उच्च कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग

उच्च कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग

Gastro Sciences |by Dr. Ajay Mandal| Published on 20/01/2025

लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन और उसे साफ करना हमारे लीवर का एक प्रमुख कार्य है। यदि लीवर में कोई भी समस्या उत्पन्न होती है, तो इसके कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कम होता है और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। चलिए इस ब्लॉग की सहायता से कोलेस्ट्रॉल और लीवर के स्वास्थ्य के बीच संबंध और इसमें उत्पन्न होने वाले समस्या और इसके समाधान के बारे में जानते हैं। लीवर से संबंधित बीमारी के लिए अभी हेपेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें।

क्या लीवर और कोलेस्ट्रॉल के बीच कोई संबंध है?

लीवर का कार्य कोलेस्ट्रॉल के निर्माण और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाना है। लीवर शरीर में अधिकांश कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को तोड़कर शरीर से बाहर निकाल देता है। स्वस्थ लीवर का कार्य HDL या गुड़ कोलेस्ट्रॉल और LDL या बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बैलेंस करना है। यदि लीवर में किसी भी प्रकार की समस्या दिखती है, तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी असामान्यता देखने को मिल सकती है। 

क्या हाई कोलेस्ट्रॉल आपके लीवर के लिए बुरा है?

हाई कोलेस्ट्रॉल हमारे लीवर के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (NAFLD) का कारण भी बन सकता है, जिसके कारण लीवर पर अधिक फैट जम जाता है। 

यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाए और स्थिति में कोई भी सुधार न हो, तो इसके कारण लीवर में सूजन या फिर लीवर फेल्योर जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial Hypercholesterolemia) एक जेनेटिक स्थिति है, जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल का निर्माण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह से लीवर अपना सामान्य काम भी नहीं कर पाता है। 

लीवर डिजीज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कैसे प्रभावित करता है?

लीवर में समस्या होने के कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।हेपेटाइटिससिरोसिस या NAFLD जैसी लीवर की बीमारियां शरीर के मेटाबॉलिज्म की क्षमता को कमजोर कर देते हैं, जिसकी वजह से LDL या बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है और गुड़ कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है। 

इस असंतुलन से हृदय की बीमारियां भी हो सकती हैं। यदि किसी को एल्कोहॉलिक लीवर सिंड्रोम है, तो इससे होने वाली क्षति बहुत ज्यादा होती है। लीवर डिजीज का त्वरित निदान और इलाज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रबंधित करने और जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है। 

उच्च कोलेस्ट्रॉल और लीवर डिजीज की रोकथाम

हाई कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग को रोकने के लिए आपको एक सकारात्मक एप्रोच रखने की आवश्यकता होती है। आपको इलाज के दौरान निम्न बातों का खास ख्याल रखना चाहिए - 

  • स्वस्थ आहार अपनाएं:अपने आहार में फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन, और स्वस्थ वसा का सेवन करें और सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थों को कम करें। उच्च फाइबर वाले आहार का सेवन करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम करें। ऐसा करने से एचडीएल को बढ़ाने और एलडीएल तथा ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिलती है।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: लीवर रोग के अधिकतर मामलों में रोगियों का वजन बढ़ता है। यदि आप अपना वजन कम करते हैं और स्वस्थ बीएमआई के दायरे में आते हैं, तो इसके कारण आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। 
  • शराब का सेवन सीमित करें: अधिक शराब, आपके लीवर के साथ-साथ आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कार्य करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में अनिमितता आती है। 
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान के कारण कोलेस्ट्रॉल से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे लीवर की समस्या भी होती है। 
  • हाइड्रेटेड रहें और संतुलित भोजन करें: यदि आप समय-समय पर खुद को हाइड्रेट रखते हैं, तो इससे आप अपने लीवर को डिटॉक्सिफाई कर पाएंगे। प्रयास करें कि खूब सारा पानी पीएं और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। 
  • नियमित स्वास्थ्य जांच: यदि आप नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराते हैं जैसे कि लिपिड प्रोफाइल और लीवर फंक्शन टेस्ट, तो आप अपने लीवर के साथ-साथ अपने हृदय को भी बचा सकते हैं। टेस्ट में किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें। 
  • अन्य स्वास्थ्य समस्या का इलाज करें: कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग के जोखिम को कम करने के लिए डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियों का समाधान करें।

इन रोकथाम के उपायों से लाभ अवश्य मिलेगा। इन उपायों से न सिर्फ आप अपने लीवर को दुरुस्त कर पाएंगे, इसके साथ-साथ आप अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल अच्छे से रख पाएंगे। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल फैटी लीवर का कारण बन सकता है?

हां, उच्च कोलेस्ट्रॉल फैटी लीवर, विशेष रूप से नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) में योगदान कर सकता है। अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स लीवर कोशिकाओं में जमा हो सकते हैं, जिससे सूजन और लीवर की कार्यक्षमता में गिरावट देखने को मिलती है।

हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव किए जाने चाहिए?

हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए, ऐसे आहार को अपनाएं जिसमें हेल्दी फैट हो और इसके साथ-साथ फल, सब्जियां और होल ग्रेन्स जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों शामिल हो। इसके अतिरिक्त शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने और स्वस्थ वजन बनाए रखने से भी बहुत लाभ मिलेगा।

क्या फैटी लीवर और उच्च कोलेस्ट्रॉल एक ही समस्या है?

नहीं, फैटी लीवर और हाई कोलेस्ट्रॉल अलग-अलग समस्याएं हैं, लेकिन कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़े हुए भी है। फैटी लीवर में लीवर पर फैट जम जाता है और हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में हृदय की कार्यक्षमता पर भारी नुकसान होता है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण लीवर की क्या समस्याएं हो सकती हैं?

उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (NAFLD) हो सकता है और गंभीर मामलों में, नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) हो सकता है। इसके कारण फाइब्रोसिस, सिरोसिस या लीवर फेलियर की समस्या भी हो सकती है।

क्या बच्चों में उच्च कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग एक साथ हो सकते हैं?

हां, हाई कोलेस्ट्रॉल और लीवर रोग, जैसे कि नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (NAFLD), बच्चों में एक साथ हो सकते है, खासकर उन बच्चों में जो अधिक वजन वाले या मोटे हैं।

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