Obstetrics and Gynaecology | Posted on 02/03/2023 by Dr. C. P. Dadhich
मां बनने का सुख इस संसार का सबसे बड़ा सुख है। प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में शारीरिक एवं मानसिक रुप से कई बदलाव आते हैं। यही बदलाव प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण होते हैं, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए। गर्भधारण के संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
अगर आप प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों (early symptoms of pregnancy) के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए ख़ास है। इस ब्लॉग में हम प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणों के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।
प्रेगनेंसी के संबंध में कन्फर्मेशन प्रेग्नेंसी टेस्ट के जरिए ही होता है। हालांकि कुछ लक्षण है, जिससे अंदाजा लग सकता है कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं। हल्की स्पॉटिंग और पीरियड मिस होना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हैं, जिसके बारे में लगभग सभी को जानकारी होती है। लेकिन इसके अतिरिक्त और भी शुरुआती लक्षण होते हैं, जिनके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि प्रेगनेंसी एक खूबसूरत एहसास है। इस स्थिति के कुछ शुरुआती लक्षण भी हैं जिससे प्रेगनेंसी के संकेत मिल सकते हैं। चलिए प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों को विस्तार से जानते और समझते हैं -
इन सबके अतिरिक्त कुछ अन्य भी लक्षणों का अनुभव महिलाएं कर सकती हैं जैसे -
इनमें से अधिकतर लक्षण प्रेगनेंसी के साथ-साथ अन्य समस्याओं की तरफ भी संकेत करते हैं, इसलिए लक्षण दिखने पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट से टेस्ट करें या फिर हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करें।
प्रेगनेंसी के अलग-अलग महीने में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है। चलिए हर महीने में दिखने वाले लक्षणों को जानें -
अधिकतर मामलों में गर्भाधान यानी कंसेप्शन के कुछ दिनों के बाद महिला खुद में प्रेगनेंसी के लक्षणों को देखने लगती है। लेकिन कुछ महिलाओं को इसके लक्षण देर से अनुभव होने शुरू होते हैं। गर्भावस्था के अधिकतर लक्षण पीरियड के समय के आसपास या फिर उसके 1-2 हफ्ते पहले या बाद में दिखाई देते हैं।
अगर एक महिला गर्भधारण करने की कोशिश कर रही है और खुद में ऊपर दिए गए लक्षणों को देखती है तो उसे प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। ऐसा करने से विशेषज्ञ लक्षण के सटीक कारण की पुष्टि कर सकते हैं। साथ ही, गर्भावस्था होने पर उचित सलाह देते हैं ताकि गर्भावस्था सफलतापूर्वक पूरी हो सके।
अगर आपका पीरियड साइकिल नियमित है, तो पीरियड मिस होने के पहले दिन भी आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। अगर आपका पीरियड साईकिल नियमित नहीं है तो आप 7-10 दिनों तक इंतज़ार कर सकती हैं। वैसे तो 6-7 दिनों के बाद भी टेस्ट करने से सही रिजल्ट मिल सकता है।
आमतौर पर गर्भाधान के 6-41 दिनों के अंदर गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों का अनुभव होने लगते हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं को गर्भधारण के 2 से 3 सप्ताह के बाद ही लक्षण दिखाई देते हैं।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में निम्नलिखित हैं -
प्रेगनेंसी के पहले महीने में बच्चेदानी में भ्रूण का विकास शुरू होता है। भ्रूण का आकार एक बीन के दाने के समान होता है। प्रेगनेंसी के पहले महीने में भ्रूण के अंग और ऊतक का निर्माण होने लगता है। प्रेगनेंसी के अलग-अलग महीने में महिला के अलग-अलग लक्षणों का अनुभव होता है।
नहीं, प्रेग्नेंट होने के बाद पीरियड्स नहीं आते है। पीरियड्स का अर्थ है गर्भाशय की परत का टूटकर बाहर निकल जाना। प्रेगनेंसी के दौरान, बच्चेदानी की परत में भ्रूण का विकास होता है, इसलिए पीरियड नहीं आते हैं।
हां, पीरियड के आने के बाद कोई भी व्यक्ति प्रेग्नेंट हो सकता है। यदि पीरियड के दौरान या पीरियड के बाद तुरंत असुरक्षित यौन संबंध बनाया जाता है, तो भी व्यक्ति प्रेग्नेंट हो सकता है।
प्रेग्नेंसी तब होती है, जब एक पुरुष का शुक्राणु महिला के अंडाणु के साथ फर्टिलाइज होता है। यह तब होता है, जब पुरुष का वीर्य महिला के योनि में प्रवेश करता है। वीर्य में शुक्राणु होते हैं, जो महिला के बच्चेदानी में तैरते हुए अंडाणु तक पहुंचते हैं। अगर शुक्राणु अंडाणु को फर्टिलाइज कर देते हैं, तो भ्रूण का निर्माण होता है, जो बच्चेदानी में बढ़ता है और अंत में नौ महीने के बाद महिलाएं एक बच्चे को जन्म देते हैं।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण कई स्वास्थ्य समस्या की तरफ भी संकेत कर सकते हैं। प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण पीरियड्स के साइकल के समान ही होते हैं। इनके बीच अंतर बता पाना बहुत मुश्किल है। कई बार तो हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी पीरियड मिस हो जाते हैं। ऐसा हो तो घबराएं नहीं और सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कराएं।