दिल के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
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दिल के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

Cardiology | by Dr. Raja Dhar on 19/02/2025

Summary

मानसिक स्वास्थ्य हमारे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को दर्शाता है, जो हमारे सोचने, समझने और बात करने की स्थिति को दर्शाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही, इसके कारण हमारा दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों मिलकर कई सारी चुनौतियों का सामना करने, निर्णय लेने और रिश्तों को बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं। तनाव, खराब जीवनशैली, और कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। 

एक हार्ट स्पेशलिस्ट के रूप में, मैं यह जानता हूं कि दिल और दिमाग में एक गहरा संबंध होता है। लेकिन इससे आप यह नहीं समझ सकते हैं कि यदि आपको सिर्फ अच्छा महसूस हो रहा है, तो आप स्वस्थ हैं। मानसिक स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है, जो कि बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। 

यह कितना गंभीर है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वैश्विक स्तर पर, 2019 में, लगभग 970 मिलियन लोग मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या का सामना कर रहे थे। इस आंकड़े को कोविड-19 ने बढ़ाया है। इस ब्लॉग की मदद से मैं आपको बताने वाला हूं कि दिल और दिमाग में क्या संबंध है? और दिल के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य क्यों आवश्यक है? हृदय संबंधित किसी भी समस्या के संबंध में एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट आपकी मदद कर सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य क्या है?

मानसिक स्वास्थ्य हमारे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को दर्शाता है, जो हमारे सोचने, समझने और बात करने की स्थिति को दर्शाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही, इसके कारण हमारा दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों मिलकर कई सारी चुनौतियों का सामना करने, निर्णय लेने और रिश्तों को बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं। तनाव, खराब जीवनशैली, और कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। 

वहीं दूसरी तरफ हृदय रोगियों के लिए, मानसिक स्वास्थ्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन और क्रोनिक स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, हृदय गति और सूजन को बढ़ाने का कार्य कर सकता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यदि किसी का हृदय रोग का इलाज चल रहा है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित रहेगा, जिसकी वजह से नींद, भूख और दिमाग को एकाग्र करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य और हृदय के बीच के संबंध को समझना होगा, जिसकी सहायता से हम जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।

मानसिक तनाव दिल के मरीजों को कैसे प्रभावित करता है?

मानसिक तनाव और हृदय रोग के बीच संबंध पर अच्छी खासी रिसर्च पहले से हो रखी है। जब आप किसी भी कारण स्ट्रेस (तनाव) या डिप्रेशन का सामना करते हैं, तो इसके कारण आपके शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, तो उस स्थिति में आप कभी-कभी ऐसा निर्णय ले लेते हैं, जिससे आपको बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति के कारण हृदय गति और ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है, जो आपके हृदय प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालती है। 

एक्यूट स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है, लेकिन आपको क्रोनिक स्ट्रेस की स्थिति में बहुत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर, सूजन और लंबे समय तक हृदय की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त आपको यह भी समझना होगा कि हार्ट पेशेंट्स एक जानलेवा स्थिति है। इसके कारण अनियमित दिल की धड़कन या अतालता जैसी समस्या भी हो सकती है। तनाव के कारण दिल का दौरा और स्ट्रोक की समस्या ट्रिगर हो सकती है। वहीं यदि मानसिक स्वास्थ्य का इलाज समय पर हो जाए, तो हृदय रोग के कारकों को कम करने में काफी मदद मिल सकती है। 

मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरल उपाय

मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए आप निम्न सरल उपायों का पालन कर सकते हैं - 

  • माइंडफुलनेस और मेडिटेशन: प्रयास करें कि आप मेडिटेशन के लिए कम से कम 5 और अधिक से अधिक 20 मिनट का मेडिटेशन करें। इसके लिए आप कोई क्लास भी जॉइन कर सकते हैं।
  • नियमित व्यायाम: हर रोज कम से कम 30 मिनट की वॉकिंग आपके मूड को लिफ्ट कर सकती है। हालांकि आप कुछ व्यायाम भी कर सकते हैं। हार्ट पेशेंट्स को बिना डॉक्टर से बात करे कोई भी व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  • सोशियल ग्रुप: प्रयास करें आप अपने घर परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में रहें। यदि आप अकेले रहते हैं, तो कुछ सपोर्ट ग्रुप को भी ज्वाइन कर सकते हैं। 
  • पेशेवर सहायता: लगातार थेरेपी और कंसल्टेशन की मदद से आप अपने दिमाग को और मजबूत करने में माहिर हो सकते हैं। इस थेरेपी से स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है और आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त कर सकते हैं। 
  • नींद को प्राथमिकता दें: हर रात कम से कम 7-9 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद का लक्ष्य बनाएं।
  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार हमारे शरीर में एक ईंधन के रूप में कार्य करता है। इसलिए प्रयास करें कि एक स्वस्थ एवं संतुलित आहार का सेवन करें। 
  • उत्तेजक पदार्थों को सीमित करें: कैफीन और शराब के सेवन को सीमित करें, क्योंकि इससे आपकी नींद को नुकसान पहुंच सकता है और स्ट्रेस भी दूर रहेगा।

मानसिक स्वास्थ्य से दिल को फायदा

यदि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य पर निवेश करते हैं, तो बिना किसी समस्या के आप यह कह सकते हैं कि आप एक निरोगी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हालांकि मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखने के कई लाभ हैं, जिनमें से कुछ को हमने नीचे बताया है - 

  • तनाव हार्मोन में कमी: जैसे-जैसे आप थेरेपी कराते हैं, वैसे-वैसे आपके स्ट्रेस हार्मोन को कम करने में मदद मिलती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ता है। 
  • बेहतर हृदय गति परिवर्तनशीलता (HRV): बेहतर मानसिक शांति के कारण आप अपने हृदय गति को फिर से दुरुस्त कर सकते हैं, जो आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में सक्षम है।
  • बेहतर जीवन: जैसे-जैसे आप स्वस्थ आदतों को अपनाते हैं, आप बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन जीने की तरफ अग्रसर होने लगते हैं।
  • सूजन में कमी: क्रोनिक स्ट्रेस के कारण सूजन बढ़ जाती है, जो हृदय रोग की स्थिति में हानिकारक साबित हो सकती है। इस प्रकार के उपचार के विकल्प की मदद से सूजन में भी अच्छी खासी कमी देखने को मिलती है। 
  • हृदय संबंधी घटनाओं का कम जोखिम: स्ट्रेस जैसे-जैसे कम होता है, वैसे-वैसे हृदय रोग का खतरा भी कम होने लगता है, क्योंकि स्ट्रेस हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। यह हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति को भी दुरुस्त कर सकता है। 

मैं यह मानता हूं कि इस ब्लॉग की मदद से आप अपने स्ट्रेस को आसानी से मैनेज कर सकते हैं। स्ट्रेस को कम करें और अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण वर्षों को जोड़े। इंतज़ार न करें। आज ही अपने मानसिक स्वास्थ्य और हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इलाज के लिए अभी परामर्श लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या योग और ध्यान हृदय रोगियों के लिए सुरक्षित है?

इस प्रश्न का उत्तर हां है। योग और मेडिटेशन हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। हालांकि कौन से व्यायाम या योग आपको करने चाहिए, इसकी जानकारी आपको अपने डॉक्टर से मिल सकती है। 

क्या स्ट्रेस वास्तव में हृदय की समस्याओं का कारण बन सकती है?

स्ट्रेस हृदय की समस्याओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यदि कोई हृदय रोगी क्रोनिक स्ट्रेस का सामना कर रहा है, तो इसका इलाज प्रभावी ढंग से ढूंढें। 

क्या सकारात्मक सोच हृदय रोग का इलाज है?

नहीं, सकारात्मक सोच हृदय रोग का इलाज तो बिल्कुल नहीं है। हालांकि इससे स्ट्रेस को कम किया जा सकता है, लेकिन सकारात्मक सोच के साथ-साथ उत्तम एवं आधुनिक इलाज से हृदय को दुरुस्त करने में मदद मिल सकती है। 

क्या सभी हृदय रोग मानसिक तनाव के कारण होते हैं?

नहीं, हृदय रोग मानसिक तनाव के कारण नहीं होती है। हालांकि तनाव हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है और इस स्थिति को गंभीर कर सकता है। इसके अतिरिक्त अस्वस्थ जीवनशैली और धूम्रपान भी हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। 

Written and Verified by:

Dr. Raja Dhar

Dr. Raja Dhar

Director & HOD, Pulmonology Exp: 27 Yr

Pulmonology

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