ट्राइग्लिसराइड्स और दिल की बीमारियों का कनेक्शन: क्या आपको चिंता करनी चाहिए?
Home >Blogs >ट्राइग्लिसराइड्स और दिल की बीमारियों का कनेक्शन: क्या आपको चिंता करनी चाहिए?

ट्राइग्लिसराइड्स और दिल की बीमारियों का कनेक्शन: क्या आपको चिंता करनी चाहिए?

Summary

इस ब्लॉग में बताया गया है कि कैसे हाई ट्राइग्लिसराइड्स दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। इससे धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। स्वस्थ आहार, व्यायाम, और वजन घटाना ट्राइग्लिसराइड्स नियंत्रित करने में मदद करता है।

यदि आपको पेट में दर्द, उल्टी, और त्वचा की समस्या (त्वचा का पीलापन) जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो हो सकता है आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ गया हो। यदि ऐसा होता है, तो यह इस बात की तरफ संकेत करता है कि आपको अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करने की ज़रूरत है, क्योंकि इसका प्रभाव सीधा आपके दिल पर होगा।

अब विश्व भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक दिल की बीमारियां हैं। ऐसे में ट्राइग्लिसराइड्स जैसे सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण जोखिम कारक को नज़रअंदाज करना बिल्कुल भी सही निर्णय नहीं होगा। यदि आप अपने दिल की सेहत को प्राथमिकता देना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग में हम आपको ट्राइग्लिसराइड्स और दिल की बीमारियों के बीच के कनेक्शन के बारे में बताएंगे और यह भी कि आप इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। इस स्थिति में ट्राइग्लिसराइड्स के इलाज के लिए एक पूरी योजना की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आपको एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है। 

ट्राइग्लिसराइड्स क्या है और यह आपके दिल की सेहत को कैसे प्रभावित करते है?

ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का फैट है, जो रक्त में मौजूद होती है और हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करती है। जब हम अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तो इसके बाद शरीर में मौजूद अतिरिक्त कौलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदलकर फैट कोशिकाओं में जमा कर देता है। जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो यह ट्राइग्लिसराइड्स ऊर्जा के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

लेकिन जब यह ट्राइग्लिसराइड्स अत्यधिक बढ़ जाते हैं, तो रक्त की धमनियों में प्लाक (पट्टिका) का निर्माण हो सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) नामक रक्त वाहिकाओं की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह स्थिति धमनियों को संकीर्ण और कठोर बना देती है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, हाई ट्राइग्लिसराइड्स वाले लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) का खतरा 2.5 गुना अधिक हो सकता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जैसे स्ट्रोक और दिल का दौरा

उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और कोरोनरी आर्टरी डिजीज के बीच कनेक्शन

जब शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है, तो यह न केवल धमनियों को संकीर्ण करता है, बल्कि यह "खराब" LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है। उच्च LDL स्तर प्लाक के जमाव को बढ़ाता है, जिससे धमनियों की दीवारें ब्लॉक हो जाती है और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) जैसी गंभीर हृदय स्थितियां उत्पन्न कर सकता है। इसके अतिरक्त, हाई ट्राइग्लिसराइड्स HDL (गुड़ कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है, जिसका मुख्य कार्य LDL को कम करना है। इन सभी कारकों का संयोजन दिल की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।

क्या कारण हैं जो ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाते हैं?

ट्राइग्लिसराइड्स कई कारणों से बढ़ सकता है, जिनमें से कुछ को हम नीचे समझने वाले हैं - 

  • खराब आहार और जीवनशैली कारक: वर्तमान में फास्ट-फूड और अत्यधिक चीनी वाली डाइट से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ गया है। जब आप प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट्स और अस्वस्थ फैट का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में जमा हो जाती हैं।
  • मोटापा और पेट की चर्बी: पेट की चर्बी ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है। मोटे लोग अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध का शिकार होते हैं, जो अधिक ट्राइग्लिसराइड्स का कारण बनता है।
  • शारीरिक निष्क्रियता: यदि आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते, तो यह ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ा सकता है। शारीरिक सक्रियता से यह स्तर नियंत्रित रहता है।
  • अत्यधिक शराब का सेवन: अत्यधिक शराब पीने से लिवर में अधिक ट्राइग्लिसराइड्स का निर्माण होता है, जिससे रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है।
  • चिकित्सीय स्थितियां और दवाइयां: मधुमेह, थायरॉयड की समस्याएं, गुर्दे और लिवर रोग और कुछ दवाइयां ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ा सकती हैं।

ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने के उपाय

अब जब आप समझ गए हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर क्यों बढ़ता है और यह आपके दिल के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, तो आइए जानते हैं कि आप इसे कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।

  • स्वस्थ आहार अपनाएं: स्वस्थ आहार जीवनशैली के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। प्रोसेस्ड शक्कर और अत्यधिक रिफाइनंड कार्बोहाइड्रेट्स से बचना जरूरी है, क्योंकि यह हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाते हैं। इसके बदले, आपको अपने आहार में स्वस्थ फैट्स जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो, और नट्स शामिल करने चाहिए, जो दिल के लिए अच्छे होते हैं। प्रोटीन का सेवन भी बढ़ाएं, विशेष रूप से दाल, बीन्स, टोफू, और अन्य पौधों से मिलने वाले प्रोटीन स्रोतों का सेवन फायदेमंद होता है, क्योंकि यह शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ आपके मेटाबोलिज्म को भी बेहतर बनाते हैं।
  • शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं: नियमित व्यायाम न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि यह आपके दिल और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है। हल्की से लेकर मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधियां, जैसे कि तेज़ चलना, दौड़ना, तैराकी, या साइकिल चलाना, आपके ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। व्यायाम से HDL (गुड कोलेस्ट्रॉल) भी बढ़ता है, जो आपके दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
  • अत्यधिक शराब और धूम्रपान से बचें: शराब का अत्यधिक सेवन और धूम्रपान दिल और शरीर के अन्य अंगों पर अत्यधिक दबाव डालते हैं। यह न केवल रक्तदाब को बढ़ाता है, बल्कि आपके शरीर में सूजन और नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों का निर्माण भी कर सकता है। शराब का सेवन कम करके और धूम्रपान से बचकर आप अपने दिल और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
  • वजन घटाने का प्रयास करें: वजन को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले पेट की चर्बी कम करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिक पेट की चर्बी शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ा सकते हैं। एक स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपके दिल की बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आप संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से धीरे-धीरे वजन घटाने का प्रयास कर सकते हैं।

निष्कर्ष

यदि आपके ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर हाई है, तो यह आपके दिल की सेहत के लिए खतरे का संकेत हो सकता है। जीवनशैली में सुधार, सही आहार और नियमित व्यायाम से आप इसे आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। एक स्वस्थ दिल के लिए इन कदमों को अपनाना जरूरी है। यदि आपने अभी तक ट्राइग्लिसराइड्स की जांच नहीं करवाई है, तो आज ही अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। इसके लिए आपको हमारे विशेषज्ञों से परामर्श लें और टेस्ट कराएं।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

ट्राइग्लिसराइड क्यों बढ़ते हैं?

खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता, शराब का अत्यधिक सेवन और मोटापा मुख्य कारण हैं, जो ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ाते हैं।

ट्राइग्लिसराइड कितना होना चाहिए?

स्वस्थ ट्राइग्लिसराइड्स स्तर 150 mg/dL से कम होना चाहिए। 150-199 mg/dL को सीमा रेखा माना जाता है, जबकि 200 mg/dL से ऊपर के स्तर को उच्च माना जाता है।

ट्राइग्लिसराइड्स कैसे कम करें?

स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, वजन घटाना और शराब के सेवन को कम करना ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है।

क्या लहसुन खाने से ट्राइग्लिसराइड्स कम होते हैं?

लहसुन में ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के तत्व होते हैं, और इसे नियमित रूप से खाने से ट्राइग्लिसराइड्स नियंत्रित हो सकते हैं।

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने पर प्रोसेस्ड शक्कर, ट्रांस फैट, अधिक शराब और शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह हम आपको देंगे।

Written and Verified by:

Dr. Rahul Sharma

Dr. Rahul Sharma

Additional Director Exp: 13 Yr

Cardiology

Book an Appointment

Related Diseases & Treatments

Treatments in Jaipur

Cardiac Sciences Doctors in Jaipur

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now