हृदय वाल्व हमारे शरीर, मुख्य रूप से हमारे हृदय का एक मुख्य भाग है। आप इसे हमारे हृदय के दरवाजे के रूप में जान सकते हैं, जो हृदय के चारों कक्षों के बीच और बाहर रक्त संचार को नियंत्रित करता है। यदि कोई वाल्व क्षतिग्रस्त या खराब हो जाता है, तो इसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
हृदय वाल्व हमारे शरीर, मुख्य रूप से हमारे हृदय का एक मुख्य भाग है। आप इसे हमारे हृदय के दरवाजे के रूप में जान सकते हैं, जो हृदय के चारों कक्षों के बीच और बाहर रक्त संचार को नियंत्रित करता है। यदि कोई वाल्व क्षतिग्रस्त या खराब हो जाता है, तो इसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इस क्षतिग्रस्त भाग के इलाज के लिए हृदय वाल्व सर्जरी या हार्ट वाल्व रिपेयर/रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके बारे में हम इस ब्लॉग में समझने वाले हैं।
मुख्य रूप से हृदय वाल्व सर्जरी दो प्रकार की होती हैं -
कौन सा विकल्प आपके लिए सही है, इसका पता रोगी के स्वास्थ्य, वाल्व की स्थिति, वाल्व को होने वाला नुकसान और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
जैसे कि हमने आपको पहले बताया है कि हृदय वाल्व सर्जरी दो प्रकार की होती हैं। इसमें सर्जरी से पहले सर्जन पेशेंट को एनेस्थीसिया देते हैं। चलिए दोनों सर्जरी की प्रक्रियाओं को समझते हैं -
यदि वाल्व को क्षति ज्यादा नहीं हुई है और इसे रिपेयर करके स्थिति में सुधार संभव है, तो सर्जन वाल्व रिपेयर सर्जरी करते हैं। कुछ मामलों में सर्जन वाल्व के फ्लैप को पैच या टांकों की मदद से रिपेयर कर देते हैं। वहीं कुछ मामलों में वाल्व को सिर्फ आकार देने की आवश्यकता होती है। यह एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें चीरा भी छोटा लगता है और रिकवरी में समय भी कम लगता है। हृदय वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद, रोगी को स्वस्थ आहार खाना चाहिए जो कम वसा और कोलेस्ट्रॉल वाला हो। इससे इलाज की सफलता दर अच्छी हो जाती है।
इस प्रक्रिया में सर्जन क्षतिग्रस्त वाल्व को हटा देते हैं और उसे एक आर्टिफिशियल वाल्व से बदल दिया जाता है। आर्टिफिशियल वाल्व दो प्रकार के होते हैं -
दोनों ही प्रकार की प्रकार के वाल्व थेरेपी में ओपन हार्ट सर्जरी का प्रयोग होता है, जिसके अपने जोखिम और जटिलताएं होती हैं।
हृदय वाल्व सर्जरी के बाद, रोगी को अस्पताल में कुछ दिन रहना पड़ सकता है। उस दौरान सर्जन रोगी के हृदय गति और ब्लड प्रेशर की निगरानी करते हैं। संभावित जटिलताओं से बचने के लिए कुछ दवाएं भी दी जा सकती हैं।
अधिकांश लोग हृदय वाल्व सर्जरी से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और वह सक्रिय और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। हृदय वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद जीवित रहने की दर लगभग 90% है। अर्थात सर्जरी के बाद रोगी की उम्र लगभग 10 वर्ष तक बढ़ जाती है। लेकिन फिर भी अपने आहार में कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए और हृदय सर्जन डॉक्टर से बार-बार परामर्श करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, आपकी हृदय संबंधी समस्या के उपचार के लिए, हम आपको सलाह देते हैं कि आप तुरंत कोलकाता में हमारे हृदय शल्य चिकित्सक विशेषज्ञों से परामर्श लें और सभी उपचार विकल्पों पर विचार करें।
मानव हृदय में चार वाल्व होते हैं -
हृदय वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के खर्च को कई कारक प्रभावित करते हैं जैसे -
सभी सर्जरी की तरह हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी भी एक सुरक्षित सर्जरी है, जिसके कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं। जैसे नए वाल्व के कारण रक्त प्रवाह में बदलाव, रक्त का थक्का जमना इत्यादि। इन सबके कारण मृत्यु तक की भी संभावना बन जाती है।
Written and Verified by:
Dr. Amanul Hoque is a Consultant in CTVS at BM Birla Heart Hospital, Kolkata with over 10 years of experience. He specializes in cardiac & vascular surgery, including congenital and adult cardiac procedures along with teaching and training in the CTVS field.
© 2024 BMB Kolkata. All Rights Reserved.