साइनस संक्रमण: लक्षण, कारण, निदान
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साइनस संक्रमण: लक्षण, कारण, निदान

Summary

क्या आपकी नाक अक्सर बंद रहती है जो कई उपचार और दवाइयों के बाद भी वैसे की वैसी ही है? क्या आपको अक्सर बलगम की शिकायत रहती है जो आपके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद दूर नहीं हो रही? संभावना है कि आप साइनसाइटिस से पीड़ित हैं।

साइनसाइटिस एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें नाक के चारों ओर स्थित हवा से भरी हुई गुहाएं (साइनस) सूज जाती हैं। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी के कारण हो सकती है। नाक बंद रहना और बलगम साइनसाइटिस के सामान्य लक्षण हैं। यदि यह लक्षण विभिन्न उपचारों और दवाओं के बाद भी ठीक नहीं होते हैं, तो आपको साइनस के डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है।

साइनस क्या होता है?

साइनस स्कल और चेहरे की हड्डियों के अंदर पाए जाने वाले, आपकी आंखों के बीच, आपके चीकबोन्स और माथे के पीछे हवा से भरे खाली क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र, म्यूकोसल ऊतक की एक पतली परत से घिरे होते हैं, जिसे साइनस म्यूकोसा कहा जाता है। ओस्टिया नामक एक छोटा पैसेज साइनस को नाक की नली से जोड़ता है। 

साइनस का मूल उद्देश्य बलगम का निर्माण करना है, जो सांस लेते वक़्त आने वाली हवा को नम करने का कार्य करता है, जिससे श्वास प्रणाली अच्छी तरह कार्य कर सके। यह हवा में मौजूद कणों को कैप्चर और फ़िल्टर करते हैं, और आवाज की प्रतिध्वनि में भी योगदान करते हैं। आमतौर पर नाक की नली, ड्रेनेज सिस्टम के रूप में कार्य करती है, जो साइनस से उत्पन्न होने वाले बलगम को निकालने करने में मदद करता है।

साइनस संक्रमण के कारण

साइनस संक्रमण क्यों होता है? साइनस में ऊतकों की सूजन से साइनसाइटिस नामक बीमारी होती है, जिसमें साइनस में ब्लॉकेज आ जाती है। अक्सर यह ब्लॉकेज बलगम के कारण होती है। साइनस में बलगम जमा होने के कारण, यह बैक्टीरिया के लिए एक प्रजनन वातावरण प्रदान करता है। साइनस की समस्या एक व्यक्ति को कई कारणों से परेशान करती है जैसे - 

  • जुकाम: नाक बंद होना, नाक बहना और सांस लेने में कठिनाई सामान्य सर्दी के वायरस के कारण होने वाले साइनस संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • प्रदूषण: धूल के कण, स्मॉग और दूषित हवा नाक के मार्ग में जलन पैदा कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप साइनस की समस्या होती है।
  • एलर्जी: मौसमी परिवर्तन या पर्यावरणीय कारकों के कारण होने वाली नाक की एलर्जी साइनस की समस्या को ट्रिगर कर सकती है।
  • डिविएटेड नेज़ल सेप्टम: बचपन या किशोरावस्था में चोट या दबाव के कारण नेज़ल सेप्टम का मुड़ जाना या विस्थापित हो जाना भी साइनस संक्रमण का कारण है। यह डिविएशन नाक के मार्गों को प्रभावित करता है, संभावित रूप से साइनस से संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है।
  • आहार: खराब आहार और आवश्यक पोषक तत्वों का अपर्याप्त सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर में संतुलन बिगड़ता है, जो अंततः साइनस को प्रभावित करता है।

साइनस इन्फेक्शन के लक्षण 

साइनस इन्फेक्शन का संदेह होने पर रोगियों को निम्नलिखित लक्षणों पर खास नजर रखनी चाहिए - 

  • साइनस में दर्द या दबाव: साइनस में सूजन या बलगम के कारण सामान्य प्रवाह का बाधित होना, जिससे हल्का दर्द या दबाव महसूस हो।
  • चेहरे की कोमलता: बढ़े हुए दबाव के कारण चेहरा को छूने पर दर्द महसूस होना। नाक के ऊपर, आंखों के नीचे, माथे पर और गालों पर कोमलता महसूस होना।
  • नाक बहना: संक्रमित साइनस से नाक से धुंधला, हरा या पीले डिस्चार्ज निकल सकता है। यह डिस्चार्ज नाक के मार्ग में लगातार बहता है और इसके परिणामस्वरूप बार-बार नाक बहने लगती है।
  • नाक बंद होना: साइनस और नाक के मार्ग में सूजन, नाक के माध्यम से सामान्य श्वास को प्रतिबंधित करती है, जिससे रुकावट की अनुभूति होती है। 
  • साइनस सिरदर्द: लगातार दबाव और सूजन से सिरदर्द हो सकता है, जो आमतौर पर सुबह के समय बढ़ जाता है। 
  • गले में जलन और खांसी: जब साइनस डिस्चार्ज गले के पिछले हिस्से में टपकता है, तो यह लंबे समय तक जलन पैदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप आपके गले में खराश होना और आपका स्वर बैठना भी मुमकिन है।
  • सांसों की बदबू (मुंह से दुर्गंध): संक्रमित साइनस से दुर्गंधयुक्त बलगम की उपस्थिति होने के कारण सांसों में बदबू या मुंह से दुर्गंध आती है।

साइनस संक्रमण कितने प्रकार के होते हैं?

साइनस को अवधि (एक्यूट,सबएक्यूट, क्रोनिक, या रेकरेन्ट एक्यूट) और अंतर्निहित कारण (बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस) के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

  • एक्यूट साइनस: नाक बंद होना, चेहरे पर दर्द/दबाव, सूंघने की क्षमता में कमी जैसे लक्षण आमतौर पर चार सप्ताह से कम समय तक बने रहते हैं और सामान्य सर्दी जैसे वायरल संक्रमण के कारण होते हैं।
  • सबएक्यूट साइनस: लक्षण, चार से 12 सप्ताह तक बने रहते हैं।
  • क्रोनिक साइनस: लक्षण, कम से कम 12 सप्ताह तक रहते हैं, जिसका कारण वायरस संक्रमण होता है।
  • रेकरेन्ट एक्यूट साइनस: लक्षण, एक वर्ष के भीतर चार या अधिक बार उत्पन्न होते हैं और प्रत्येक प्रकरण दो सप्ताह से कम समय तक रहता है।

साइनस संक्रमण का निदान 

साइनस संक्रमण का निदान शारीरिक परीक्षण और रोगी के लक्षणों के आधार पर किया जाता है। कुछ मामलों में, डॉक्टर साइनस संक्रमण के कारण और गंभीरता को निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण करा सकते हैं। उन परीक्षण के आधार पर डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं। 

साइनस इंफेक्शन का निदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ परीक्षण इस प्रकार है - 

  • कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन: इस परीक्षण से साइनस और आसपास के ऊतकों की विस्तृत चित्र मिलती है। इसका उपयोग साइनसाइटिस के कारण और गंभीरता को निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है।
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई): यह परीक्षण भी साइनस और आसपास के ऊतकों की विस्तृत छवियां प्रदान करता है। इसका उपयोग साइनसाइटिस के कारण और गंभीरता को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
  • एंडोस्कोपी: यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नाक और साइनस में देखने के लिए एक पतली, रोशनी वाली ट्यूब डाली जाती है। इसका उपयोग साइनसाइटिस के कारण की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • साइनस कल्चर: इस परीक्षण से यह निर्धारित किया जा सकता है कि क्या साइनस संक्रमण बैक्टीरिया के कारण हो रहा है।

साइनसाइटिस का परमानेंट इलाज

यदि आप साइनसाइटिस का परमानेंट इलाज चाहते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि बिना देर किए सीधे साइनस के डॉक्टर से मिलें। वह स्थिति की गंभीरता, अवधि और अन्य कारकों के आधार पर साइनस का उपचार प्रदान करते हैं। हालांकि डॉक्टर निम्न विकल्पों में से किसी भी एक या फिर संयोजन के विकल्प का सुझाव दे सकते हैं - 

आम उपचार

  • सर्दी खांसी की दवा
  • एलर्जी और जुकाम के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं
  • सैलाइन नेज़ल रिंस 

आक्रामक चिकित्सा प्रक्रिया - 

  • एंटीबायोटिक्स (लक्षण बने रहने पर 10 दिनों के बाद)
  • टोपिकल एवं ओरल डीकन्जेस्टेंट
  • इंट्रानेजल स्टेरॉयड स्प्रे (डॉक्टर से परामर्श के बाद ही उपयोग करें)
  • ओवर-द-काउंटर ड्रॉप्स या स्प्रे (अत्यधिक उपयोग निषेध है)

क्रोनिक साइनसाइटिस के संबंध में निम्न इलाज के विकल्प सहयोगी साबित हो सकते हैं - 

  • स्टेरॉयड युक्त नेज़ल स्प्रे
  • खुजली वाली त्वचा के लिए एंटीहिस्टामाइन स्प्रे और टैबलेट
  • ल्यूकोट्रियन विरोधी, जैसे मोंटेलुकास्ट
  • पॉलिप्स, ग्रोथ और फंगस को सर्जिकल तरीके से हटाना

हालांकि कुछ घरेलू उपचार भी इस स्थिति में मदद कर सकते हैं जैसे - 

  • अदरक: नाक बंद होने से राहत दिलाती है।
  • काली मिर्च: साइनस ड्रेनेज को बढ़ावा देती है।
  • हल्दी: साइनस की सूजन को कम करती है।
  • नींबू: साइनस मार्ग को साफ करता है।
  • टी ट्री ऑयल: साइनस से राहत देता है।
  • लहसुन और प्याज: प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं।
  • दालचीनी: साइनस के लक्षणों को कम करता है।
  • तुलसी: एक प्राकृतिक डीकन्जेस्टेंट के रूप में कार्य करता है।
  • मेथी: पतले बलगम में मदद करती है।

साइनस संक्रमण का परहेज

साइनस इंफेक्शन से परहेज करने के लिए निम्न दिशा-निर्देशों का पालन किया जा सकता है - 

  • अच्छी हाइजीन बनाए रखें।
  • प्रदूषण से बचें।
  • नियमित रूप से हाइड्रेटेड रहें।
  • नाक को जितना हो सके साफ़ रखें।
  • एलर्जी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें।
  • स्वस्थ आहार लें।
  • धूम्रपान और चेन स्मोकिंग से बचें।
  • घर के अंदर ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
  • घर के अंदर की जगहों को साफ रखें।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • तनाव के स्तर को प्रबंधित करें।
  • अच्छी नींद लें।
  • अत्यधिक शराब के सेवन से बचें।

साइनस से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

साइनस में क्या नहीं खाना चाहिए?

बलगम पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे मैदे के स्वादिष्ट व्यंजन, अंडे से बने पदार्थ, चॉकलेट, तले हुए व्यंजन और प्रोसेस्ड स्नैक्स, चीनी और डेरी उत्पाद, कैफीन बूस्टर, सॉफ्ट ड्रिंक्स, दही, चावल और केला, तथा ठंडी चीज़ों से परहेज़ करें। 

साइनस बीमारी में क्या खाएं?

  • अपने आहार में खजूर, किशमिश और सेब जैसे पौष्टिक फलों को शामिल करें। 
  • अदरक को ताजा जड़ के रूप में या पाउडर के रूप में सेवन करें। 
  • अजवाइन, हींग, लहसुन, लौकी एवं कद्दू को अपने आहार में शामिल करें
  • राहत के लिए ताजी सब्जियों का सूप पिएं।
  • अपने दिन की शुरुआत भोजन से पहले या बाद में एक आंवले से करें।
  • अपने आहार में साबुत अनाज, दाल और हल्की पकी हुई सब्जियों को शामिल करें।
  • अपना खाना पकाने और सलाद ड्रेसिंग के लिए जैतून के तेल का प्रयोग करें।
  • अपने सूप और भोजन में शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, इत्यादि शामिल करें।
  • पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पिएं।
  • तुलसी के पत्ते, अदरक और पुदीने की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिएं।

साइनस संक्रमण की पहचान कैसे करें?

नाक का बंद होना, चेहरे में दर्द या दबाव, सिरदर्द, नाक से गाढ़ा स्राव और सूंघने की क्षमता में कमी आना जैसे लक्षणों के माध्यम से साइनस पहचाना जा सकता है।

साइनस का संक्रमण क्यों होता है?

साइनस नाक के चारों ओर हड्डियों में मौजूद खाली क्षेत्र होता है। जब इन खाली क्षेत्र में सूजन या ब्लॉकेज आती है, तो इसे साइनोसाइटिस कहा जाता है। यह वायरल, बैक्टीरियल या एलर्जी के कारण हो सकता है। साइनस के नुकसान से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज लें।

साइनस इन्फेक्शन की पहचान कैसे करें?

साइनस इन्फेक्शन की पहचान के लिए निम्न लक्षणों को देखें - 

  • नाक बंद होना या बहना
  • चेहरे में दर्द या दबाव
  • सिरदर्द
  • बुखार
  • थकान
  • खांसी

साइनस किस उम्र में विकसित होते हैं?

साइनस एक व्यक्ति में जन्म से मौजूद होते हैं, लेकिन वह 4-5 साल की उम्र तक पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। 12 साल की उम्र तक, साइनस वयस्कों के समान आकार के होते हैं। वहीं साइनस का संक्रमण भी इसी उम्र के बाद व्यक्ति को परेशान करता है।

Written and Verified by:

Dr. Rahul Nahar

Dr. Rahul Nahar

Consultant Exp: 3 Yr

ENT - Otolaryngology

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