विटामिन K की कमी: लक्षण, कारण और इसे कैसे रोकें
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विटामिन K की कमी: लक्षण, कारण और इसे कैसे रोकें

Cardiology | by Dr. Anil Mishra on 08/10/2024

Summary

विटामिन K एक आवश्यक पोषक तत्व है, जिसकी मदद से रक्त के थक्के का जमना और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस विटामिन की कमी से कई स्वास्थ्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप अपने दैनिक आहार में इसे पर्याप्त मात्रा में लें।

हमारा शरीर सारे काम तभी कर पाता है, जब उसे सभी आवश्यक तत्व आसानी से मिल जाएं। सभी आवश्यक तत्वों में एक ऐसा तत्व है, जिसके बारे में सबसे कम बात की जाती है और वह है विटामिन K। 

विटामिन K एक आवश्यक पोषक तत्व है, जिसकी मदद से रक्त के थक्के का जमना और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस विटामिन की कमी से कई स्वास्थ्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप अपने दैनिक आहार में इसे पर्याप्त मात्रा में लें। इस ब्लॉग में हम विटामिन K की कमी के लक्षणों, इसके कारणों और इसके उपचार एवं रोकथाम के सर्वोत्तम तरीकों पर चर्चा करेंगे।

विटामिन K क्यों महत्वपूर्ण है?

विटामिन K एक ऐसा विटामिन है, जो फैट में घुल जाता है। यह मुख्य रूप से दो प्रमुख कार्यों को करने के लिए जाना जाता है जैसे कि - 

  • रक्त का थक्का जमना: विटामिन K शरीर को रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक प्रोटीन का उत्पादन करने में मदद करता है। इसके बिना, एक छोटा से कट के बिना भी बहुत सारा रक्त निकल सकता है। 
  • हड्डी का स्वास्थ्य: यह विटामिन हड्डियों के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का कार्य करता है और हड्डियों को कैल्शियम प्रदान करने वाले प्रोटीन को सक्रिय करके हड्डियों की मजबूती में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यदि आपके शरीर में विटामिन K की मात्रा कम होती है, तो कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं, जिसके इलाज के लिए त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ती है। 

विटामिन K की कमी के लक्षण

विटामिन K की कमी से संबंधित कई चुनौतियां हैं, जिन्हें हम लक्षण के रूप में जानते हैं।विटामिन के की कमी का पहला संकेत आसानी से चोट लगना या खून बहना है विटामिन K की कमी के कुछ सबसे आम लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • अत्यधिक रक्त हानि: विटामिन K की कमी के कारण शरीर में कहीं भी कट लग जाने पर रक्त का थक्का नहीं जमता है। यह चोट कहीं भी लगे, विटामिन K वाले लोगों में रक्त का थक्का बनता ही नहीं है। 
  • आसानी से चोट लगना: इस विटामिन की कमी वाले लोगों को जल्दी चोट लग सकती है, जिससे रक्त हानि बहुत ज्यादा होती है।
  • मूत्र या मल में रक्त: यह एक और संकेत है कि आपका रक्त ठीक से जम नहीं रहा है, जो विटामिन K की कमी का संकेत हो सकता है।
  • पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्त हानि: जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन K की मात्रा कम होती है, उन्हें पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्त हानि का अनुभव होता है। 

विटामिन K की कमी के कारण

दुर्लभ मामलों में ही विटामिन K की कमी देखने को मिलती है, लेकिन कुछ कारक इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे कि - 

  • अपर्याप्त आहार का सेवन: यदि आपके आहार में हरे पत्तेदार सब्जियां नहीं है, तो इसके कारण विटामिन K की कमी हो सकती है। 
  • पाचन विकार: क्रोहन रोग, सीलिएक रोग या फैट को जमा करने वाली कोई भी बीमारी विटामिन K की कमी का कारण बन सकते हैं। 
  • नवजात शिशु: नवजात शिशुओं में विटामिन K की स्वाभाविक रूप से कमी होती है, क्योंकि यह प्लेसेंटा से आसानी से नहीं गुजरता है, और स्तन के दूध में विटामिन का स्तर भी कम होता है।
  • कुछ दवाएं: एंटीबायोटिक्स, एंटीकोगुलेंट्स (रक्त पतला करने वाली दवाएं), और अन्य दवाएं जो शरीर में विटामिन K को सोक लेती हैं या उत्पादन करने में बाधा डालती है, वह भी इस विटामिन की कमी का कारण बन सकती है।

विटामिन K की कमी का इलाज कैसे किया जाता है?

अच्छी खबर यह है कि विटामिन K की कमी का उपचार संभव है, खासकर यदि इसका पता जल्दी चल जाए, तो इस स्थिति को बहुत सरलता से मैनेज किया जा सकता है। चलिए इस स्वास्थ्य समस्या के इलाज के सभी विकल्पों को समझते हैं। 

  • विटामिन K के लिए सप्लीमेंट: विटामिन K की कमी के इलाज का सबसे आसान तरीका है सप्लीमेंट। आमतौर पर सप्लीमेंट से पहले डॉक्टर विटामिन K वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को बढ़ाने को कहते हैं। 
  • खानपान में बदलाव: विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाने से भी कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है, जिसके बारे में हमने पिछले पॉइंट में भी बताया है। पालक, केल, ब्रोकली और हरी बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों में विटामिन K अच्छी मात्रा में होता है। 
  • नवजात शिशु का इलाज: रक्त हानि की जटिलताओं को रोकने के लिए नवजात शिशुओं को अक्सर जन्म के समय विटामिन K का इंजेक्शन दिया जाता है।

विटामिन K की कमी में क्या खाना चाहिए?

विटामिन K की कमी को दूर करने के लिए, आपका आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने आहार में विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से इस पोषक तत्व के उचित स्तर को बनाए रखने में काफी मदद मिलती है। नीचे विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है - 

विटामिन K की कमी में क्या खाना चाहिए

इन खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से खाने से विटामिन K का पर्याप्त स्तर बनाए रखने और इसकी कमी से जुड़ी समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

सही आहार विकल्पों और, जब आवश्यक हो, सप्लीमेंट के साथ विटामिन K की कमी को रोकना आसान है। विटामिन K से भरपूर संतुलित आहार बनाए रखने से, आप अपनी हड्डियों को मजबूत और अपने समग्र स्वास्थ्य को नियंत्रण में रख सकते हैं। अपने स्वास्थ्य के लिए सक्रिय रहें, और यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या का संदेह हो, तो आप हमारे विशेषज्ञों से भी मदद ले सकते हैं। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

विटामिन K की कमी से कौन सी बीमारी होती है?

विटामिन K की कमी से मुख्य रूप से रक्त के थक्के नहीं जमते हैं, जिससे रक्त हानि की समस्या हो सकती है, जिससे गंभीर मामलों में जान भी जा सकती है। विटामिन K की कमी का प्रभाव हड्डियों पर भी पड़ता है, जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है।

विटामिन कितने प्रकार के होते हैं? 

मुख्य रूप से विटामिन 13 प्रकार के होते हैं जैसे कि - A, C, D, E, K, और आठ B विटामिन, जिनमें B1 (थायमिन), B2 (राइबोफ्लेविन), B3 (नियासिन), B5 (पैंटोथैनिक एसिड), B6, B7 (बायोटिन), B9 (फोलिक एसिड), और B12 शामिल हैं।

क्या विटामिन K की कमी से हड्डियों की समस्या हो सकती है?

हां, विटामिन K हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में आवश्यक भूमिका निभाता है और फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए इसकी कमी से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

नवजात शिशुओं में विटामिन K की कमी क्यों होती है?

नवजात शिशुओं में विटामिन K की कमी का जोखिम अधिक होता है, क्योंकि जन्म के समय उनमें विटामिन का स्तर कम होता है। स्तनपान के दौरान विटामिन K बच्चों तक नहीं पहुंच पाता है। 

Written and Verified by:

Dr. Anil Mishra

Dr. Anil Mishra

Director Exp: 33 Yr

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Dr Anil Mishra is one of the most senior Cardiologist of Eastern who is known to do some of the firsts in new Cardiac procedures. He graduated from Calcutta National Medical College and received his post-graduate training in the United Kingdom. After achieving Membership of the Royal College of Physicians he trained in Cardiology at some of the leading cardiac centres of Europe – The Cardiothoracic Institute at National Heart Hospital, Brompton Hospital and London Chest Hospital in London.

He has wide experience in Cardiology and has performed more than 20,000 Coronary Angiographies (including radial route); more than 8000 Coronary Angioplasties and stenting, more than 3000 pacemaker surgery and other cardiac device implantations. He has a special interest in complex angioplasties, Pacemakers, CRT-D, AICD, and TAVI.

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