मानसिक स्वास्थ्य हमारे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को दर्शाता है, जो हमारे सोचने, समझने और बात करने की स्थिति को दर्शाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही, इसके कारण हमारा दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों मिलकर कई सारी चुनौतियों का सामना करने, निर्णय लेने और रिश्तों को बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं। तनाव, खराब जीवनशैली, और कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
एक हार्ट स्पेशलिस्ट के रूप में, मैं यह जानता हूं कि दिल और दिमाग में एक गहरा संबंध होता है। लेकिन इससे आप यह नहीं समझ सकते हैं कि यदि आपको सिर्फ अच्छा महसूस हो रहा है, तो आप स्वस्थ हैं। मानसिक स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है, जो कि बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
यह कितना गंभीर है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वैश्विक स्तर पर, 2019 में, लगभग 970 मिलियन लोग मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या का सामना कर रहे थे। इस आंकड़े को कोविड-19 ने बढ़ाया है। इस ब्लॉग की मदद से मैं आपको बताने वाला हूं कि दिल और दिमाग में क्या संबंध है? और दिल के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य क्यों आवश्यक है? हृदय संबंधित किसी भी समस्या के संबंध में एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट आपकी मदद कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य हमारे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को दर्शाता है, जो हमारे सोचने, समझने और बात करने की स्थिति को दर्शाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही, इसके कारण हमारा दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों मिलकर कई सारी चुनौतियों का सामना करने, निर्णय लेने और रिश्तों को बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं। तनाव, खराब जीवनशैली, और कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
वहीं दूसरी तरफ हृदय रोगियों के लिए, मानसिक स्वास्थ्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन और क्रोनिक स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, हृदय गति और सूजन को बढ़ाने का कार्य कर सकता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यदि किसी का हृदय रोग का इलाज चल रहा है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित रहेगा, जिसकी वजह से नींद, भूख और दिमाग को एकाग्र करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य और हृदय के बीच के संबंध को समझना होगा, जिसकी सहायता से हम जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
मानसिक तनाव और हृदय रोग के बीच संबंध पर अच्छी खासी रिसर्च पहले से हो रखी है। जब आप किसी भी कारण स्ट्रेस (तनाव) या डिप्रेशन का सामना करते हैं, तो इसके कारण आपके शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, तो उस स्थिति में आप कभी-कभी ऐसा निर्णय ले लेते हैं, जिससे आपको बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति के कारण हृदय गति और ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है, जो आपके हृदय प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालती है।
एक्यूट स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है, लेकिन आपको क्रोनिक स्ट्रेस की स्थिति में बहुत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर, सूजन और लंबे समय तक हृदय की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त आपको यह भी समझना होगा कि हार्ट पेशेंट्स एक जानलेवा स्थिति है। इसके कारण अनियमित दिल की धड़कन या अतालता जैसी समस्या भी हो सकती है। तनाव के कारण दिल का दौरा और स्ट्रोक की समस्या ट्रिगर हो सकती है। वहीं यदि मानसिक स्वास्थ्य का इलाज समय पर हो जाए, तो हृदय रोग के कारकों को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए आप निम्न सरल उपायों का पालन कर सकते हैं -
यदि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य पर निवेश करते हैं, तो बिना किसी समस्या के आप यह कह सकते हैं कि आप एक निरोगी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हालांकि मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखने के कई लाभ हैं, जिनमें से कुछ को हमने नीचे बताया है -
मैं यह मानता हूं कि इस ब्लॉग की मदद से आप अपने स्ट्रेस को आसानी से मैनेज कर सकते हैं। स्ट्रेस को कम करें और अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण वर्षों को जोड़े। इंतज़ार न करें। आज ही अपने मानसिक स्वास्थ्य और हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इलाज के लिए अभी परामर्श लें।
इस प्रश्न का उत्तर हां है। योग और मेडिटेशन हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। हालांकि कौन से व्यायाम या योग आपको करने चाहिए, इसकी जानकारी आपको अपने डॉक्टर से मिल सकती है।
स्ट्रेस हृदय की समस्याओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यदि कोई हृदय रोगी क्रोनिक स्ट्रेस का सामना कर रहा है, तो इसका इलाज प्रभावी ढंग से ढूंढें।
नहीं, सकारात्मक सोच हृदय रोग का इलाज तो बिल्कुल नहीं है। हालांकि इससे स्ट्रेस को कम किया जा सकता है, लेकिन सकारात्मक सोच के साथ-साथ उत्तम एवं आधुनिक इलाज से हृदय को दुरुस्त करने में मदद मिल सकती है।
नहीं, हृदय रोग मानसिक तनाव के कारण नहीं होती है। हालांकि तनाव हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है और इस स्थिति को गंभीर कर सकता है। इसके अतिरिक्त अस्वस्थ जीवनशैली और धूम्रपान भी हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है।
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Dr. Raja Dhar has joined as Director & HOD, Department of Pulmonology at The Calcutta Medical Research Institute. Dr Dhar brings with himself more than 27 years of experience in Pulmonology, Critical Medical Management and Interventional Pulmonology. Dr. Dhar is proficient in all disciplines of Respiratory Medicine including airways disease, pulmonary fibrosis, pulmonary hypertension, transplant, lung cancer, sleep medicine, lung infections including TB, and respiratory emergencies. His special interest lies in Interventional Pulmonology including electrocautery, APC, cryotherapy, stent placements and Medical Thoracoscopy. He is passionate about teaching and is an avid researcher and academician.
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