पेसमेकर एक छोटा उपकरण है, जिसका कार्य दिल की धड़कन की अनियमितता को मैनेज करना है। डॉक्टर इस उपकरण को लगाने का सुझाव तब देते हैं, जब दिल की धड़कन में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होता है।
हमारे शरीर के सभी अंग हमें जीवित रखने में बहुत महत्व रखते हैं। सभी अंगों में से हमारा दिल सबसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। हृदय रक्त को पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाता है। जैसे-जैसे रक्त पूरे शरीर में फैलता है, हमारा दिल धड़कता है।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ बीमारियों के कारण दिल की धड़कन में उतार चढ़ाव आ जाता है। इस स्थिति को चिकित्सा भाषा में एरिथमिया कहा जाता है। यदि दिल की धड़कन में अनियमितता लंबे समय तक बनी रहती है, तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसी अनियमितता को ठीक करने के लिए एक छोटा सा डिवाइस लगाया जाता है, जिसे पेसमेकर के नाम से जाना जाता है।
पेसमेकर एक छोटा उपकरण है, जिसका कार्य दिल की धड़कन की अनियमितता को मैनेज करना है। हृदय शल्य चिकित्सक इस उपकरण को लगाने का सुझाव तब देते हैं, जब दिल की धड़कन में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होता है। जब दिल सही से कार्य नहीं करता है, तो हार्ट फेल्योर की नौबत भी आ सकती है। ऐसे मामलों में डॉक्टर पेसमेकर का सहारा लेते हैं।पेसमेकर एक बैटरी ऑपरेटिड उपकरण है। जब इस उपकरण की बैटरी खत्म हो जाती है, तो उसे रिचार्ज करने के लिए निश्चित समय के बाद बैटरी को बदल दिया जाता है।
पेसमेकर का कार्य हृदय की गति को नियंत्रित करना है। पेसमेकर यह कार्य बिजली के संकेतों का उपयोग करके करता है। इस डिवाइस में एक बैटरी, कंप्यूटर चिप और कुछ तार लगे होते हैं, जिसकी मदद से हृदय शल्य चिकित्सक अपने रोगी की हृदय की गतिविधियों पर नजर भी रखते हैं।
जब हृदय गति बहुत धीमी हो जाती है या फिर उसमें उतार-चढ़ाव होता है, तो पेसमेकर की सहायता से हृदय की गति को नियंत्रित किया जाता है। इसके लिए पेसमेकर में सेटेलाइट के द्वारा संकेत भेजा जाता है। संकेत मिलने के बाद पेसमेकर की सहायता से शरीर में रक्त संचार फिर से बहाल हो जाता है और हृदय की समस्याओं में सुधार होता है। इसकी सहायता से रोगी के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिलता है।
पेसमेकर कई प्रकार के होते हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
आमतौर पर पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया को एक सुरक्षित प्रक्रिया में गिना जाता है। लेकिन कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं, जो पेसमेकर लगाने के बाद आपको परेशान कर सकती हैं जैसे -
पेसमेकर लगने के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे -
पेसमेकर लगाने से रोगी को बहुत सहायता मिलती है। चलिए सभी फायदों के बारे में एक-एक करके समझते हैं -
भविष्य में पेसमेकर अधिक छोटे, अधिक शक्तिशाली और अधिक टिकाऊ होंगे। वह अधिक सुविधाओं से भी लैस होंगे, जैसे कि वह रक्तचाप और रक्त शर्करा को भी नियंत्रित कर सकते हैं। यदि आपको पेसमेकर की आवश्यकता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपको आपके लिए सबसे अच्छा पेसमेकर चुनने में मदद कर सकते हैं और आपको प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
पेसमेकर एक जीवन रक्षा उपकरण है, जो हृदय रोग वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। यदि आपको पेसमेकर की आवश्यकता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और अपने विकल्पों के बारे में जानें।
पेसमेकर तब लगाया जाता है, जब हृदय की धड़कन धीमी या अनियमित हो जाती है। यह हृदय गति को नियंत्रित करने और हृदय गति रुकने के खतरे को कम करने में मदद करता है।
पेसमेकर एक छोटा उपकरण है, जो हृदय में लगाया जाता है। यह एक बैटरी से चलने वाला उपकरण है, जो दिल को बिजली संकेत भेजता है। यह संकेत दिल को धड़कने के लिए प्रेरित करता है।
पेसमेकर की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि पेसमेकर का प्रकार, अस्पताल, और डॉक्टर। भारत में पेसमेकर की कीमत 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक हो सकती है। इस कीमत को कई कारक प्रभावित करते हैं, जिनके बारे में डॉक्टर से परामर्श के बाद ही पता चलेगा।
पेसमेकर निम्नलिखित स्थितियों में लगाया जाता है -
कार्डियक पेसमेकर एक छोटा उपकरण होता है, जो दिल में लगाया जाता है। यह दिल की धड़कन को नियंत्रित करने में मदद करता है। कार्डियक पेसमेकर को इम्प्लांटेबल पेसमेकर भी कहा जाता है।
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Dr. Manoj Kumar Daga is associated with BM Birla Heart Research Centre as a Director – CTVS. In the past, he has also worked as a Consultant Cardiac surgeon at Auckland City Hospital. He has also been associated with health organisations like GB Pant Hospital, KGMC Lucknow and RTIICS. His areas of interest are Adult and Congenital Heart Surgery with a special interest in Coronary Aortic Root Surgery and Heart And Lung Transplant.
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