़ता है।


 

Written and Verified by:

Dr. Harish Khanna

Dr. Harish Khanna

Director Exp: 23 Yr

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Dr. Harish Khanna is the Director of Cardiac Anesthesia Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur with over 23 years of experience. He specializes in cardiac-anaesthesiology with special interest in minimally invasive cardiac surgery and transesophageal echocardiography (TEE).

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