छाती में जमाव के कारण, लक्षण और उपचार
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छाती में जमाव के कारण, लक्षण और उपचार

Summary

छाती में कम का जमाव होना, जिसे अक्सर छाती में जमाव या छाती में कफ होने के रूप में जाना जाता है, एक सामान्य श्वसन स्थिति है जो वायुमार्ग और फेफड़ों में बलगम और तरल पदार्थ के निर्माण के कारण होती है।

सीने में जकड़न या जमाव होना कोई आम समस्या नहीं है। इसके कारण ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे किसी का भी दैनिक जीवन मुख्य रूप से प्रभावित हो सकता है। इसके कारण छाती में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। इसके कई कारण हैं, जिनको हम इस ब्लॉग में समझाने वाले हैं। छाती में कफ निकालने का घरेलू उपाय इस स्थिति में कारगर साबित हो सकते हैं, जिसके बारे में भी हम इस ब्लॉग में भी बताने वाले हैं। 

छाती में कफ जमना क्या है?

छाती में कफ का जमाव होना एक सांस संबंधित समस्या है, जिसमें वायुमार्ग और फेफड़ों में बलगम और तरल पदार्थ का जमाव होता है। मेडिकल टर्म में इस रोग को चेस्ट कंजेशन या छाती में जमाव के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति का समय पर इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक है अन्यथा यह जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। 

छाती में कफ जमने के कारण

छाती में कफ जमने के कई कारण हो सकते हैं जैसे - 

  • सांस से संबंधित संक्रमण: छाती में जमाव का सबसे आम कारण वायरल या बैक्टीरियल श्वसन संक्रमण है, जैसे कि सामान्य सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया। इन संक्रमणों के कारण वायुमार्ग में बलगम का उत्पादन होता है, जिससे सूजन बढ़ जाती है। 
  • एलर्जी: धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी, या फफूंदी के कारण एलर्जी हो सकती है, जो चेस्ट कंजेशन का मुख्य कारण हो सकता है। अस्थमा के रोगियों में यह समस्या अधिक आम है।
  • पर्यावरण संबंधी परेशानियां: पर्यावरणीय प्रदूषकों, सिगरेट के धुएं, तेज गंध या रसायनों के संपर्क में आने से श्वसन प्रणाली में जलन हो सकती है। 
  • गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी): पेट से एसिड रिफ्लक्स गले तक पहुंच सकता है और वायुमार्ग में जलन पैदा कर सकता है, जिससे छाती में जमाव हो सकता है। 
  • अस्थमा: अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को अक्सर वायुमार्ग में सूजन और बलगम उत्पादन में वृद्धि का अनुभव होता है, जिससे बार-बार छाती में जमाव होता है।

छाती में कफ जमने के लक्षण

छाती में कफ जमने के साथ कुछ और भी लक्षण होते हैं, जो इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं - 

  • खांसी: अक्सर लगातार खांसी आना छाती में जमाव का एक प्रमुख लक्षण है, क्योंकि शरीर वायुमार्ग से बलगम को साफ करने का प्रयास करता है। 
  • सांस लेने में कठिनाई: छाती में जमाव सांस लेने को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकता है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे शारीरिक गतिविधि के दौरान समस्या उत्पन्न होती है।
  • सीने में बेचैनी: सीने में जकड़न या बेचैनी की भावना आम है, जो अक्सर छाती में कफ की तरफ इशारा करता है। 
  • अत्यधिक बलगम: छाती में जमाव वाले व्यक्तियों में सामान्य से अधिक बलगम आता है, जो स्पष्ट, सफेद, पीला या हरा हो सकता है।
  • गले में खराश: छाती में जमाव के कारण नाक से पानी टपकना, गले में खराश या जलन का सामना करना पड़ सकता है। 

छाती में कफ जमने का इलाज

सर्दी-जुकाम जैसी कुछ समस्याएं होती हैं, जिसके लिए किसी भी प्रकार के इलाज की आवशयकता नहीं पड़ती है। ओवर-द-काउंटर दवाएं और घरेलू उपायों से आराम मिल सकता है। लेकिन अगर 3 हफ्ते से ज्यादा खांसी-जुकाम बना रहे, कफ में खून आए, या बुखार 100.4 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो, तो चेस्ट स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।

कुछ मामलों में फ्लू की समस्या गंभीर हो सकती है। सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, या बुखार कम होकर फिर से लौटना और खांसी का बढ़ना फ्लू के गंभीर होने के संकेत हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। डॉक्टर सबसे पहले फेफड़ों के स्वास्थ्य का आकलन करने और अधिक गंभीर स्थितियों का पता लगाने के लिए छाती के एक्स-रे का आदेश देते हैं। यदि आपको पहले से कोई सांस सम्बन्धी समस्या है, जैसे दमा या सीओपीडी, तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। वह दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव का सुझाव दे सकते हैं। कुछ मामलों में निम्नलिखित दवाओं का सुझाव भी दिया जा सकता है - 

  • डिकॉन्गेस्टेंट: ओटीसी डिकॉन्गेस्टेंट दवाएं नाक और छाती के जमाव को कम करने में मदद कर सकता है। डिकॉन्गेस्टेंट से सावधान रहें, क्योंकि वह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • एक्सपेक्टोरेंट: एक्सपेक्टोरेंट दवाएं बलगम को कम कर सकती हैं, जिससे खांसी के माध्यम से इसे बाहर निकालना आसान हो जाता है।
  • एंटीबायोटिक्स: यदि छाती में जमाव निमोनिया जैसे जीवाणु संक्रमण के कारण होता है, तो एंटीबायोटिक्स की सहायता ली जाती है। 
  • अस्थमा की दवाएं: अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को छाती में जमाव को प्रबंधित करने के लिए ब्रोन्कोडायलेटर्स और सूजन-रोधी दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।

छाती में कफ निकालने का आसान तरीका

छाती से कफ को निकालने का आसान तरीका है घरेलू उपचार। घरेलु उपायों में कई चीजें आती हैं जैसे क्या खाएं और क्या न खाएं। निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर चेस्ट कंजेशन से आराम मिल सकता है - 

  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान या वेपिंग करने से सीने में जकड़न बढ़ती है। 
  • पानी पिएं: खुद को हाइड्रेट रखें और कॉफी/चाय से दूरी बनाएं। शहद वाली गर्म चाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
  • हवा को नम करें: जितनी आवश्यकता हमारे शरीर को हवा की है, उतनी ही आवश्यकता हमारे शरीर को नमी की भी है। साइनस को फिर से दुरुस्त करने के लिए हवा को नम किया जाता है।
  • एयर फिल्टर का प्रयोग करें: एलर्जी से बचने के लिए एयर फिल्टर लगाएं और समय-समय पर उसकी साफाई करें। इससे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होगी।

निष्कर्ष

छाती में जमाव एक सामान्य श्वसन स्थिति है, जो विभिन्न कारणों, लक्षणों और संभावित जटिलताओं के साथ आती है। जबकि हल्के मामलों को अक्सर घरेलू उपचार और ओटीसी दवाओं के साथ प्रबंधित किया जा सकता है। गंभीर मामलों या लगातार छाती में जमाव की स्थिति में चिकित्सा मूल्यांकन और उपचार की आवश्यकता होती है। अंतर्निहित कारणों को संबोधित करके और छाती में कफ के लिए घरेलू उपचार का पालन करके, व्यक्ति अपने श्वसन स्वास्थ्य पर छाती में जमाव के प्रभाव को कम कर सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

बलगम को जड़ से खत्म कैसे करें?

बलगम को जड़ से खत्म करने के लिए निम्न विकल्पों का सहारा लेना चाहिए - 

  • गर्म पानी पीने से बलगम पतला होता है 
  • गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से गले का बलगम कम होता है।
  • गर्म पानी की भाप लेने से बलगम पतला होता है।

छाती में जमा कफ कैसे निकाले?

निम्न तरीकों की मदद से छाती में जमा कफ निकल सकता है - 

  • तरल पदार्थ पीएं: पानी, शोरबा, या गर्म चाय पीने से कफ पतला होता है और खांसी के जरिए बाहर निकलता है।
  • सोते समय सिर ऊंचा रखें: ऐसा करने से कफ छाती में जमा होने से रुकता है।
  • छाती की मालिश: सीने पर हल्का मसाज करने से कफ ढीला होता है और खांसी के जरिए बाहर निकलता है।

Written and Verified by:

Dr. Ashok B Malpani

Dr. Ashok B Malpani

Senior Consultant Exp: 34 Yr

Cardiology

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