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निमोनिया क्या होता है? – कारण, लक्षण, जांच और उपचार

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निमोनिया क्या होता है? – कारण, लक्षण, जांच और उपचार

Pulmonology | by Dr. Raja Dhar | Published on 29/02/2024



क्या आप जानते हैं कि निमोनिया दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है? निमोनिया को फेफड़ों का संक्रमण कहा जाता है। आमतौर पर इस रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित शिशु और बुजुर्ग ही होते हैं। हालांकि यह रोग विभिन्न आयु के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। 

इसके इलाज से पहले सभी को निमोनिया के कारण, लक्षण, प्रकार और इसके निदान के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए। 

नोट - इस ब्लॉग से केवल सामान्य जानकारी ही मिलेगी। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

निमोनिया क्या है?

निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण होता है। इस रोग में आपके फेफड़ों में मौजूद छोटी वायु थैलियां (एल्वियोली) प्रभावित होती हैं। आमतौर पर इन थैलियों का कार्य शरीर में रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाना है। निमोनिया के कारण इन थैलियों में तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है। जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ भी होती है।

निमोनिया के कारण एक या फिर दोनों फेफड़ों में सूजन व लालिमा की समस्या होती हैं। इसके कारण सांस लेने में भी तकलीफ होती है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकता है। हालांकि, प्रमुख रूप से छोटे बच्चों व वृद्ध लोगों में इस समस्या का प्रसार अधिक देखा गया है। सही समय पर इलाज न मिलने से रोगी को जान का खतरा लगातार बना रहता है। 

निमोनिया के लक्षण

अन्य बीमारियों की तरह ही निमोनिया के भी लक्षण उत्पन्न होते हैं। इन लक्षणों से रोग की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। निमोनिया की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • खांसी आना
  • कमजोरी और थकान होना
  • बलगम के साथ खांसी होना
  • बुखार और बेचैनी महसूस होना
  • भूख में कमी
  • पसीना और कपकपी होना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • सीने में दर्द होना

यदि आप स्वयं या फिर अपने घर परिवार में किसी में भी इन लक्षणों का अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टरों से परामर्श करें।

निमोनिया कैसे होता है?

मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के कारण निमोनिया एक व्यक्ति को परेशान करता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो खांसने और छींकने से भी फैल सकता है। वहीं कुछ मामलों में देखा गया है कि रेस्पिरेटरी वायरस जैसे कि इन्फ्लुएंजा या राइनोवायरस भी इस बीमारी के मुख्य कारण रहे हैं। नीचे उन सभी सामान्य बीमारियां के बारे में बताया गया है जो निमोनिया का कारण बन सकती हैं - 

  • सामान्य सर्दी (राइनोवायरस)।
  • कोविड-19 
  • फ्लू (इन्फ्लूएंजा वायरस)
  • ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)
  • ह्यूमन पैराइन्फ्लुएंजा वायरस (एचपीआईवी)
  • लेगोनायर डिजीज
  • माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया।
  • न्यूमोकोकल रोग
  • न्यूमोसिस्टिस निमोनिया
  • रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी)

निमोनिया का टेस्ट कैसे होता है?

निमोनिया की पहचान के लिए डॉक्टर परामर्श के दौरान, अन्य रोगों के लिए मेडिकल फैमिली हिस्ट्री और फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं। यदि किसी को निमोनिया है, तो उसके फेफड़ों से आवाज आएगी। निमोनिया का संदेह होने पर डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं - 

  • ब्लड टेस्ट: इस परीक्षण की सहायता से इंफेक्शन और इसके कारण का पता लगाया जा सकता है। 
  • छाती का एक्स रे: इससे डॉक्टर यह जान पाएंगे कि कहीं आपके फेफड़ों में सूजन तो नहीं है। इस परीक्षण से डॉक्टर फेफड़ों में किसी भी प्रकार की असामान्यता को देख सकते हैं। 
  • बलगम की जांच: इस टेस्ट से बलगम की जांच होती हैं। इससे भी संक्रमण का पता लगाने में मदद मिलती है। 
  • पल्स ऑक्सीमीटर: यह एक छोटा, पोर्टेबल चिकित्सा उपकरण है, जिसकी सहायता से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा का पता चलता है। 
  • सीटी स्कैन: यह परीक्षण एक्स-रे का एक विस्तारित रूप है। इससे डॉक्टर को फेफड़ों की अधिक साफ छवी मिलती है। 
  • फ्लूइड सैंपल: इस टेस्ट का भी प्रमुख उद्देश्य संक्रमण को पहचानना है। 

निमोनिया से बचने के उपाय

निमोनिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है - 

  • टीकाकरण: निमोनिया के टीके बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर लगवाने चाहिए। इससे उन्हें निमोनिया से बचने में बहुत मदद मिलती है।
  • स्वच्छता: समय-समय पर हाथ धोना, मुंह और नाक को ढक कर रखना, घर के सभी सतहों को साफ रखना बहुत ज़रूरी है। 
  • स्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान से दूरी, स्वस्थ आहार, समय पर खान-पान, और पर्याप्त नींद निमोनिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। खुद को हाइड्रेट रखें और नियमित व्यायाम करें। 
  • संक्रमण से बचाव: जो लोग बीमार हैं, उनसे दूर रहें और उन व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें जिन्हें लंबे समय से खांसी जुकाम की समस्या है। 
  • डॉक्टर से सलाह लें: यदि आपको निमोनिया के लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आपको निमोनिया होने का खतरा भी है, तो भी डॉक्टर से बात करें कि आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।

निमोनिया का जड़ से इलाज

निमोनिया का इलाज इसके प्रकार, कारण, गंभीरता, और रोगी की उम्र पर निर्भर करता है। डॉक्टर निमोनिया के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं - 

  • एंटीबायोटिक्स: इस दवा का कार्य बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया का इलाज करना है। किस एंटीबायोटिक का प्रयोग होगा इसका निर्णय डॉक्टर टेस्ट के बाद ही लेते हैं। यदि दवा से लक्षण बेहतर नहीं होते हैं, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का डोज बदल भी सकते हैं। 
  • खांसी की दवाएं: इस दवा के प्रयोग से खांसी को कम किया जा सकता है, जिससे आपको आराम मिल जाएगा। खांसी फेफड़ों से तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकल सकता है, इसलिए डॉक्टर अमूमन तौर पर खांसी को पूरी तरह से ठीक नहीं होने देते हैं। 
  • बुखार / दर्द कम करने वाली दवाएं: बुखार और बेचैनी को ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और पेरासिटामोल। 

नोट: जिन भी दवाओं को ऊपर बताया गया है, कृपया उन्हें स्वयं न लें। डॉक्टर से पहले परामर्श लें और उसके बाद ही उनके सलाह के बाद ही दवा का सेवन करें।

बच्चों में निमोनिया के घरेलू उपचार

निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज आपको एक अच्छे डॉक्टर के पास ही मिलेगा। हालांकि कुछ घरेलु उपाय यहां आपकी मदद कर सकते हैं जैसे - 

  • तरल पदार्थ के सेवन को बढ़ाएं।
  • घर में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे बहुत मदद मिलेगी।
  • छाती और पीठ पर गर्म सेक लगाने से छाती की बेचैनी को शांत करने में मदद मिलेगी। 
  • बच्चों को आराम करने दें।
  • बच्चे को पौष्टिक और हल्का आहार दें।
  • 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को स्तनपान कराना जारी रखें

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

निमोनिया कितने दिन तक रहता है?

इस प्रश्न का उत्तर निमोनिया के प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। आमतौर पर निमोनिया के लक्षण 2-3 हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में 4-6 हफ्ते लग सकते हैं।

निमोनिया के मरीज को क्या खाना चाहिए?

निमोनिया में मरीज को कुछ चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए जैसे - 

  • तरल पदार्थ जैसे पानी, जूस, सूप, ORS घोल
  • हल्का भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी, फल, सब्जियां
  • पौष्टिक भोजन जैसे दूध, दही, अंडा, मछली
  • विटामिन C युक्त भोजन जैसे खट्टे फल, अमरूद, शिमला मिर्च

निमोनिया के मूल लक्षण क्या है?

निमोनिया के मूल लक्षण इस प्रकार है - 

  • खांसी (सूखी और गीली दोनों)
  • बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में दर्द और थकान
  • भूख न लगना या कम लगना

निमोनिया से बचाव कैसे करें?

निमोनिया का बचाव निम्न तरीकों से संभव है - 

  • न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा का टीके लगवाएं
  • बार-बार हाथ धोएं, खांसते या छींकते समय मुंह ढकें
  • धूम्रपान न करें, व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन खाएं और एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं
  • बीमार लोगों से दूर रहें