वेट मैनेजमेंट से हृदय स्वास्थ्य सुधर सकता है। संतुलित आहार, व्यायाम, और तनाव प्रबंधन से वजन नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है और दिल भी स्वस्थ रहता है। यह उपाय तभी प्रभावी होंगे, जब आप इन सभी का पालन सही से करेंगे।
सुबह उठकर जब आप खुद को शीषे में देखते हैं, तो क्या आपको लगता है कि आपको वेट मैनेजमेंट की आवश्यकता है। यदि हां, तो आप अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ हृदय स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखने की तरफ अपना पहला कदम बढ़ा चुके हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमारे दिल की सेहत और हमारे वजन का गहरा संबंध है?
यदि आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आप सबसे पहले अपने वजन का प्रबंधन करें। हमारे शरीर पर अतिरिक्त भार, हमारे हृदय को भी प्रभावित कर सकता है। पर क्या आप यह जानते हैं कि सही आहार, व्यायाम और जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपने दिल को रोगों से दूर करके अपने वजन को भी आसानी से मैनेज कर सकते हैं। यही समय है कि आप दिल की सेहत पर ध्यान दें, ताकि आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें। आइए जानते हैं कैसे वेट मैनेजमेंट आपकी हृदय स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है।
चलिए सबसे पहले हृदय रोग और मोटापे के बीच के संबंध को स्थापित करते हैं। मोटापा और हृदय रोग के बीच एक गहरा संबंध है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2021 में लगभग 39% युवा लोगों का वजन अधिक था, और यह संख्या हर साल बढ़ रही है, जो खुद में एक चिंता का विषय है। अधिक वजन हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर लेवल का कारण भी बन सकता है। इन सबके अतिरिक्त अधिक वजन कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर का भी एक मुख्य जोखिम कारक है। इसके परिणामस्वरूप, रक्त वाहिकाओं में रुकावट आती है और दिल की धड़कन पर दबाव बढ़ता है।
उदाहरण के लिए, यदि आपके शरीर में अधिक फैट जमा है, तो आपके दिल की सेहत पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मोटापे के कारण धमनियां संकुचित हो सकती हैं, जिससे दिल को रक्त सही तरीके से नहीं मिल पाता। नतीजतन, दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।
वजन घटाने के उपायों को समझने से पहले, यह जानना ज़रूरी है कि मोटापे के कारण हृदय पर कितना दबाव पड़ता है। वजन बढ़ने से दिल को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। इसलिए, सही वजन बनाए रखना न केवल आपके दिल के लिए अच्छा है, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। हालांकि यदि आप निम्न प्रभावी उपायों का पालन करते हैं, तो आप बिना किसी समस्या के अपने शरीर के अत्यधिक वजन को कम करके अपने हृदय पर पड़ने वाले दबाव को आसानी से कम कर सकते हैं -
हृदय स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार का पालन करना बेहद ज़रूरी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जैसे जानी मानी वेबसाइट के अनुसार, स्वस्थ आहार से दिल की बीमारियों के जोखिम को 40% तक कम किया जा सकता है।
हमारा मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जो वजन बढ़ने का एक मुख्य कारण भी है। इसके परिणामस्वरूप हमारे हृदय पर अतिरिक्त दबाव भी पड़ता है।
इसलिए, योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह आपके वजन को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच से आप अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल स्तर पर नजर रख सकते हैं। यह आपके वजन प्रबंधन के प्रयासों को ट्रैक करने में मदद करता है। हमारे अनुसार, यदि आपके ब्लड प्रेशर का स्तर 140/90 mmHg से ऊपर है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और इलाज लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त सामान्य फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) 70-100 mg/dL (3.9-5.6 mmol/L) के बीच होता है और खाने के बाद, 140 mg/dL से कम होना सामान्य माना जाता है। इससे अधिक होने पर आपको तुरंत हमारे अनुभवी डॉक्टर मिलना चाहिए और इलाज लेना चाहिए।
यदि आपको छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, या अत्यधिक थकान जैसे हृदय रोग के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
हां, वजन बढ़ने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकते है। इसलिए अपना एर स्वस्थ वजन बनाए रखें।
स्वस्थ वजन का निर्धारण BMI (बॉडी मास इंडेक्स) के आधार पर किया जा सकता है। सामान्य BMI 18.5 से 24.9 के बीच होता है। हालांकि आप अपना पूरा ध्यान BMI पर न रखें, क्योंकि यह पूरी तरह से सही नहीं होता है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से मिलकर उनसे सलाह भी ले सकते हैं।
वजन कम करने से हृदय पर पड़ने वाला दबाव कम होता है, जिससे हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।
तेज़ चलना, तैराकी, और योग जैसे मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे होते हैं। इन्हें हर व्यक्ति को अपने जीवनशैली में रखना चाहिए।
फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, मच्छली, और हेल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो और जैतून का तेल खाने से दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।
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