हृदय रोग, जिसे कार्डियो वैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) भी कहा जाता है। यह भारत में मृत्यु का एक मुख्य कारण है जसमें हृदय और रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं।
हृदय रोग, जिसे कार्डियो वैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) भी कहा जाता है। यह भारत में मृत्यु का एक मुख्य कारण है जसमें हृदय और रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं। कई प्रकार के हृदय रोग होते हैं -
हृदय रोग के अधिक्तर कारण व्यक्ति के अस्वस्थ जीवनशैली से संबंध रखते हैं। हृदय रोग के निम्न कारण हो सकते हैं -
कुछ मामलों में यह समस्या व्यक्ति को उसके जीन्स से मिलती है।
कई बार हृदय रोग के शुरुआत में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं और भविष्य में चलकर यह मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं। यही कारण है कि हृदय रोग को शुरुआती चरण में पहचानना आवश्यक होता है। जितनी जल्दी इस स्थिति की पहचान होगी, उतनी ही जल्दी इस स्थिति का निदान और इलाज भी संभव हो पाएगा। कई बार हृदय रोग के शुरुआती लक्षण अस्पष्ट होते हैं और लोग इन्हें दूसरी स्थिति के साथ भी जोड़कर देखते हैं। यही कारण है कि नियमित जांच और असुविधा होने पर तुरंत में हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
हृदय रोग की शिकायत होने पर निम्न जांच का सुझाव दिया जाता है -
हृदय रोग की पुष्टि निम्न लक्षणों से हो सकती है -
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें और स्थिति को गंभीर होने से बचाएं। हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और उनसे बचना दिल को गंभीर क्षति से बचा सकता है।
हृदय रोग को रोकना आसान नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से इस स्थिति का मैनेजमेंट संभव है जैसे -
हृदय रोगों से अपनी जान गंवाने वाले लोगों की सूची बहुत लंबी है। धूम्रपान, खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा हृदय रोग के कुछ मुख्य कारण है, जिनका प्रबंधन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकता है। यही कारण है कि इस रोग की प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है क्योंकि हृदय रोग के लक्षण शुरू में दिखाई नहीं देते हैं। जितनी जल्दी इसकी पहचान होगी, जटिलताओं को रोकने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी।
हृदय रोग की स्थिति में रोगी को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
किसी एक कारक की अधिकता के कारण हृदय रोग नहीं होता है। जीवनशैली में निम्न कारकों की अधिकता के कारण हृदय रोग का खतरा लगातार बना रहता है -
Written and Verified by:
Dr. Sanjeeb Roy is the Director Cardiology at Rukmani Birla Hospital, Jaipur. His core expertise in cardiology is complex coronary intervention, palque management (rotational, laser and orbital atherectomy and use of IVL), imaging (IVUS and OCT) and physiology (FFR and NHPR).
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