क्या आप जानते हैं कि निमोनिया दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है? निमोनिया को फेफड़ों का संक्रमण कहा जाता है। आमतौर पर इस रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित शिशु और बुजुर्ग ही होते हैं। हालांकि यह रोग विभिन्न आयु के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
क्या आप जानते हैं कि निमोनिया दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है? निमोनिया को फेफड़ों का संक्रमण कहा जाता है। आमतौर पर इस रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित शिशु और बुजुर्ग ही होते हैं। हालांकि यह रोग विभिन्न आयु के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
इसके इलाज से पहले सभी को निमोनिया के कारण, लक्षण, प्रकार और इसके निदान के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए।
नोट - इस ब्लॉग से केवल सामान्य जानकारी ही मिलेगी। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया पल्मोनोलॉजी डॉक्टर से सलाह लें।
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण होता है। इस रोग में आपके फेफड़ों में मौजूद छोटी वायु थैलियां (एल्वियोली) प्रभावित होती हैं। आमतौर पर इन थैलियों का कार्य शरीर में रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाना है। निमोनिया के कारण इन थैलियों में तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है। जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ भी होती है।
निमोनिया के कारण एक या फिर दोनों फेफड़ों में सूजन व लालिमा की समस्या होती हैं। इसके कारण सांस लेने में भी तकलीफ होती है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकता है। हालांकि, प्रमुख रूप से छोटे बच्चों व वृद्ध लोगों में इस समस्या का प्रसार अधिक देखा गया है। सही समय पर इलाज न मिलने से रोगी को जान का खतरा लगातार बना रहता है।
अन्य बीमारियों की तरह ही निमोनिया के भी लक्षण उत्पन्न होते हैं। इन लक्षणों से रोग की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। निमोनिया की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
यदि आप स्वयं या फिर अपने घर परिवार में किसी में भी इन लक्षणों का अनुभव करते हैं तो तुरंत पल्मोनोलॉजी डॉक्टरों से परामर्श करें।
मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के कारण निमोनिया एक व्यक्ति को परेशान करता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो खांसने और छींकने से भी फैल सकता है। वहीं कुछ मामलों में देखा गया है कि रेस्पिरेटरी वायरस जैसे कि इन्फ्लुएंजा या राइनोवायरस भी इस बीमारी के मुख्य कारण रहे हैं। नीचे उन सभी सामान्य बीमारियां के बारे में बताया गया है जो निमोनिया का कारण बन सकती हैं -
निमोनिया की पहचान के लिए डॉक्टर परामर्श के दौरान, अन्य रोगों के लिए मेडिकल फैमिली हिस्ट्री और फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं। यदि किसी को निमोनिया है, तो उसके फेफड़ों से आवाज आएगी। निमोनिया का संदेह होने पर डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं -
निमोनिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है -
निमोनिया का इलाज इसके प्रकार, कारण, गंभीरता, और रोगी की उम्र पर निर्भर करता है। डॉक्टर निमोनिया के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं -
नोट: जिन भी दवाओं को ऊपर बताया गया है, कृपया उन्हें स्वयं न लें। डॉक्टर से पहले परामर्श लें और उसके बाद ही उनके सलाह के बाद ही दवा का सेवन करें।
निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज आपको एक अच्छे डॉक्टर के पास ही मिलेगा। हालांकि कुछ घरेलु उपाय यहां आपकी मदद कर सकते हैं जैसे -
इस प्रश्न का उत्तर निमोनिया के प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। आमतौर पर निमोनिया के लक्षण 2-3 हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में 4-6 हफ्ते लग सकते हैं।
निमोनिया में मरीज को कुछ चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए जैसे -
निमोनिया के मूल लक्षण इस प्रकार है -
निमोनिया का बचाव निम्न तरीकों से संभव है -
Written and Verified by:
Dr. Raja Dhar is the Director & Head of Pulmonology Dept. at BM Birla Heart Hospital and CMRI Hospital, Kolkata, with over 27 years of experience. He specializes in interstitial lung disease, asthma & allergy, COPD, sleep medicine, advanced lung function services, interventional & diagnostic pulmonology, rare stroke & orphan lung diseases, and all disciplines of respiratory medicine.
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