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जन्मजात हृदय दोषों के इलाज में हृदय सर्जरी की भूमिका

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जन्मजात हृदय दोषों के इलाज में हृदय सर्जरी की भूमिका

Cardiology | by Dr. Shuvo Dutta | Published on 04/09/2024


जन्मजात हृदय रोग एक जटिल स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें बच्चे को जन्म से ही हृदय की समस्या होती हैं। इस स्थिति में आप यह कह सकते हैं कि बच्चे ने असामान्य हृदय की संरचना के साथ जन्म लिया है। इसके कारण हृदय की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। इस स्थिति में हृदय सर्जरी बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती है। हृदय सर्जरी एक विशेषज्ञ हृदय सर्जन ही करते हैं। हृदय संबंधित समस्याओं के लिए हमारे हृदय विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं। 

जन्मजात हृदय दोषों के प्रकार

जन्मजात हृदय रोग विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। हर प्रकार के रोग के अपनी कुछ चुनौतियां और समस्याएं होती हैं। यह है जन्मजात हृदय रोग के कुछ सामान्य प्रकार - 

  • वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD): इस स्थिति में हृदय के निचले कक्ष (वेंट्रिकल्स) के बीच एक छेद होता है।
  • एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (ASD): इस प्रकार के दोष में हृदय के ऊपरी कक्ष (एट्रिया) के बीच एक छेद होता है।
  • पल्मोनरी स्टेनोसिस: इस स्थिति में फेफड़ों को रक्त पंप करने वाले हृदय वाल्व संकरी हो जाती है, जिससे हृदय पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। 
  • एओर्टिक स्टेनोसिस: इसमें हृदय से शरीर के बाकी भाग में रक्त पंप करने वाले वाल्व का संकीर्ण हो जाती है, जिससे शरीर की ऊतकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

यह सभी प्रकार के हृदय दोष हर बच्चे के जीवन को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकते हैं। कुछ मामलों में सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ सकती है।

हृदय सर्जरी: एक जीवन बदलने वाला विकल्प

जन्मजात हृदय दोषों के इलाज के लिए हृदय सर्जरी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। सर्जरी की मदद से रक्त प्रवाह तो बेहतर होता ही है, इसके साथ-साथ कार्यक्षमता में भी सुधार देखा जाता है। अलग-अलग प्रकार की सर्जरी की जाती है और किस प्रकार की सर्जरी होगी, इसका निर्णय रोग की गंभीरता और बच्चे की समग्र स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। सर्जरी के लिए सर्जन ओपन-हार्ट सर्जरी, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी और कैथेटर-आधारित प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। तीनों ही प्रक्रियाएं आधुनिक तकनीक की सहायता से की जाती है। 

हृदय सर्जरी के बाद का जीवन

हार्ट सर्जरी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके बाद रोगी को पूर्ण देखभाल की आवश्यकता होती है। सर्जरी के बाद, बच्चे को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में समय लगता है। इस दौरान यदि बच्चों को स्वस्थ रखना है, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे - 

  • डॉक्टर के साथ नियमित रूप से परामर्श बहुत लाभकारी होगा। वह नियमित रूप से बच्चे के हृदय स्वास्थ्य और पूर्ण स्वास्थ्य का आकलन करते हैं। 
  • हृदय सर्जरी के बाद जीवन शैली में कुछ आवश्यक बदलाव करने की आवश्यकता होती है। बच्चों में संतुलित आहार और पूर्ण आराम बहुत ज्यादा जरूरी है। 
  • हार्ट सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसके लिए आप अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं। संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियों, प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल है। इससे बच्चों को पूर्ण पोषण मिल पाएगा।
  • यदि बच्चे थोड़े बड़े होते हैं, तो उन्हें नियमित व्यायाम की सलाह दी जाती है। 
  • डॉक्टर से बच्चों की देखभाल के लिए पूर्ण गाइड प्राप्त करें। 

हालांकि, विशिष्ट आहार संबंधी सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। 

निष्कर्ष

हृदय सर्जरी जन्मजात हृदय रोगों के साथ सभी हृदय रोगों के लिए एक जीवन बदलने वाली प्रक्रिया है, इसकी मदद से बच्चों को एक स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिलता है। आपको यह समझना होगा कि सर्जरी के बाद देखभाल और जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है, क्योंकि हृदय इस दौरान नाजुक होता है और उसे अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इसलिए हृदय सर्जरी और इससे संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या की मदद के लिए हमेशा एक अनुभवी और श्रेष्ठ डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


जन्मजात हृदय दोष क्या है?

जन्मजात हृदय दोष का अर्थ है कि बच्चे के जन्म के समय ही उसके हृदय में समस्या का होना। इस समस्या में बच्चे को जन्म से ही हृदय की संरचना में असामान्यता का सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से हृदय अपना सामान्य काम नहीं कर पाता है। 

हृदय सर्जरी क्यों जरूरी है?

सर्जरी की मदद से हृदय की संरचना और रक्त प्रवाह को फिर से दुरुस्त करने में मदद मिलती है। इससे हृदय की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है। 

सर्जरी के बाद क्या ध्यान रखें?

हृदय सर्जरी के बाद बच्चे को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। डॉक्टर की सलाह लें और ऊपर बताए गए टिप्स का पालन करें।