कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना केवल खराब जीवनशैली का परिणाम नहीं है, बल्कि यह आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है। फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) जैसी स्थिति में शरीर कोलेस्ट्रॉल को सही ढंग से हटाने में सक्षम नहीं होता, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है - गुड (HDL) और बैड (LDL), और उच्च बैड कोलेस्ट्रॉल से रक्त में प्लाक जमा हो सकता है। हालांकि हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण सामान्यतः दिखाई नहीं देते, लेकिन कुछ मामलों में त्वचा पर या आंखों के पास फैट जमा हो सकता है। आनुवंशिक कोलेस्ट्रॉल को जीवनशैली में सुधार, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और आवश्यकतानुसार दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि परिवार में कोलेस्ट्रॉल या हृदय रोग का इतिहास हो, तो नियमित जांच और चिकित्सकीय सलाह जरूरी है।
हम अक्सर अपनी जीवनशैली को दोष देते हैं कि इसके कारण हमारा कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ गया है, लेकिन सारा दोष आपके खराब जीवनशैली का नहीं है। इसका राज आपके डीएनए में छिपा हुआ है। हां, कोलेस्ट्रॉल एक जेनेटिक रोग भी है, जिसका अर्थ है कि आपको यह रोग आपके माता-पिता से मिला है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से परेशान होने से बेहतर है कि आप अभी अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और इस स्थिति से जल्द से जल्द बाहर निकले।
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पदार्थ है, जो हमारे शरीर में हार्मोन, विटामिन डी और पाचन एंजाइम को बनाने का कार्य करता है। कोलेस्ट्रॉल भी दो प्रकार के होते हैं - गुड कोलेस्ट्रॉल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) और बैड कोलेस्ट्रॉल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन)। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की स्थिति में हमारे शरीर की धमनियों में प्लाक जम जाता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। वहीं गुड कोलेस्ट्रॉल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) शरीर में रक्त प्रवाह को बनाए रखता है। गुड कोलेस्ट्रॉल रक्त में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल को हटाने का भी कार्य करता है। इसके अतिरिक्त ट्राइग्लिसराइड्स भी एक प्रकार का कोलेस्ट्रॉल है, जो रक्त में फैट का एक और प्रकार, जिसका उच्च स्तर होने पर हृदय रोग का खतरा अधिक रहता है।
चलिए इनके सामान्य स्तर के बारे में जानते हैं -
दुर्भाग्य से, हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते हैं। हालांकि इस स्वास्थ्य स्थिति की पुष्टि एक ब्लड टेस्ट से हो सकती है (लिपिड प्रोफाइल), जो कि किसी दूसरी स्वास्थ्य समस्या के इलाज के लिए कराया जा सकता है। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में, त्वचा पर या आंखों के आस-पास फैट जम जाता है। आंख के पास एक छोटा सा सफेद या पीले रंग का आकार दिखने लग सकता है, जिसे जैंथिलास्मा (xanthelasma) कहा जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल का सबसे महत्वपूर्ण कारक है जेनेटिक्स। फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) नामक एक स्थिति है, जिसमें कम उम्र से ही अत्यधिक हाई लो डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल की शिकायत लोगों को होती है। यह एक जेनेटिक रोग है, जिसमें शरीर की खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाने की क्षमता मुख्य रूप से प्रभावित होती है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यहां तक कि स्वस्थ दिखने वाले व्यक्तियों में भी यह समस्या आम है।
यदि आपके परिवार में से किसी को भी हृदय रोग या हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो आप भी इस रोग के जोखिम के दायरे में आ सकते हैं। भले ही आप अच्छा खाते हो और व्यायाम करते हों, लेकिन यदि आपके डीएनए में कोलेस्ट्रॉल है, तो जीवन के किसी न किसी मोड पर आपसे टकराएगी ज़रूर। डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी अन्य वंशानुगत स्थितियां हृदय संबंधी जोखिमों को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
बिल्कुल, आप कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को रोक सकते हैं, लेकिन आप अपने जीन्स को नहीं बदल सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मन और जीवन को नियंत्रित करना होगा। चलिए समझते हैं कि कैसे -
आपके पास अपने जीन के चुनाव का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन आप अपनी जीवनशैली में चुनाव करके इस स्थिति को मैनेज कर सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूक रहें, फिर सक्रिय रहें और याद रखें- आपका हृदय स्वास्थ्य एक आजीवन यात्रा है। नियमित जांच, संतुलित आहार और स्वस्थ आदतें वंशानुगत आपको स्वस्थ रखने का कार्य कर सकती है। हाई कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
नहीं, जीवनशैली एक प्रमुख कारक है, लेकिन लगभग 250 लोगों में से 1 को फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया जैसी जेनेटिक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
जांच करवाएं, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और शुरुआती हस्तक्षेप के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ से बात करें।
नियमित व्यायाम, आहार में बदलाव (फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियाँ) और ट्रांस वसा से परहेज़ करने से मदद मिल सकती है।
यदि हृदय रोग की फैमिली हिस्ट्री है, तो जेनेटिक परीक्षण ज़रूर कराएं। इससे आपको बहुत लाभ मिलने वाला है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है स्वस्थ आहार, व्यायाम और, जब आवश्यक हो तो दवा की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
कभी-कभी ऐसा करना संभव है, लेकिन अक्सर दवा की जरूरत पड़ती है। खासकर फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के मामलों में दवाएं आवश्यक होती हैं।
Written and Verified by:
Dr. Dhiman Kahali is the Director of Interventional Cardiology Dept. at BM Birla Heart Research Centre, Kolkata, with over 37 years of experience. He specializes in angioplasty, mitral balloon dilation, and peripheral vascular interventions, and has been honored with the Gandhi Centenary and Mother Teresa International Awards.
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