पोस्ट-कोविड फेफड़ों की समस्या में सांस लेने में तकलीफ, सूजन या निमोनिया जैसी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। सही जांच, पोषण, दवा, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और विशेषज्ञ सलाह से इलाज संभव है।
कोविड-19 तो चला तो गया है, लेकिन वह अपने साथ कई लोगों का अच्छा स्वास्थ्य भी ले गया है। अब कई रिपोर्ट्स सामने आ रहे हैं कि कोविड के बाद लोगों का शरीर सामान्य स्थिति से बहुत कमजोर हो गया है। कई लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है, तो कई लोग बताते हैं कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।
चलिए सबसे पहले सांस लेने में तकलीफ के बारे में बात करते हैं। यदि आपको शुरुआती उम्र में ही सांस लेने मे तकलीफ, छाती में भारीपन और सीढियां चढ़ने में तकलीफ हो रही है, तो यह कोई मामूली कमजोरी नहीं है। इसे हम पोस्ट कोविड फेफड़ों की समस्या भी कह सकते हैं। यदि आप भी उनमें से हैं, तो यह ब्लॉग खास आपके लिए ही है। सांस की समस्या के इलाज में हम आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप हमारे अनुभवी पलमोलॉजिस्ट से भी मिल कर इलाज ले सकते हैं।
कोविड-19 के दौरान हमने देखा था कि लोगों में फेफड़ों में सूजन, इन्फेक्शन और स्कारिंग बहुत आम थी। इस महामारी के बाद भी कई लोगों को पोस्ट कोविड निमोनिया, फेफड़ों में पानी की समस्या, या क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस जैसी समस्याएं भी हुई है। WHO के अनुसार कोविड के दौरान हर 10 सांस की समस्या वाले पेशेंट में से 3 लोगों में कोविड के बाद भी सांस की तकलीफ बनी रहती है और कुछ मामलों में जिन्हें सांस की समस्या नहीं थी, उन्हें भी यह समस्या हो गई थी।
चलिए पोस्ट-कोविड फेफड़ों की समस्या के सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं -
कई बार स्कैन में ग्राउंड ग्लास ओपेसिटी नाम की हल्की सी सफेदी दिखती है, जो छुपी हुई सूजन का संकेत देती है। इसलिए जरूरी है कि आप किसी अच्छे पल्मोनोलॉजिस्ट से सलाह लें और उनके बताए गए टेस्ट कराएं।
सही इलाज के लिए सही जांच जरूरी है। पोस्ट कोविड फेफड़ों की समस्या का पता लगाने के लिए आमतौर पर यह टेस्ट किए जाते हैं -
अगर बार-बार ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है, तो डॉक्टर हॉस्पिटल में मॉनिटरिंग की सलाह भी दे सकते हैं और इसके लिए आपको कुछ समय के लिए अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
आपको समझना होगा कि फेफड़ों की समस्या के इलाज में आपके द्वारा खाए जाने वाला हर निवाला एक दवा के रूप में कार्य करता है। कई मरीज सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहते हैं, लेकिन आपको यह समझना होगा कि सही खानपान आपके फेफड़ों को फिर से ताकतवर बनाने में उतना ही जरूरी है। यूनिसेफ की रिपोर्ट कहती है कि अच्छा पोषण रिकवरी टाइम को 30% तक घटा सकता है।
यदि आपके मन में भी यह प्रश्न है कि फेफड़ों की रिकवरी के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं? तो नीचे एक टेबल की मदद से आसान और सरल तरीके से समझाया गया है कि आपको इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए -
✅ क्या खाएं |
❌ क्या न खाएं |
विटामिन C और E वाले फल जैसे कि संतरा, आँवला, बेरीज़, इत्यादि। |
प्रोसेस्ड फूड, पैक्ड स्नैक्स और बिस्किट |
हल्दी-दूध और अदरक का पानी सूजन कम करते हैं। |
ज्यादा नमक सूजन और पानी की कमी बढ़ा सकता है। |
पर्याप्त प्रोटीन खाएं जैसे कि अंडा, दाल, और दूध |
तली-भुनी चीज़ें जैसे कि फेफड़ों में सूजन का बढ़ाता है। |
खूब पानी पीएं, जिससे बलगम पतला रहे, डिहाइड्रेशन न हो |
बहुत ठंडी चीज़ों से खांसी या बलगम बढ़ सकता है। |
हरी सब्जियां जैसे कि पालक, मेथी, और ब्रोकोली खाएं। |
सिगरेट/धूम्रपान आपरकी रिकवरी को धीमा करता है। |
पोस्ट कोविड में कई बार रिपोर्ट नॉर्मल आती है, लेकिन मरीज को तकलीफ लगातार बनी रहती है। ऐसे में किसी अनुभवी पल्मोनोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वह फेफडों में समस्या के शुरुआती लक्षण होते हैं। वह स्थिति का निदान करके शुरुआत में कुछ दवा दे सकते हैं जैसे कि - नेब्युलाइजेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और रिकवरी प्रोटोकॉल।
खुद इलाज करना या इंटरनेट से घरेलू नुस्खे आज़माना खतरनाक हो सकता है। खासकर यदि आपको फेफड़ों में पानी की समस्या या पोस्ट कोविड निमोनिया है, तो यह और अधिक खतरनाक स्थिति है। एक बार इलाज में देर हुई तो फेफड़ों को स्थायी नुकसान हो सकता है।
कोविड के बाद फेफड़ों में सूजन, कमजोरी या सांस लेने में तकलीफ को नज़रअंदाज़ न करें। सही इलाज और डॉक्टर की सलाह से फेफड़ों की सेहत को फिर से बेहतर बनाया जा सकता है। चलिए इलाज के सभी विकल्पों पर बात करते हैं और जानते हैं कि कैसे इसे ठीक किया जा सकता है -
कोविड भले खत्म हो गया हो, लेकिन इसके असर से लड़ना अब भी जरूरी है। अगर आप या आपके परिवार में कोई पोस्ट कोविड फेफड़ों की समस्या को झेल रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। आज ही किसी भरोसेमंद पल्मोनोलॉजिस्ट से सलाह लें और सही इलाज और लाइफस्टाइल से आप फिर से पहले जैसी जिंदगी पा सकते हैं।
अपॉइंटमेंट बुक करें और हर सांस को फिर से आज़ाद कराएं!
फेफड़ों में सूजन या स्कारिंग के कारण ऑक्सीजन एक्सचेंज घट जाता है, इसलिए सांस लेने में दिक्कत होती है।
बिलकुल! स्मोकिंग से फेफड़ों की रिकवरी धीमी हो जाती है और नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, नेब्युलाइजेशन और सही पोषण सलाह देते हैं। कभी-कभी ऑक्सीजन सपोर्ट भी जरूरी होता है।
अगर रेस्ट में भी SpO₂ 92% से कम हो रहा है तो डॉक्टर ऑक्सीजन सपोर्ट की सलाह देते हैं।
हल्की ब्रीदिंग एक्सरसाइज, Balloon Blowing और Diaphragmatic Breathing फायदेमंद हैं। किसी एक्सपर्ट से सीखें।
समय पर चेस्ट स्कैन, डॉक्टर से फॉलोअप, हेल्दी डाइट और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।
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Incharge Respiration Intensive Care Exp: 10 Yr
Pulmonology
Dr. Amrita Bhattacharyya is a highly skilled intensivist with a deep passion for respiratory critical care. With an MBBS degree from Medical College Kolkata, followed by rigorous training in anaesthesiology at SGPGI, Lucknow, and a super specialty training in critical care medicine at AIIMS, New Delhi, Dr. Amrita brings over 10 years of invaluable expertise in the field.
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