हाई कोलेस्ट्रॉल हमेशा से ही एक चिंता का विषय रहा है। हाल के वर्षों में, युवाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल के मामलों में वृद्धि देखी गई है। पहले के समय में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या वृद्ध लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब खराब जीवनशैली और आहार के कारण युवाओं में भी इस समस्या में प्रसार देखा जा रहा है। अमेरिका में हुई एक रिसर्च के अनुसार लगभग 7% बच्चे और किशोरों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी गई है। यह आंकड़ा केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है और पूरे विश्व में युवाओं में कोलेस्ट्रॉल की समस्या सामान्य होने लगी है।
कोलेस्ट्रॉल को अक्सर वृद्ध लोगों के साथ जोड़कर देखा जाता है। अक्सर 50 वर्ष से ऊपर के लोगों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी जाती है। लेकिन वर्तमान रिसर्च में यह सामने आया है कि युवा वर्ग, विशेष रूप से 20 से 30 साल के लोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल या हाई कोलेस्ट्रॉल से प्रभावित हो रहे हैं।
यह एक ऐसा गुप्त खतरा है, जिसके कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो अंततः हृदय रोग का कारण बन सकती है। हृदय रोग की स्थिति में हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत एक अनुभवी एवं श्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श और इलाज लें।
हाई कोलेस्ट्रॉल हमेशा से ही एक चिंता का विषय रहा है। हाल के वर्षों में, युवाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल के मामलों में वृद्धि देखी गई है। पहले के समय में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या वृद्ध लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब खराब जीवनशैली और आहार के कारण युवाओं में भी इस समस्या में प्रसार देखा जा रहा है। अमेरिका में हुई एक रिसर्च के अनुसार लगभग 7% बच्चे और किशोरों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी गई है। यह आंकड़ा केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है और पूरे विश्व में युवाओं में कोलेस्ट्रॉल की समस्या सामान्य होने लगी है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल की शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते हैं, जिसके कारण हम इस रोग को एक साइलेंट रोग का नाम दे रहे हैं। कई युवा तो यह तक नहीं जानते हैं कि वह उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं, क्योंकि यह नियमित जांच नहीं कराते हैं। हालांकि इस स्थिति को किसी को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में प्लाक का बिल्डअप हो जाता है, जिससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है और कई हृदय संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं। सभी युवाओं को लिए आवश्यक है कि वह अपने कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को समय रहते सम झें और सही तरीके से मॉनिटर करें, जिससे वह अपने स्वास्थ्य का आकलन सही से कर पाएंगे।
30 से कम उम्र के लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल के कई कारण हो सकते हैं, जो ज्यादातर जीवनशैली के कारण से संबंधित हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए हैं, जो लगभग सभी मामलों में कोलेस्ट्रॉल के उत्पन्न होने के कारण बनते हैं -
हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती मामलों में अक्सर कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। अक्सर लक्षण तब दिखने शुरू होते हैं, जब तक आपको कोई गंभीर नुकसान दिखने न लगे। इसलिए प्रयास करें कि नियमित चेकअप कराते रहें। खासकर 30 के बाद नियमित जांच और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। हालांकि, कुछ प्रारंभिक लक्षण संकेत दे सकते हैं कि समस्या हो सकती है जैसे कि -
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह आपके स्थिति का सही आकलन कर सकते हैं और इलाज कर सकते हैं।
अच्छी खबर यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है, और इसे नियंत्रित करने के कई तरीके हैं। यहां कुछ प्रभावी नीतियां हैं, जिनसे आपको लाभ मिल सकता है -
इस बात से हम यह समझ सकते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल अब केवल वृद्ध लोगों को होने वाली कोई सामान्य समस्या नहीं है। इस स्थिति के लक्षण, कारण और इलाज के विकल्प को समझ कर आप कई जोखिम जटिलताओं को टाल सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ आहार की आदतों को अपनाएं और कोलेस्ट्रॉल से दूरी बनाएं।
आज ही अपनी सेहत का ध्यान रखें — क्योंकि कोलेस्ट्रॉल के मामले में, रोकथाम इलाज से बेहतर है। इस स्थिति में हम आपकी मदद कर सकते हैं। अभी परामर्श लें।
20 साल की उम्र से हर 5 साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराना चाहिए। यदि आपकी फैमिली हिस्ट्री रही है या आपकी उम्र 30 से ज्यादा है, तो आप हर वर्ष इस टेस्ट को कराएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आपको अपने आहार में निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी जाती है -
हां, उच्च कोलेस्ट्रॉल लक्षणों के बिना भी बढ़ सकता है। यही कारण है कि नियमित चेकअप जरूरी है, क्योंकि कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे आपकी धमनियों में जमा हो सकता है।
टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर लगभग 200 mg/dL से कम को स्वस्थ माना जाता है। 200 से 239 mg/dL के बीच का स्तर बॉर्डर लाइन हाई होता है, और 240 mg/dL से ऊपर का स्तर उच्च माना जाता है।
हालांकि उच्च कोलेस्ट्रॉल को मुख्य रूप से हृदय रोग से संबंधित माना जाता है। यह अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, हाई कोलेस्ट्रॉल स्ट्रोक, किडनी रोग और पुरुषों में यौन समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है।
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