हृदय रोग में क्या खाएं और क्या नहीं
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हृदय रोग में क्या खाएं और क्या नहीं

Cardiology | by Dr. Dhiman Kahali on 27/04/2024

Summary

दिल को स्वस्थ रखने में खाने का बहुत बड़ा रोल होता है। यह बात वैज्ञानिकों के द्वारा प्रमाणित है कि जिन चीजों का आप सेवन करते हैं, वह आपके कोलेस्ट्रॉल, वजन और ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। अनियमित खानपान हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक है। इस बात को सभी मानते हैं कि हेल्दी खाना स्वस्थ शरीर का आधार है और अनहेल्दी खाना बीमारी का घर।

दिल को स्वस्थ रखने में खाने का बहुत बड़ा रोल होता है। यह बात वैज्ञानिकों के द्वारा प्रमाणित है कि जिन चीजों का आप सेवन करते हैं, वह आपके कोलेस्ट्रॉल, वजन और ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। अनियमित खानपान हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक है। इस बात को सभी मानते हैं कि हेल्दी खाना स्वस्थ शरीर का आधार है और अनहेल्दी खाना बीमारी का घर।

अनहेल्दी खाने से शरीर की नसों में अनहेल्दी फैट जमा होने लगता है, जिससे दिल तक खून नहीं पहुंच पाता है। यह याद रखें कि हेल्दी खाना आपके दिल को स्वस्थ रखने की कुंजी है! इसलिए आप क्या खा रहे हैं, आपके लिए क्या खाना जरूरी है और आपको क्या नहीं खाना चाहिए, इन प्रश्नों का उत्तर जानना आपके लिए आवश्यक है।

ह्रदय रोग में क्या खाएं? -

हृदय से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या होने पर निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है - 

  • ग्रीन टी: एक स्टडी में पाया गया है कि ग्रीन टी पीने से हृदय स्वस्थ रहता है और हृदय रोग की समस्या नहीं होती है। 
  • नट्स: ड्राई फ्रूट्स में मोनोअनसेचुरेटेड फैट (Monounsaturated Fat) होता है, जिसका संबंध शरीर की नसों से होता है। यदि रोगी हर रोज एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स खाते हैं, तो दिल की बीमारी का जोखिम लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो जाता है। 
  • स्वस्थ प्रोटीन: प्रोटीन, विटामिन बी, आयरन और अन्य विटामिन व मिनरल्स के अच्छे स्रोत जैसे मीट, दाल, सी फूड, अंडे इत्यादि को अपने आहार में शामिल करें।
  • होल ग्रेन्स: सभी डाइटिशियन मानते हैं कि होल ग्रेन्स फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसके साथ-साथ इसमें कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। 
  • फल और सब्जियां: हृदय को स्वस्थ बनाने में फल और सब्जियां मुख्य भूमिका निभाते हैं। इनमें फाइबर, विटामिन और खनिज पदार्थों की भरपूर मात्रा होती है, जिससे फैट, कैलोरी, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। प्रयास करें कि फल का ही सेवन करें और उनका जूस न पीएं। 

ह्रदय रोग में क्या न खाएं -

हृदय रोग की स्थिति में कुछ चीजों के खानपान की सलाह नहीं दी जाती है जैसे - 

  • रेड मीट: हालांकि रेड मीट में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है, इसलिए कई लोग इसे अपने आहार में शामिल करते हैं, लेकिन हृदय रोगियों को रेड मीट खाने की सलाह बिल्कुल नहीं दी जाती है। इसके स्थान पर लीन मीट जैसे मछली का सेवन कर सकते हैं। 
  • एग योक (Egg Yolk):जो लोग जिम जाते हैं, उनके लिए अंडे का एक अच्छा प्रोटीन का स्त्रोत माना जाता है। लेकिन इसके पीले भाग (एग योक) में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसके सेवन को कम करें।
  • ट्रांस फैट: इस बात में कोई शक नहीं है कि ट्रांस फैट हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। ट्रांस फैट की मात्रा प्रोसेस्ड प्रोडक्ट में अधिक होती है। इससे बचने के लिए किसी भी सामान को खरीदते समय उसके पीछे के लेबल को पढ़ें। 
  • चीनी और नमक: किसी भी चीज की अति मति भ्रष्ट कर सकती है। चीनी और नमक का अधिक सेवन स्वाद को बढ़ाता तो है, लेकिन इसके साथ-साथ यह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बनता है। 

ह्रदय रोग में परहेज -

क्या खाएं और क्या नहीं, इसकी जानकारी आपको ऊपर दे दी गई है, लेकिन इन सबके अतिरिक्त कुछ अन्य परहेज भी हैं, जिनका आपको अधिक ख्याल रखना होता है जैसे - 

  • तंबाकू का सेवन न करें:तबाकू ह्रदय रोग और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है। इसके कारण शरीर की नसें प्रभावित होती है, जो ट्राइग्लिसराइड्स और हार्ट अटैक का मुख्य कारण है। इसके अतिरिक्त निकोटीन ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, इसलिए तंबाकू का सेवन न करें। 
  • शराब न पिएं: शराब हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाता है, जो अंततः हृदय रोग को बढ़ावा देता है। अधिक शराब का सेवन शरीर की नसों को सख्त बनाता है।
  • मोटापा कम करें: शरीर में अतिरिक्त चर्बी बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर का संकेत देता है। इसके साथ-साथ यह हाई ब्लड प्रेशर और शुगर का भी कारण होता है। मोटापा कम करने में डाइटिशियन आपकी मदद कर सकते हैं। 
  • व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि न करना हृदय रोग के आमंत्रण के समान ही होता है। गतिहीन जीवनशैली मोटापा, हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल और शुगर का मुख्य कारण होता है। लेकिन व्यायाम के विकल्प के चुनाव के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमसे या फिर अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें। 

सारांश -

वर्तमान में हृदय रोग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। हृदय रोग से पीड़ित होने पर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उचित आहार, नियमित व्यायाम और कार्डियोलॉजी डॉक्टर की सलाह से आप इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। याद रखें, स्वस्थ जीवन शैली अपनाना ही हृदय रोग से बचाव का सबसे कारगर तरीका है। हालांकि हृदय रोग की स्थिति में बिना देर किए हमसे संपर्क करें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न -

 

कौन सा फल हृदय रोग से बचाता है?

हृदय रोग से बचाव में कई फल फायदेमंद है, जैसे - 

  • सेब
  • अंगूर
  • केला
  • खरबूजा
  • बेरीज

हार्ट के मरीज को कौन सा तेल खाना चाहिए?

हृदय रोगियों के लिए मोनोअनसेचुरेटेड (Monounsaturated) और पॉलीअनसैचुरेटेड (Polyunsaturated) फैटी एसिड से भरपूर तेल सबसे अच्छे होते हैं जैसे - 

  • जैतून का तेल
  • कनोला तेल
  • मूंगफली का तेल
  • सोयाबीन का तेल
  • अखरोट का तेल

Written and Verified by:

Dr. Dhiman Kahali

Dr. Dhiman Kahali

Director Exp: 37 Yr

Interventional Cardiology

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Dr Dhiman Kahali is associated with BM Birla Heart Research Centre as the Director of Interventional cardiology. With a total experience of 37 years, he is known as an expert in performing Angioplasties, Mitral Balloon Dilations, Peripheral Vascular and Carotid Interventions. Dr Kahali is the Ex Chairman of National Intervention Council, CSI, Ex Convenor of STEMI Council, CSI and Vice President of CSI. Being a National Scholar, he has several publications in National and International Journals and delivers more than 125 lectures every year in various forums across the globe.

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