एंजियोप्लास्टी हार्ट पेशेंट्स के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह काम कर सकती है, खास तौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) है। इस प्रक्रिया के फायदे और सावधानियों को समझकर, मरीज अपने हृदय स्वास्थ्य को सुधारने के लिए सही कदम उठा सकते हैं।
एंजियोप्लास्टी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उपयोग संकुचित या ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है, खासकर कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) के मरीजों में इस प्रक्रिया का उपयोग अक्सर किया जाता है। यह समझना कि एंजियोप्लास्टी कब जरूरी है, इसे कैसे किया जाता है, इसके फायदे और सावधानियां मरीजों को उनके हृदय स्वास्थ्य के बारे में सही निर्णय लेने में मदद करती हैं। हृदय के संबंध में कोई भी लापरवाही आपके और आपके हृदय के लिए स्वस्थ नहीं है।
एंजियोप्लास्टी, जिसे कोरोनरी एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है, जो कि एक सरल प्रक्रिया है, जिससे ब्लॉक या संकुचित धमनियों को खोला जाता है, ताकि हृदय तक रक्त सही तरीके से पहुंच पाए। इस प्रक्रिया में एक कैथेटर (पानी की नली) में एक गुब्बारा होता है, जो ब्लॉक की गई धमनी में डाला जाता है। फिर इस गुब्बारे को फुलाकर धमनियों को चौड़ा किया जाता है और अंत में स्टेंट भी डाला जा सकता है, ताकि धमनी खुली रहे।
इस प्रक्रिया से पहले डॉक्टर लोकल एनेस्थीसिया (बेहोश करने की दवा) देते हैं। आमतौर पर, इस सर्जरी में एक छोटा का कट लगाया जाता है। इस कट को अक्सर कलाई पर लगाया जाता है, जिससे डॉक्टर प्रभावित धमनियों तक पहुंच सकता है। फिर, कैथेटर को रक्त वाहिकाओं से होते हुए ब्लॉक स्थान तक पहुंचाया जाता है और गुब्बारा फुलाया जाता है। इस प्रक्रिया में करीब 30 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है।
इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर ब्लॉक धमनियों को खुले रखने के लिए स्टेंट डालने का निर्णय लेते हैं। पूरी प्रक्रिया को एंजियोग्राम के जरिए देखा जाता है, जो दिल की रक्त वाहिनियों की X-ray तस्वीर होती है। इससे सर्जरी सटीकता से हो जाती है।
एंजियोप्लास्टी कराने के बाद पेशेंट को कई फायदे हो सकते हैं जैसे कि -
डॉक्टर एंजियोप्लास्टी की सलाह तब देते हैं, जब मरीज को कोरोनरी धमनियों में गंभीर ब्लॉकेज का सामना करना पड़ता है। सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, थकान जैसी समस्याएं होती हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी में परेशान कर सकती है। एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता तब होती है जब -
एंजियोप्लास्टी के बाद मरीजों को कुछ विशेष सावधानियां बरतने को कहा जाता है जैसे कि -
श्री जुगल किशोर कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) के निदान के बाद रुक्मणी बिरला अस्पताल आए। उनके शरीर के दाहिने सबक्लेवियन धमनी में समस्या थी। इसलिए उनके स्वास्थ्य को देखते हुए, हमारे स्पेशलिस्ट ने पेरीफेरल एंजियोप्लास्टी का निर्णय लिया जिससे रक्त प्रवाह फिर से बहाल हो पाया।
सर्जरी से पहले पेशेंट का फुल बॉडी चेकअप हुआ और उसके बाद, डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी की। एक डायग्नोस्टिक कैथेटर की मदद से धमनी को खोला गया और फिर गुब्बारे से उसे चौड़ा किया गया। इसके बाद, स्टेंट डाला गया ताकि धमनी हमेशा खुली रहे। अंतिम एंजियोग्राम ने इलाज की सफलता को दिखाया। यह केस स्टडी बताती है कि एंजियोप्लास्टी ब्लॉक धमनियों के इलाज के लिए एक बेहतर विकल्प है।
एंजियोप्लास्टी के बाद लगभग 2-3 दिन आराम करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन में वापस जाएं।
बैलून एंजियोप्लास्टी में ब्लॉक हुई धमनी में एक छोटा गुब्बारा डाला जाता है और उसे फुलाया जाता है, ताकि धमनी को चौड़ा किया जा सके और रक्त प्रवाह बहाल हो सके।
फैट, कोलेस्ट्रॉल और नमक से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए हृदय स्वस्थ आहार का सेवन करते रहें।
एंजियोग्राफी एक जांच प्रक्रिया है, जबकि एंजियोप्लास्टी ब्लॉक धमनियों का इलाज करने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया। दोनों प्रक्रियाएं दिल के रोगों के इलाज में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन दोनों के अलग-अलग उद्देश्य हैं। इसलिए इनमें किसी भी प्रकार से भ्रमित न हो।
एंजियोप्लास्टी 90% तक के ब्लॉकेज पर असरदार है। 100% ब्लॉकेज के लिए डॉक्टर बाईपास सर्जरी जैसे अन्य विकल्प पर विचार किया जा सकता है।
Written and Verified by:
© 2024 RBH Jaipur. All Rights Reserved.