हार्ट कैथीटेराइजेशन या कार्डियक कैथीटेराइजेशन एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है, जिससे हृदय रोग की जांच और इलाज आसानी से हो सकती है। इस प्रक्रिया में एक पतली और लचीली ट्यूब को नस में डाला जाता है और हृदय तक ले जाया जाता है। इस ट्यूब को कैथेटर कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय की मांसपेशियां, वाल्व और रक्त वाहिकाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में अच्छे से पता चल सकता है।
कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज और प्रबंधन में भी इस प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, फिर भी कार्डियक कैथीटेराइजेशन के कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात करने वाले हैं।
सामान्यतः कार्डियक कैथीटेराइजेशन के कोई भी खास जोखिम और जटिलता नहीं होती है, क्योंकि यह प्रक्रिया एक विशेषज्ञ के द्वारा ही की जाती है। कुछ स्थितियों में कार्डियक कैथीटेराइजेशन के जोखिम और जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे -
यह सारे सामान्य जटिलताएं हैं। हालांकि गंभीर मामलों में, कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे -
इस प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली जटिलताएं निम्नलिखित स्थिति में अधिक गंभीर हो सकती हैं -
प्रक्रिया से पहले कुछ जांच किए जाते हैं। मुख्य रूप से फिजिकल एग्जामिनेशन का सहारा लिया जाता है, जिसमें पेशेंट की फैमिली हिस्ट्री, दवाएं और एलर्जी के बारे में कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे संभावित जटिलताओं के बारे में पता चल सकता है।
जैसे ही कैथेटर हृदय तक पहुंच जाता है, अलग-अलग प्रक्रियाएं की जाती हैं जैसे -
जोखिमों को कम करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे -
इसके अतिरिक्त डॉक्टर के दिए गए निर्देशों का पालन करें और सभी टेस्ट की रिपोर्ट साथ रखें।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया हृदय रोगों के निदान और इलाज के लिए अहम है। आमतौर पर इसे एक सुरक्षित प्रक्रिया में गिना जाता है, लेकिन कुछ संभावित जोखिम और जटिलताएं हैं, जिसका सामना कोई भी कर सकता है।
इसमें सबसे आवश्यक है, अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से बात करना और उनके निर्देशों का सही से पालन करना। इससे वह अपने जोखिम को भी कम कर सकते हैं। यदि आपको हृदय रोग का संदेह है या हार्ट कैथीटेराइजेशन की आवश्यकता है, तो सबसे पहले प्रक्रिया के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें और फिर निर्णय लें।
इस प्रश्न का उत्तर कई कारकों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, दिल के रोगों की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम (इको) या सीटी स्कैन जैसे नॉन-इनवेसिव तकनीक की आवश्यकता होती है, तो कुछ मामलों में कार्डियक कैथीटेराइजेशन की जरूरत पड़ती है।
प्रक्रिया का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर इसमें 1-2 घंटे का समय लगता है।
इस स्थिति का जवाब आपको अपने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर से ही मिलेगा। आमतौर पर, हल्के व्यायाम को आप कुछ दिनों में ही शुरु कर सकते हैं। लेकिन भारी व्यायाम करने के लिए कुछ दिनों की प्रतीक्षा करें।
इस प्रक्रिया में लगने वाला खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे अस्पताल, डॉक्टर के शुल्क और बीमा कवरेज।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन की सफलता दर प्रक्रिया के प्रकार और रोगी की वर्तमान स्थिति पर निर्भर करती है। आमतौर पर, कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसी प्रक्रियाओं में 90% से अधिक की सफलता दर है।
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