स्लीप एपनिया या स्लीप एप्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रात में सोते समय सांस लेने में समस्या होती है। इस दौरान जैसे ही आपको सांस लेने में दिक्कत होती है, दिमाग आपको नींद से जगा देता है। यही कारण है कि स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) की स्थिति में नींद में समस्या सबसे सामान्य लक्षण है। समय के साथ यह समस्या गंभीर होने लग जाती है जिसका प्रबंधन बहुत ज्यादा आवश्यक है। स्लीप एपनिया के संबंध में कोलकाता में पल्मोनोलॉजिस्ट से परामर्श लें -
स्लीप एपनिया क्या है?
स्लीप एपनिया वह स्थिति है, जिसमें सोते समय सांस नहीं आती है। स्लीप एपनिया होने के पीछे का मुख्य कारण वायु मार्ग में रुकावट (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) हो सकता है। इसके अतिरिक्त मस्तिष्क का सांस पर नियंत्रण न होना भी इस समस्या का कारण है।
यह रोग वृद्ध पुरुषों में बहुत आम है, लेकिन वर्तमान में हर उम्र के लोग इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह समस्या अधिक गंभीर हो गई है।
स्लीप एपनिया के प्रकार
स्लीप एपनिया मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं -
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया: यह सबसे सामान्य प्रकार का एपनिया है, जिसमें गले के पीछे के मांसपेशियों में समस्या होती है और वायु मार्ग में ब्लॉकेज आ जाती है।
- सेंट्रल स्लीप एपनिया: इस प्रकार के एपनिया में मस्तिष्क सांस लेने के संकेत को सही तरह से नहीं भेज पाता है।
इसके अतिरिक्त स्लीप एपनिया की समस्या को तीन अलग-अलग भाग में बांटा गया है। एपनिया-हाइपोपनिया इंडेक्स (AHI), एपनिया या हाइपोपनिया के स्ट्रोक का प्रति घंटा संख्या है। अर्थात एक घंटे में व्यक्ति को एपनिया या हाइपोपनिया के स्ट्रोक आए हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
- हल्का/माइल्ड स्लीप एपनिया: इस स्तर का अर्थ है कि व्यक्ति का AHI का स्तर 5 से 15 के बीच है। सरल शब्दों में कहा जाए तो व्यक्ति को प्रति घंटे 5 से 15 एपनिया या हाइपोपेनिया के स्ट्रोक आते हैं
- मध्यम/मॉडरेट स्लीप एपनिया: मॉडरेट स्लीप एपनिया वाले लोगों में प्रति घंटे 15 से 29 स्ट्रोक आते हैं। यह थोड़ी गंभीर स्थिति है, जिसमें लक्षण भी आते हैं और डॉक्टर उन्हीं लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं
- गंभीर स्लीप एपनिया: इस स्थिति में एक घंटे में 30 या उससे अधिक बार एपनिया के स्ट्रोक आते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें नींद बहुत ज्यादा प्रभावित होती है।
स्लीप एपनिया के लक्षण
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या स्लीप एप्निया की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें से कुछ को पहचानना दूसरों की तुलना में आसान है जैसे कि -
- जागने पर थकावट महसूस होना: यदि रात भर सोने के बाद भी सुबह थकावट महसूस हो, तो यह स्लीप एपनिया का लक्षण महसूस हो सकता है। स्लीप एपनिया के लगभग सभी मामलों में यह लक्षण सबसे आम है।
- दिन में नींद आना: गंभीर मामलों में ड्राइविंग, काम या अन्य गतिविधियों के दौरान नींद बहुत ज्यादा आती है।
- खर्राटे लेना: सभी लक्षणों में से खर्राटे लेना स्लीप एपनिया का एक मुख्य लक्षण है। लेकिन ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। संभवत आप बिना खर्राटे के भी इस समस्या का सामना कर सकते हैं।
- मूड में बदलाव: नींद में समस्या के कारण आपका स्वभाव चिड़चिड़ा रहेगा, जिससे मूड में बदलाव आएगा। इसके कारण डिप्रेशन और स्ट्रेस की समस्या भी हो सकती है।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: नींद पूरी न होने के कारण, आप काम पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे और कुछ मामलों में इसके कारण पेशेंट के याद रखने की क्षमता भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
- रात के बीच में बार-बार जागना: यह एक ऐसा लक्षण है, जिससे कई सारी समस्याओं का संबंध होता है। इस लक्षण से स्लीप एप्निया को पहचानना बहुत मुश्किल है। हालांकि बाकी सभी लक्षणों के साथ इस लक्षण का होना दर्शाता है कि आप इस स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं।
- सोते समय सांस रुकना: यह एक ऐसा लक्षण है, जिसे अक्सर दूसरे लोग ही देख पाते हैं। यदि सोते समय आपकी सांस रुक जाती है, या सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह एक गंभीर विषय है, जिस पर विचार किया जाना आवश्यक है।
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज: यह एक ऐसा लक्षण है, जिस पर विचार करना बहुत ज्यादा आवश्यक है। यदि किसी भी कारणवश आपकी नींद पूरी नहीं होती है, तो इसके कारण आप हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या का सामना कर सकते हैं।
इन लक्षणों का अर्थ यह भी है कि स्लीप एपनिया वाले व्यक्ति हृदय रोग के दायरे में हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और भी लक्षण हैं जैसे कि पेशाब के लिए रात में बार-बार उठना, नींद में चलना या बात करना, इत्यादि। इन लक्षणों की पहचान होते ही तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और परामर्श लें।
स्लीप एपनिया के कारण
स्लीप एप्निया के कई कारण, जिन्हें हम इस ब्लॉग की मदद से समझने वाले हैं जैसे कि -
स्लीप एपनिया के शारीरिक कारण
- मोटापा: जिसका भी वजन ज्यादा होता है या फिर वह उनके शरीर में चर्बी ज्यादा होती है, तो वह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) का सामना करते हैं। मोटापे के कारण ऊपरी वायु मार्ग के आसपास फैट जमा हो जाता है, जिससे हवा सही से प्रवाहित नहीं होती है, जिसके कारण नींद की समस्या होती है।
- गर्दन का मोटा होना: जिसकी गर्दन मोटी होती है, वह वायु मार्ग में रुकावट के जोखिम के दायरे में आते हैं। ऐसा होने के पीछे का मुख्य कारण यह भी है कि गर्दन में मौजूद अतिरिक्त मांसपेशियां वायु मार्ग को प्रभावित कर देती है, जो नींद के दौरान ज्यादा परेशान करती है।
- बड़े टॉन्सिल या एडेनोइड: बच्चों में बड़े टॉन्सिल या एडेनोइड के कारण वायु मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है। यदि बच्चों में यह समस्या आए, तो तुरंत एक अच्छे बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
- नाक या वायु मार्ग में संरचनात्मक असामान्यताएं: इसके पीछे का मुख्य कारण डेविएटेड नेजल स्पेक्ट्रम (नाक के आकार में बदलाव), या नाक के पॉलीप्स या वायु मार्ग में रुकावट है।
- जबड़े या वायु मार्ग का पतला होना: कुछ लोग बचपन से ही छोटे जबड़े या पतले वायुमार्ग के साथ जन्म लेते हैं, जिससे नींद के दौरान बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जीवनशैली और व्यवहार संबंधी कारण
- अत्यधिक शराब का सेवन: शराब के कारण हमारे वायु मार्ग में रुकावट आती है। शराब पीना खासकर सोने से पहले स्लीप एपनिया का एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।
- दवाएं: कुछ विशिष्ट प्रकार की दवाएं जैसे कि नींद की गोलियां, सीडेटिव या ट्रैंक्विलाइज़र जैसी कुछ दवाएं स्लीप एपनिया की समस्या को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
- धूम्रपान: शराब के साथ धूम्रपान भी आपके लिए पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण वायु प्रवाह में बाधा आती है, जिससे सूजन भी हो सकती है।
आनुवंशिक और चिकित्सा कारक
- फैमिली हिस्ट्री: यदि घर परिवार में किसी को भी स्लीप एपनिया की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं।
- आयु: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे लोग इस रोग के खतरे के दायरे में आते जाते हैं।
- चिकित्सा स्थितियां: कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं जैसे कि हाइपोथायरायडिज्म, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), या एक्रोमेगाली जो स्लीप एपनिया की समस्या को बढ़ावा देते हैं।
- क्रोनिक नेजल कंजेशन: लगातार नाक बंद होने की समस्या, चाहे एलर्जी, साइनस संक्रमण या अन्य संक्रमण हो, तो इसके कारण रात में सोने में तकलीफ होती ही है।
अन्य योगदान कारक
- लिंग: महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह समस्या अधिक आम है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन बहुत ज्यादा होता है।
- पोस्चर संबंधी प्रभाव: ऐसा कई बार देखा गया है कि पीठ के बल सोने से स्लीप एपनिया की समस्या अधिक होती है। इसके पीछे के कारण पीठ के बल सोने से नाक और मुंह में मौजूद तरल पदार्थ पीछे की तरफ आ जाते हैं, जिससे वायु मार्ग में और रुकावट आती है।
इन कारणों को पहचानें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
स्लीप एपनिया का इलाज
स्लीप एपनिया का इलाज कई तरीकों से संभव है। इसका इलाज विशिष्ट प्रकार और इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इन विकल्पों की मदद से एपनिया के स्ट्रोक को रोकने या इनके बार-बार उत्पन्न होने की स्थिति को कम करने में मदद मिलेगी। निम्न टिप्स का पालन करके स्लीप एपनिया की स्थिति का इलाज किया जा सकता है -
- जीवनशैली में बदलाव करें जैसे स्वस्थ आहार का सेवन, समय पर खाना-पीना, वजन कम करना, शराब का सेवन और धूम्रपान को कम करना इत्यादि। इसके अतिरिक्त अपने सोने की स्थिति में भी बदलाव करें।
- सीपीएपी (Continuous Positive Airway Pressure) मशीन का प्रयोग। इस मशीन की मदद से नाक में हवा का प्रवाह होता है जिससे वायु मार्ग खुल जाता है और स्लीप एपनिया की समस्या नहीं होती है।
- कुछ ऐसे उपकरण होते हैं, जिन्हें मुंह पर पहनने की सलाह दी जाती है। इसकी मदद से वायु मार्ग खुल जाता है।
- गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
निष्कर्ष
स्लीप एप्निया एक गंभीर समस्या है, जिसका इलाज भी संभव है। सबसे पहले लक्षणों को पहचान कर तुरंत एक अच्छे पुलमोनोलॉजिस्ट से परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। समय पर उपचार से आप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्लीप एपनिया का निदान कैसे होता है?
स्लीप एपनिया का निदान करने के लिए स्लीप स्टडी और शारीरिक परीक्षण का प्रयोग होता है। स्लीप स्टडी से नींद और ऑक्सीजन के संबंध में बहुत सारी जानकारी मिल जाती है।
स्लीप एपनिया के जोखिम कारक क्या है?
स्लीप एपनिया का खतरा कई कारकों के कारण बढ़ जाता है जैसे मोटापा, गर्दन का मोटा होना, उम्र बढ़ना, फैमिली हिस्ट्री इत्यादि। हाई बीपी और शराब एवं धूम्रपान भी इसके कारक है।
स्लीप एप्निया से बचाव के उपाय क्या है?
स्लीप एपनिया की समस्या को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ उपायों से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है, जिसके बारे में इस ब्लॉग में भी लिखा है।
स्लीप एपनिया के संभावित जटिलताएं क्या है?
यदि स्लीप एपनिया का इलाज समय पर नहीं होता है, तो इसके कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे हाई बीपी, हृदय रोग, स्ट्रोक,मधुमेह और डिप्रेशन।
क्या स्लीप एप्निया का इलाज संभव है?
जी हां, स्लीप एपनिया का इलाज संभव है। इलाज के लिए हमारे विशेषज्ञों से परामर्श लें।
किस तरफ करवट लेकर सोना चाहिए?
जब स्लीप एपनिया के लक्षणों को मैनेज करना हो तो सोने का सबसे सही तरीका बाईं तरफ सोना है जो कि इस स्थिति में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।