महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के लक्षण और उपचार
Home >Blogs >महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के लक्षण और उपचार

महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के लक्षण और उपचार

Summary

पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है, जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करता है, जिसके कारण अनियमित मासिक धर्म चक्र, एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का उच्च स्तर और अंडाशय पर सिस्ट नामक छोटे तरल पदार्थ से भरे थैलियों का विकास होता है। यह गांठ सौम्य होते हैं, लेकिन फर्टिलिटी की प्रक्रिया में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (p.c.o.s) एक आम हार्मोनल विकार है, जिसमें हर 10 में से 1 महिला इस रोग से पीड़ित होती है। कई महिलाओं को इस स्थिति के लक्षणों के बारे में जानकारी है, लेकिन फिर भी वह इसे सही समय पर पहचान कर इलाज नहीं कर पाती हैं। 

उपचार न किए जाने पर, पीसीओएस डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग और बांझपन जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है। महिलाओं में पीसीओएस को पहचानने के लिए कुछ लक्षण हैं, जिनको हम इस ब्लॉग में बताएंगे। पीसीओएस के प्रबंधन के लिए सबसे आवश्यक है, डॉक्टर से परामर्श। इसलिए सर्वश्रेष्ठ पीसीओएस विशेषज्ञ से परामर्श लें और पीसीओ लक्षण उपचार इलाज के सभी विकल्पों के बारे में विस्तार से बात करें।

पीसीओएस क्या है?

पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है, जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करता है, जिसके कारण अनियमित मासिक धर्म चक्र, एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का उच्च स्तर और अंडाशय पर सिस्ट नामक छोटे तरल पदार्थ से भरे थैलियों का विकास होता है। यह गांठ सौम्य होते हैं, लेकिन फर्टिलिटी की प्रक्रिया में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। 

इसका पूर्ण रूप से इलाज अभी भी संभव नहीं है, लेकिन कुछ चीजों का पालन कर पीसीओएस की स्थिति को मैनेज किया जा सकता है। 

पीसीओएस का क्या कारण है? 

पीसीओएस का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि जेनेटिक और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन इस स्थिति के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं इसके साथ-साथ प्रजनन हार्मोन में असंतुलन मुख्य रूप से पीसीओएस का कारण बनता है। नीचे कुछ सामान्य मुख्य कारकों के बारे में बताया गया है जो पीसीओएस का कारण बन सकते हैं - 

  • इंसुलिन के प्रति कार्य न करना: कई महिलाओं का शरीर इंसुलिन के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देता है, जिसके कारण एण्ड्रोजन उत्पादन बढ़ जाता है, जो सिस्ट के निर्माण का कारण भी बनता है। 
  • सूजन: क्रोनिक लौ-ग्रेड सूजन एक अन्य संभावित कारक है। रिसर्च से पता चलता है कि पीसीओएस वाली महिलाओं में अक्सर सूजन का स्तर बढ़ जाता है, जो एण्ड्रोजन के अत्यधिक उत्पादन का कारण हो सकता है। अस्वस्थ आदतें क्रोनिक लौ-ग्रेड सूजन का कारण होती हैं। 
  • आनुवंशिक कारक: यदि आपकी मां या बहन को पीसीओएस है, तो आपको भी यह स्थिति परेशान कर सकती है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण को पहचानना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। कुछ सामान्य लक्षण है, जिसको पहचान कर आप एक अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं जैसे कि - 

  1. अनियमित पीरियड्स साइकिल: अनियमित या लंबे समय तक पीरियड्स आना पीसीओएस की पहचान है। 
  2. अत्यधिक बाल उगना (हिर्सुटिज़्म): लगभग 70% महिलाओं को पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर के कारण चेहरे, छाती या पीठ पर बाल आ जाते हैं, जो पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण का एक मुख्य कारण है।
  3. वजन बढ़ना: पीसीओएस वाली कई महिलाओं में अचानक वजन बढ़ने की समस्या देखी गई है। वजन के साथ-साथ फैट भी बढ़ता है। 
  4. मुहांसे: लगातार मुंहासे, खासकर जबड़े के आसपास, पीसीओएस के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन का संकेत है।
  5. बालों का पतला होना: पीसीओएस वाली महिलाओं में बालों के पतले होना या पुरुषों जैसा गंजेपन की समस्या हो सकती है।
  6. बांझपन: अनियमित ओव्यूलेशन के कारण पीसीओएस वाली महिलाओं में गर्भधारण करने में कठिनाई आ सकती है।

इसके अतिरिक्त यह सारे लक्षण कुछ और स्वास्थ्य समस्या का संकेत देते हैं, जिनको हम इस टेबल की सहायता से समझने का प्रयास करेंगे।

लक्षण

स्वास्थ्य पर प्रभाव

अनियमित पीरियड्स

बांझपन और एंडोमेट्रियोसिस का जोखिम

अत्यधिक बाल का विकास

हिर्सुटिज़्म, समाज का डर

वजन बढ़ना

डायबिटीज का जोखिम बढ़ना

मुंहासे

हार्मोनल असंतुलन

बालों का पतला होना

आत्मसम्मान में कमी

पीसीओएस की जटिलताएं

यदि पीसीओएस का इलाज समय पर नहीं होता है, तो पीसीओएस के कारण कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि - 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज

सबसे पहले समझें कि P.C.O.S का कोई निश्चित इलाज नहीं है। इसे जीवनशैली में बदलाव, दवाओं और नियमित निगरानी की मदद से ही मैनेज किया जा सकता है। इन इलाज के विकल्पों की सहायता से आपको बहुत लाभ मिल सकता है - 

  • जीवनशैली में बदलाव: PCOS के प्रबंधन के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम इस स्थिति में बहुत ज्यादा मदद कर सकते हैं। स्वस्थ आहार जैसे कि होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन, फल और सब्जियों को अपने आहार में जोड़ें। 
  • दवाएं: पीरियड्स को नियमित करने के लिए एण्ड्रोजन के स्तर को मैनेज किया जाता है, जिसके लिए हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां दी जाती है। डायबिटीज और बांझपन के मामले में कुछ और दवाएं भी दी जा सकती हैं। 
  • सर्जरी: कुछ मामलों में, एण्ड्रोजन के स्तर को कम करने और नियमित ओव्यूलेशन को बहाल करने के लिए लेप्रोस्कोपिक ओवरी ड्रिलिंग की जाती है। यह एक अंतिम उपाय है, जिसका सुझाव डॉक्टर कभी-कभी देते हैं। 

पीसीओएस के लिए आहार: पीसीओएस में क्या खाएं?

पीसीओएस की स्थिति में आहार बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आहार में निम्न बदलाव आपकी मदद कर सकते हैं - 

  • उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: ओट्स, दाल और हरे पत्तेदार साग इंसुलिन के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
  • लीन प्रोटीन: चिकन, टर्की और मछली हमारे शरीर के लिए एक अच्छा प्रोटीन का विकल्प है। 
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ: टमाटर, पालक, नट्स और जैतून का तेल शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके सेवन को बढ़ाएं। 
  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें: सफेद ब्रेड और मीठे स्नैक्स जैसे खाद्य पदार्थ इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अलग होती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


पीसीओएस के लक्षणों से राहत पाने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

पीसीओएस के लक्षणों से राहत पाने का सबसे सटीक और सुरक्षित तरीका जीवनशैली में बदलाव है, जिसके बारे में हमने इस ब्लॉग में भी बताया है। तत्काल राहत के लिए, डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज लें। 

क्या पीसीओएस ठीक हो सकता है?

पीसीओएस की स्थिति कभी भी ठीक नहीं हो सकती है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव, दवाओं और नियमित परामर्श की मदद से इसके लक्षणों से राहत मिल सकती है और स्थिति का प्रबंधन भी आसान हो जाएगा। 

पीसीओएस में कौन से व्यायाम मदद करते हैं?

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए कुछ व्यायाम बहुत प्रभावशाली होते हैं, जैसे कि एरोबिक व्यायाम, वेट ट्रेनिंग और योग। इनकी मदद से हार्मोन और इंसुलिन की समस्या का इलाज भी हो सकता है। 

पीसीओएस और पीसीओडी के बीच क्या अंतर है?

पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) एक गंभीर हार्मोनल विकार है, जिसमें अंडाशय में सिस्ट बनने के साथ-साथ हार्मोनल असंतुलन, अनियमित पीरियड्स, और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसे लक्षण नजर आते हैं। पीसीओडी (Polycystic Ovary Disease) में अंडाशय में कई सिस्ट बनते हैं, लेकिन यह इतना गंभीर नहीं होते हैं और अक्सर लाइफस्टाइल में सुधार से यह ठीक हो सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Namrata Gupta

Dr. Namrata Gupta

Senior Consultant Exp: 17 Yr

Obstetrics & Gynaecology

Book an Appointment

MS in Obstetrics & Gynecology, Dr. Namrata Gupta has a decade long exhaustive clinical experience in the subject. She is a dedicated specialist proficient in managing high risk obstetrics, medical disorders in pregnancy, conducting operative as well painless deliveries. Her areas of interest include advanced laparoscopic gynaecological surgeries, preconceptional counseling, management of recurrent pregnancy loss and guidance to adolescent and post-menopausal women regarding health issues. She has been awarded prestigious fellow of Association of Minimal Access Surgeon of India FMAS and has taken special training in Critical Care in obstetrics from Safdarjung Hospital Delhi. She has presented several papers in national and international conferences and is member of prestigious medical associations. She has part in FOGSI National Guidelines for labour Induction and Management. Her objective as medical professional is delivering latest technology, highest skill and humble services to obstetric and gynaecology patients. 

Related Diseases & Treatments

Treatments in Jaipur

Obstetrics and Gynaecology Doctors in Jaipur

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now