नवरात्रि आते ही, लोगों के जीवन में हर्ष और उल्लास आ जाता है। लेकिन इस नवरात्रि आप सभी एक वादा करें कि आप अपनी श्रद्धा के साथ-साथ अपनी सेहत और खास-तौर पर अपने दिल का भी ख्याल अच्छे से रखें। हाई ब्लड प्रेशर या बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण अक्सर कई लोगों को परेशानी हो सकती है जैसे कि - चक्कर आना, सिरदर्द होना, या रिपोर्ट्स में अनचाहे नंबर आना।
यहां आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सही उपवास डाइट, दवा की नियमितता, पानी की सही मात्रा, और कुछ छोटे-छोटे बदलाव इस नौ दिन के उपवास को दिल और दिमाग के लिए सुरक्षित और लाभकारी बना सकते हैं। तुरंत एक छोटा सा कदम उठाएं और अपना लिपिड प्रोफाइल और बीपी चेकअप बुक कराएं। इससे नवरात्रि की शुरुआत भरोसे और तैयारी के साथ हो सकती है। यही वह क्षण है जब एक क्लिक बेहतर सेहत की राह खोल सकता है।
उपवास और ब्लड प्रेशर-कोलेस्ट्रॉल का संबंध
उपवास का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, खासकर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में। उपवास करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे शरीर की सूजन घटती है और वजन नियंत्रित रहता है। सही उपवास डाइट में कैलोरी और नमक का नियंत्रण होता है, साथ ही फाइबर-युक्त और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ भी शामिल होते हैं, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल दोनों के प्रबंधन में मददगार होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए घुलने वाले फाइबर जैसे कि सेब, नाशपाती, साइट्रस फल, और अच्छे फैट्स जैसे कि अखरोट, बादाम, फ्लैक्स सीड का सेवन एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही, लो-फैट डेयरी उत्पाद भी इस प्रक्रिया में योगदान देते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए मुख्य तत्व है—सोडियम की मात्रा कम रखना, पोटैशियम-समृद्ध सब्जियां लेना, शरीर में पर्याप्त हाइड्रेशन बनाए रखना, और हल्की फिजिकल एक्टिविटी करना। यह सभी तत्व मिलकर ब्लड प्रेशर को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
ध्यान रखें, उपवास के दौरान लंबे समय तक भूखे रहना, फ्राइड फूड का सेवन या अधिक मीठा पीना/खाना ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण की पूरी मेहनत को वेस्ट कर सकता है। इसलिए उपवास में सही खाद्य पदार्थों और संतुलित भोजन का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल वालों के लिए नवरात्रि व्रत की सावधानियां
हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए कुछ आवश्यक बातें हैं, जो इन्हें ज़रूर पता होनी चाहिए जैसे कि -
- डॉक्टर से बात करें: जो व्यक्ति लंबे समय से हाई BP और हाई कोलेस्ट्रॉल की दवा खा रहे हैं और जिनका LDL/ट्राइग्लिसराइड ज्यादा है, वह किसी भी व्रत या फिर अनुष्ठान को करने से पहले अपने डॉक्टर से मिलें और उनसे इस स्थिति के बारे में बात करें।
- दवा मत छोड़ें: उपवास में भी ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की दवाएं जारी रखें। जरूरत हो तो टाइमिंग/डोज़ डॉक्टर के निर्देश पर ही बदलें, लेकिन दवा छोड़ने से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- हाइड्रेशन: दिन में 2.5–3 लीटर फ्लूइड जैसे कि पानी पीते रहें। इसके अतिरिक्त नारियल पानी और हर्बल चाय समय-समय पर लेते रहें। कम पानी ब्लड प्रेशर को अस्थिर और सिरदर्द/थकान बढ़ा सकता है।
- नमक सीमित करें: सेंधा नमक ही लें, पर मात्रा सीमित करें। इसके अतिरिक्त पैक्ड स्नैक्स/फ्रिटर्स में छिपा सोडियम भी ध्यान में रखें और इनके सेवन से भी दूरी बनाएं।
- लंबा उपवास नहीं: 24 घंटे से लंबा उपवास न रखें। इसके अतिरिक्त निर्जल उपवास भी आपके लिए स्वस्थ नहीं है, क्योंकि इससे कमजोरी, चक्कर आना, और ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव का जोखिम बढ़ता है।
- मॉनिटरिंग: रोज सुबह/शाम बीपी रीडिंग लें। चक्कर, धड़कन तेज होना, सीने में दबाव या गंभीर सिरदर्द हो तो उपवास तोड़ें और तुरंत डॉक्टर से मिलकर परामर्श लें।
उपवास में खाए जाने वाले हेल्दी और सुरक्षित खाद्य पदार्थ
नवरात्रि व्रत में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो आपको सुरक्षित और हेल्दी रखते हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
अनाज (उपवास-फ्रेंडली, फाइबर-रिच)
- कुट्टू का आटा (Buckwheat): इसका सेवन रूटीन जैसे फ्लेवोनॉयड्स रक्त वाहिनियों को सपोर्ट करते हैं। कुट्टू की रोटी/चीला/डोसा को हल्के तेल या घी में बनाएं, जिससे आपको इसका लाभ मिलता रहेगा।
- राजगीरा (Amaranth): यह पदार्थ मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसे आप रोटी/लड्डू/उपमा के रूप में ले सकते हैं और प्रयास करें कि इसे तले नहीं।
- सिंघाड़ा आटा: इस प्रकार का आटा बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें कम सोडियम होता है जो कि नवरात्रि के उपवास में एक अच्छा विकल्प है।
- समक/सामा चावल: यह हल्का, पचने में आसान होता है, जिसे आप खिचड़ी/उपमा/पुलाव के रूप में आप खा सकते हैं। इसे कम तेल में बनाएं।
ताजे फल
- सेब, नाशपाती, संतरा/मौसमी, अनार, बेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो LDL और ट्राइग्लिसराइड्स पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- हाई-शुगर फ्रूट्स (बहुत पका केला/चीकू/आम) सीमित मात्रा मे ही लें। हालांकि यह लाभकारी होते हैं, लेकिन यदि ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा हो, तो अधिक मीठे फलों से भी दूरी बनाएं।
ताजी सब्जियां
- शकरकंद, कद्दू, लौकी, और पालक पोटेशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- प्रयास करें कि इन सब्जियों को उबालकर या फिर स्टीम करके ही खाएं। इन्हें डीप फ्राई न करें।
नट्स और सीड्स
- बादाम, अखरोट, फ्लेक्स सीड, और चिया सीड्स में ओमेगा-3 और फाइबर आपके हार्ट के लिए हेल्दी होते हैं। रोज 1 छोटी मुट्ठी (लगभग 25–30 ग्राम) नट्स और सीड्स को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
डेयरी प्रोडक्ट
- स्किम्ड/लो-फैट दही/दूध, पनीर को सीमित करें। इसके अतिरिक्त तला हुआ पनीर का सेवन न करें। दही-ककड़ी/पुदीना रायता हाई ब्लड प्रेशर और पाचन दोनों के लिए बढ़िया है।
हाइड्रेशन
- सादा पानी, नारियल पानी (इलेक्ट्रोलाइट्स), ग्रीन/तुलसी चाय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनके सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। पैक्ड जूस/सोडा से दूरी बनाएं।
हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल डाइट: क्या न खाएं
हाई बीपी के पेशेंट्स को कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह हम भी देते हैं, जैसे कि -
- डीप-फ्राइड: पकोड़े, साबूदाना वड़ा, तले आलू का सेवन न करें क्योंकि यह शरीर में कैलोरी इनटेक तो बढ़ाता ही है, इसके साथ साथ यह ब्लड प्रेशर और लिपिड के स्तर को भी बढ़ाता है।
- बहुत मीठा: चीनी से बनी खीर/हलवा आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकता है। यदि आप चीनी को कम करने के लिए गुड या शहद का सेवन करते हैं, तो भी इसे सीमित करें।
- पैक्ड स्नैक्स: नमकीन/फ्राईम्स/फ्लेवर ड्रिंक में हिडन सोडियम और शुगर होता है, जिससे हार्ट और हाई बीपी के पेशेंट्स को बचना चाहिए।
- ज्यादा कैफीन: खाली पेट ज्यादा कॉफी/कड़क चाय शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। हल्की/हर्बल चाय आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। प्रयास करें कि व्रत में चाय न पीएं।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बैलेंस के आसान घरेलू उपाय
नवरात्रि व्रत या किसी भी उपवास के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पेशेंट्स के लिए इनका नियंत्रण विशेष महत्व रखता है, क्योंकि लंबे वक्त तक भोजन में बदलाव और पोषण संबंधी चुनौतियां स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर आप सुरक्षित और स्वस्थ नवरात्रि व्रत कर सकते हैं -
- नमक का स्मार्ट उपयोग: उपवास के दिनों में सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक (रॉक साल्ट) का उपयोग होता है, लेकिन आपको इसको कम मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए। सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा थोड़ी कम होती है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है। इसके अलावा, भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू, ताजा धनिया, पुदीना, काला जीरा और काली मिर्च जैसे प्राकृतिक हर्ब्स और मसालों का प्रयोग आप कर सकते हैं। यह न केवल नमक की कमी को पूरा करते हैं, बल्कि रक्त संचार को सुचारू बनाए रखने और उसकी गुणवत्ता सुधारने में भी सहायक होते हैं।
- कुशल और स्वास्थ्यवर्धक कुकिंग तकनीक: व्रत के दौरान ज्यादा तेल या घी के सेवन से बचें। भोजन पकाने के लिए स्टीमिंग, ग्रिलिंग, बेकिंग जैसे स्वस्थ तरीके अपनाएं ताकि आपको पोषक तत्व बिना अतिरिक्त फैट के मिले। डीप फ्राई या तली हुई चीजें कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर दोनों के लिए नुकसानदायक होते हैं।
- माइंडफुल ईटिंग (सचेत भोजन): उपवास के दौरान भोजन को ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे खाएं। जल्दी-जल्दी खाने से न केवल पाचन प्रभावित होता है, बल्कि ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं। व्रत खोलते समय खास ध्यान रखें कि भोजन कम मात्रा में और आराम से लें। इससे शरीर को भोजन पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में आसानी होती है।
- तनाव प्रबंधन: तनाव सीधे तौर पर हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। नवरात्रि के उपवास के दौरान मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए ध्यान, भजन, या गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज (ब्रीदिंग एक्सरसाइज) करें। यह तनाव को कम करते हैं और दिल को स्वस्थ रखते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।
- नियमित ब्लड प्रेशर ट्रैकिंग: घर में ब्लड प्रेशर मॉनिटर करना और रोजाना ब्लड प्रेशर की जांच करके रीडिंग नोट करना आवश्यक है। व्रत के दौरान अगर ब्लड प्रेशर में कोई असामान्यता दिखे या अचानक बढ़ जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित ट्रैकिंग से संभावित खतरा समय रहते पता चल जाता है और उचित इलाज भी तभी संभव है।
- उपवास के दौरान शारीरिक गतिविधि: हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि दिल की सेहत के लिए जरूरी है। रोज 20–30 मिनट तेज चलना (brisk walk) या योगाभ्यास जैसे प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, और स्ट्रेचिंग करना लाभदायक है। गरबा या नवरात्रि डांस करते समय मध्यम गति अपनाएं, और थकावट या चक्कर महसूस होने पर तुरंत रोकें और आराम करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद: रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना ब्लड प्रेशर और हार्मोन संतुलन के लिए जरूरी है। नींद की कमी से भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन बिगड़ सकते हैं और ब्लड प्रेशर अस्थिर हो सकता है, जिससे उपवास का सम्पूर्ण प्रभाव खराब हो सकता है।
निष्कर्ष: अब कदम बढ़ाएं
नवरात्रि का उपवास दिल, दिमाग और शरीर, तीनों के लिए शुद्धि का अवसर है। यदि हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल परेशान करता है, तो इस बार उपवास में अपनी डाइट में ऊपर बताए गए उपायों का पालन करें। मुख्य रूप से कम नमक, सही अनाज, फल-सब्जी, अच्छे फैट्स, हाइड्रेशन, हल्की एक्टिविटी और दवा की नियमितता इसमें आपकी मदद करेंगे।
अभी एक छोटा कदम उठाएँ, लिपिड प्रोफाइल/बीपी टेस्ट बुक करें या डॉक्टर से कंसल्ट करें, ताकि उपवास के हर दिन में भरोसा, सुरक्षा और स्वास्थ्य आपके साथ रहे। यही वह बदलाव है, जो त्योहार के बाद भी बने रहता है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या उपवास से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है?
अगर पानी कम, नमक ज्यादा, या लंबे समय तक भूखे रहे तो BP फ्लकचुएट कर सकता है। सही हाइड्रेशन, कम सोडियम, और छोटे-छोटे मील्स से BP स्थिर रखा जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल के लिए उपवास में कौन-से फल सही हैं?
सेब, नाशपाती, संतरा/मौसमी, अनार, बेरी—इनमें आसानी से घुलने वाले फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। बहुत मीठे फलों (बहुत पका केला/चीकू) का सीमित सेवन करें, खासकर अगर ट्राइग्लिसराइड्स हाई हों।
क्या ब्लड प्रेशर की दवा उपवास में लेनी चाहिए?
हाँ, दवा जारी रखें। टाइमिंग/डोज़ परिवर्तन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करें, क्योंकि डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार ही आपको दवा के डोज में बदलाव का सुझाव देंगे। खुद से दवा बंद न करें।
उपवास के दौरान नमक का सेवन कैसे करें?
यदि आप हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल का सामना कर रहे हैं तो केवल सेंधा नमक, वह भी सीमित मात्रा में ही करें। पकवान में स्वाद के लिए नींबू, हर्ब्स और मसालों का सहारा लें।
क्या उपवास हाई कोलेस्ट्रॉल मरीजों के लिए सुरक्षित है?
सही उपवास डाइट, हाइड्रेशन, पोर्शन कंट्रोल और दवा नियमित रखने पर उपवास आपके लिए सुरक्षित और मददगार हो सकता है। असामान्य लक्षण (सीने में दर्द, चक्कर/बेहोशी, तेज धड़कन) पर उपवास रोकें और डॉक्टर से संपर्क करें।
उपवास में क्या खाएं ताकि पेट हल्का रहे और एनर्जी बनी रहे?
कुट्टू/राजगीरा/समक, दही-ककड़ी, शकरकंद, पालक, और अनार/संतरा/सेब, बादाम/अखरोट का सेवन आप कर सकते हैं। भोजन को पकाने में कम तेल और कम नमक का उपयोग करें और पर्याप्त पानी भी पीते रहें।