कार्डियक कैथीटेराइजेशन जोखिम और जटिलताएं
Cardiology |
by Dr. Sudeb Mukherjee | Published on 16/07/2024
हार्ट कैथीटेराइजेशन या कार्डियक कैथीटेराइजेशन एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है, जिससे हृदय रोग की जांच और इलाज आसानी से हो सकती है। इस प्रक्रिया में एक पतली और लचीली ट्यूब को नस में डाला जाता है और हृदय तक ले जाया जाता है। इस ट्यूब को कैथेटर कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय की मांसपेशियां, वाल्व और रक्त वाहिकाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में अच्छे से पता चल सकता है।
कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज और प्रबंधन में भी इस प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, फिर भी कार्डियक कैथीटेराइजेशन के कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात करने वाले हैं।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन के जोखिम
सामान्यतः कार्डियक कैथीटेराइजेशन के कोई भी खास जोखिम और जटिलता नहीं होती है, क्योंकि यह प्रक्रिया एक विशेषज्ञ के द्वारा ही की जाती है। कुछ स्थितियों में कार्डियक कैथीटेराइजेशन के जोखिम और जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे -
- एलर्जी: इस प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले कंट्रास्ट डाई से कुछ लोगों को एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण कई सारी एलर्जी हो सकती है, जैसे चकत्ते, खुजली, सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर में भारी गिरावट इत्यादि।
- रक्त हानि और चोट: कैथेटर वाले स्थान से रक्त हानि या चोट की संभावना लगातार बनी रहती है। खासकर यदि रक्त के थक्के बनते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- हृदय गति में बदलाव: प्रक्रिया के दौरान या बाद में दिल की धड़कन में अधिक बदलाव देखने को मिलता है। यह तेज या धीमा हो सकता है।
- रेडिएशन से समस्या: प्रक्रिया के दौरान एक्स-रे का उपयोग होता है। कुछ लोगों की एक्स-रे से समस्या होती है।
- कोरोनरी आर्टरी में रुकावट: कोलेस्ट्रॉल एम्बोलिज्म (Cholesterol Embolism) की स्थिति में जब यह प्रक्रिया की जाती है, तो कोरोनरी आर्टरी में रुकावट की समस्या भी होती है।
- हृदय गति का रुकना या स्ट्रोक: प्रक्रिया के दौरान बहुत ही कम मामलों में देखा गया है कि हृदय गति रुक जाती है। ऐसे में हर समय हृदय गति की जांच की जाती है। कुछ मामलों में यह स्थिति स्ट्रोक का भी कारण बन सकती है।
यह सारे सामान्य जटिलताएं हैं। हालांकि गंभीर मामलों में, कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे -
- रक्त वाहिकाओं, हृदय की मांसपेशियों या हृदय वाल्व को किसी भी प्रकार का नुकसान होना।
- कंट्रास्ट डाई के कारण गुर्दे को नुकसान होना।
जटिलताओं के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक
इस प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली जटिलताएं निम्नलिखित स्थिति में अधिक गंभीर हो सकती हैं -
- रोगी की उम्र और समग्र स्वास्थ्य: जिन लोगों की उम्र अधिक होती है, वह इन जोखिमों के खतरे के दायरे में अधिक आते हैं। इसके अतिरिक्त जिन लोगों का स्वास्थ्य कमजोर होता है, वह भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं।
- हृदय रोग की गंभीरता: जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोग की समस्या है, उनमें जटिलताएं अधिक देखने को मिलती हैं।
- अन्य स्वास्थ्य स्थितियां: अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे किडनी की समस्या, डायबिटीज, और हाई ब्लड प्रेशर जटिलताएं उत्पन्न कर सकती हैं।
- दवाएं: कुछ दवाएं जैसे रक्त को पतला करने वाली दवाएं जटिलताओं को गंभीर कर सकती है। इसके कारण रक्त हानि की संभावना भी उत्पन्न हो सकती है।
हृदय कैथीटेराइजेशन के दौरान क्या होता है?
प्रक्रिया से पहले कुछ जांच किए जाते हैं। मुख्य रूप से फिजिकल एग्जामिनेशन का सहारा लिया जाता है, जिसमें पेशेंट की फैमिली हिस्ट्री, दवाएं और एलर्जी के बारे में कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे संभावित जटिलताओं के बारे में पता चल सकता है।
जैसे ही कैथेटर हृदय तक पहुंच जाता है, अलग-अलग प्रक्रियाएं की जाती हैं जैसे -
- कोरोनरी एंजियोग्राफी: कोरोनरी आर्टरी में रुकावट की जांच के लिए इस जांच को किया जाता है। इस प्रक्रिया में कंट्रास्ट डाई का उपयोग होता है।
- एंजियोप्लास्टी और स्टेंट प्लेसमेंट: यदि ऊपर वाले टेस्ट से आर्टरी में ब्लॉकेज की पुष्टि होती है, तो इसी कैथेटर की मदद से सर्जन उस ब्लॉकेज को खोलने और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए एंजियोप्लास्टी और स्टेंट प्लेसमेंट का सुझाव देते हैं।
- वाल्व रिप्लेसमेंट या रिपेयर: कुछ मामलों में, हृदय वाल्वों की रिपेयर या रिप्लेसमेंट की आवश्यकता पड़ती है, जो हृदय कैथीटेराइजेशन की मदद से संभव है।
- इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल स्टडी (EP Study): यह एक जांच की प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की असामान्य ताल के कारण की पुष्टि हो सकती है।
जोखिमों को कम करें
जोखिमों को कम करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे -
- परामर्श के दौरान पेशेंट को अपनी मेडिकल फैमिली हिस्ट्री के बारे में पहले से बताएं। इसका जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
- प्रक्रिया से पहले कुछ दवाओं को रोकने और कुछ को चालू करने की सलाह दी जाती है, जिसका पालन अवश्य करें।
- प्रक्रिया से पहले कुछ घंटे की फास्टिंग बहुत ज्यादा आवश्यक होती है।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर के दिए गए निर्देशों का पालन करें और सभी टेस्ट की रिपोर्ट साथ रखें।
निष्कर्ष
कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया हृदय रोगों के निदान और इलाज के लिए अहम है। आमतौर पर इसे एक सुरक्षित प्रक्रिया में गिना जाता है, लेकिन कुछ संभावित जोखिम और जटिलताएं हैं, जिसका सामना कोई भी कर सकता है।
इसमें सबसे आवश्यक है, अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से बात करना और उनके निर्देशों का सही से पालन करना। इससे वह अपने जोखिम को भी कम कर सकते हैं। यदि आपको हृदय रोग का संदेह है या हार्ट कैथीटेराइजेशन की आवश्यकता है, तो सबसे पहले प्रक्रिया के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें और फिर निर्णय लें।
FAQs
कार्डियक कैथीटेराइजेशन का विकल्प क्या है?
इस प्रश्न का उत्तर कई कारकों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, दिल के रोगों की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम (इको) या सीटी स्कैन जैसे नॉन-इनवेसिव तकनीक की आवश्यकता होती है, तो कुछ मामलों में कार्डियक कैथीटेराइजेशन की जरूरत पड़ती है।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन में कितना समय लगता है?
प्रक्रिया का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर इसमें 1-2 घंटे का समय लगता है।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन के बाद व्यायाम कब शुरू कर सकते हैं?
इस स्थिति का जवाब आपको अपने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर से ही मिलेगा। आमतौर पर, हल्के व्यायाम को आप कुछ दिनों में ही शुरु कर सकते हैं। लेकिन भारी व्यायाम करने के लिए कुछ दिनों की प्रतीक्षा करें।
हृदय कैथीटेराइजेशन में कितना खर्च आता है?
इस प्रक्रिया में लगने वाला खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे अस्पताल, डॉक्टर के शुल्क और बीमा कवरेज।
हृदय कैथीटेराइजेशन की सफलता दर कितनी है?
कार्डियक कैथीटेराइजेशन की सफलता दर प्रक्रिया के प्रकार और रोगी की वर्तमान स्थिति पर निर्भर करती है। आमतौर पर, कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसी प्रक्रियाओं में 90% से अधिक की सफलता दर है।