कल्पना कीजिए कि आप अपने शरीर में टिक-टिक करने वाले टाइम बम के साथ जीवन व्यापन कर रहे हैं। लिवर सिरोसिस, एक प्रगतिशील स्थिति है, जिसमें लिवर को नुकसान पहुंचाता है, जिसमें उसके कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसे रोकने के लिए या इसके रोकथाम या प्रबंधन के लिए इसके प्रमुख कारण और सभी लक्षणों को समझना बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है।
इस ब्लॉग में हम लिवर सिरोसिस के 5 मुख्य कारणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, उनसे बचने के लिए सुझाव देंगे और इस गंभीर बीमारी के बारे में आपके सबसे ज़रूरी सवालों के जवाब देंगे। यदि आपने लिवर सिरोसिस की पहचान कर ली है, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत हमारे गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ से संपर्क करें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।
आप यह समझ सकते हैं कि लीवर सिरोसिस एक प्रकार का क्रोनिक लिवर रोग है, जो कि लिवर की समस्या का अंतिम चरण है। इसके अतिरिक्त लिवर सिरोसिस, लिवर फाइब्रोसिस का भी अंतिम चरण है। कुछ बीमारियां लिवर की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। इन कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण लिवर में सूजन हो जाती है, जिसके बाद धीरे-धीरे स्थिति लीवर सिरोसिस में बदल जाती है।
कई कारणों से लिवर सिरोसिस की समस्या एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात भी करेंगे। शराब, फैट और कुछ दवाओं का सेवन उनमें से कुछ प्रमुख कारण है।
लिवर सिरोसिस के कई कैरण हैं, जिनके बारे में हम नीचे बताया भी है -
लिवर सिरोसिस के 5 कारण |
विवरण |
लंबे समय से शराब का सेवन |
लंबे समय तक अत्यधिक शराब का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन और अन्य समस्या होती है। |
हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण |
हेपेटाइटिस बी या सी के क्रोनिक संक्रमण से लिवर में सूजन हो सकती है, जो लिवर सिरोसिस का कारण बनते हैं। |
नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) |
अल्कोहल फैटी लिवर रोग से अलग, इसमें शराब का कोई संबंध नहीं होता। मोटापा, मधुमेह, और हाई कोलेस्ट्रॉल इस स्थिति के कारण है। |
ऑटोइम्यून लिवर रोग |
ऑटोइम्यून स्थितियां जैसे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा लिवर पर हमला करते हैं। |
आनुवंशिक विकार |
विल्सन रोग, हेमोक्रोमैटोसिस, और अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी जैसी आनुवंशिक स्थितियां लिवर सिरोसिस का कारण बनते हैं। |
अक्सर लिवर की समस्या या लिवर सिरोसिस की पहचान शुरुआती चरण में नहीं होती है। जैसे-जैसे समय बीतता है, इस रोग के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे कि -
यदि इन लक्षणों की पहचान समय पर हो जाती है, तो इसका इलाज भी आसानी से हो सकता है और लिवर के कार्यक्षमता को नुकसान होने से भी बच सकता है।
लिवर सिरोसिस की पहचान करने के लिए हम अपने पेशेंट को निम्न टेस्ट का सुझाव देते हैं -
एक बात आपको समझनी होगी कि लिवर सिरोसिस का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसका प्रबंधन संभव है। सिरोसिस के प्रारंभिक स्थिति के इलाज के लिए निम्न विकल्पों का प्रयोग हो सकता है -
इसके अतिरिक्त खुजली, थकान और दर्द जैसे सामान्य लक्षणों के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवनशैली में बदलाव लाएं जैसे कि समय पर उठें, समय पर खाना खाएं, या स्वस्थ आहार का सेवन करें। कैफीन से दूरी बनाएं और प्रयास करें कि प्रोसेस्ड फूड का सेवन बंद कर दें।
इसके अतिरिक्त लिवर सिरोसिस के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें।
लिवर सिरोसिस की समस्या का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसका प्रबंधन किया जा सकता है। यदि आप धीरे-धीरे अपने सेहत का ख्याल रखते हैं और सही तरीके से इलाज लेते हैं तो समय के साथ स्थिति में सुधार होगा और लिवर भी दुरुस्त होगा।
लिवर सिरोसिस के प्रबंधन के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। लिवर सिरोसिस की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों के सेलन की सलाह दी जाती है -
लिवर सिरोसिस की समस्या को बिलकुल ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस स्थिति का प्रबंधन कर स्थिति को फिर से दुरुस्त किया जा सकता है और रोग की प्रगती को धीमा किया जा सकता है।
लिवर सिरोसिस के आखरी स्टेज में बहुत ज्यादा गंभीर लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे कि -
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