बार-बार पेशाब आने का कारण, लक्षण और उपचार

बार-बार पेशाब आने का कारण, लक्षण और उपचार

Renal Sciences |by Dr. Devendra K. Sharma| Published on 15/04/2024

क्या आप भी सोच रहे हैं कि बार-बार पेशाब क्यों आता है? चलिए आपके इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं। बार-बार पेशाब आना एक कष्टदायक स्थिति है, जिसे चिकित्सा भाषा में पॉल्यूरिया भी कहा जाता है। कई लोग मानते हैं कि यह रोग उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है, जिनकी उम्र ज्यादा होती है या जो किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या का सामना करते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि यह स्थिति किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। 

बार-बार पेशाब आने के पीछे कई कारण हैं। कुछ मामलों में इस स्थिति का कारण तरल पदार्थों का अधिक सेवन है, तो कुछ मामलों में मूत्राशय संक्रमण से व्यक्ति को बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है। हालांकि बार-बार पेशाब आना किसी गंभीर बीमारी जैसे डायबिटीज का लक्षण भी हो सकता है।

इस ब्लॉग में हम बार-बार पेशाब आने की समस्या से जुड़ी हर चीज को विस्तार से समझेंगे। हम आपको इसके कारणों, लक्षणों और उपचारों से अवगत कराएंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि कब डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और किस प्रकार के कदम उठाकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।

बार-बार पेशाब आना क्या है?

अधिकांश लोगों की पेशाब की थैली में पेशाब जमा हो जाता है और वह कुछ समय के लिए पेशाब को रोक भी लेते हैं। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में चार से आठ बार तक पेशाब करते हैं, लेकिन जब उन्हें दिन में आठ बार से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता पड़े, तो इसका अर्थ यह है कि या तो वह व्यक्ति बहुत ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन कर रहे हैं या फिर कोई स्वास्थ्य समस्या उन्हें परेशान कर रही है। 

बार बार टॉयलेट आने का कारण 

कई बार लोगों के मन में प्रश्न ज़रूर उठते होंगे कि बार-बार पेशाब आना कौन सी बीमारी का लक्षण है। चलिए इसे आसान भाषा में समझने का प्रयास करते हैं। सामान्यतः बार-बार पेशाब आना कोई बड़ा मसला नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों में इस स्थिति के पीछे कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है जैसे पेशाब की थैली का संक्रमण। चलिए जानते हैं कि बार-बार टॉयलेट आने का कारण क्या है - 

  • डायबिटीज:टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह के डायबिटीज में शरीर अतिरिक्त शुगर को पेशाब के रास्ते बाहर निकालने का प्रयास करता है, जिससे व्यक्ति को पेशाब बार-बार आता है।
  • प्रेगनेंसी: गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों से ही बढ़ता हुआ गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डालता है, जिससे बार-बार पेशाब आता है।
  • प्रोस्टेट का बढ़ना: बढ़ता हुआ प्रोस्टेट मूत्रमार्ग पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे पेशाब का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। इसके कारण मूत्राशय की दीवार संकीर्ण हो जाती है, जिससे बार-बार पेशाब करने की इच्छा हर कुछ समय में जागृत होती है। 
  • सिस्टिटिस का दर्द: इसमें मूत्राशय और पेल्विक क्षेत्र में दर्द होता है, जिसके साथ-साथ बार-बार और तेज पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है।
  • कुछ दवाओं का असर: हाई ब्लड प्रेशर या शरीर में जमे हुए तरल पदार्थ को कम करने के लिए दी जाने वाली दवाएं किडनी को ज्यादा पेशाब निर्माण का संकेत देता है।
  • स्ट्रोक या अन्य न्यूरोलॉजिकल रोग: स्ट्रोक या फिर अन्य तंत्रिका संबंधित समस्याओं के कारण मूत्र को नियंत्रित करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  • ब्लैडर कैंसर: ट्यूमर ब्लैडर में जगह घेरती है। इसके कारण मूत्रमार्ग में रक्त हानि होती है जो बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है। 

बार-बार पेशाब आना इलाज

अक्सर, बार-बार पेशाब आने का इलाज कुछ दवाओं और स्वस्थ आदतों के संयोजन से होता है। दवाओं के लिए आप एक अच्छे जनरल फिजिशियन या फिर मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित आदतों में बदलाव करने से स्थिति में सुधार हो सकता है - 

  • ब्लैडर रिट्रेनिंग: पेशाब करने के बीच का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं। करीब 12 हफ्तों के अभ्यास से आपका ब्लैडर अधिक देर तक पेशाब को रोके रखने की आदत डाल लेगा, जिससे अंततः स्थिति में सुधार होगा।
  • खाने में बदलाव: उन चीजें को खाने से बचें जो आपके ब्लैडर को उत्तेजित करती हैं या पेशाब को बाहर निकालने में तेजी लाती हैं। इनमें कैफीन, शराब, फिजी ड्रिंक्स, टमाटर वाले खाद्य पदार्थ, चॉकलेट, आर्टिफिशियल स्वीटनर और मसालेदार भोजन शामिल हैं। इसके साथ ही फाइबर युक्त आहार लेना न भूलें क्योंकि कब्ज भी पेशाब की अतिसक्रियता को बढ़ा सकता है।
  • तरल पदार्थों का संतुलन: अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह हमेशा ही लोग देते हैं लेकिन आपको इतना ही पानी पीना चाहिए जिससे कब्ज की शिकायत न हो और पेशाब गाढ़ा न बने। रात को सोने से ठीक पहले तरल पदार्थ लेने से बचें, नहीं तो रात में बार-बार पेशाब जाने की ज़रूरत महसूस होगी।
  • केगेल व्यायाम: कीगल व्यायाम ब्लैडर और मूत्रमार्ग के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे पेशाब पर नियंत्रण बेहतर होता है। दिन में तीन बार, पांच मिनट के लिए आप इस व्यायाम को कर सकते हैं। इस व्यायाम के बहुत लाभ भी होते हैं। 

यह सारे बदलाव प्रमाणित हैं और कई रोगियों को इससे लाभ भी मिला है। इसके अतिरिक्त कुछ घरेलू उपाय भी हैं जिससे स्थिति में सुधार संभव हो पाता है जैसे - 

  • आंवला का सेवन करें
  • तुलसी को पीसकर एक चम्मच शहद के साथ लें।
  • 1 कप साफ पानी में 2 चम्मच जीरे को उबाल लें और उसे ठंडा करके पीएं। 
  • रीठा बालों के साथ-साथ मूत्र संबंधित समस्याओं का इलाज कर सकता है। 

बार-बार पेशाब आने से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

बार-बार पेशाब आना किस बात का संकेत है?

यह कई स्थितियों का संकेत हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

मुझे बार-बार पेशाब आने की चिंता कब करनी चाहिए?

यदि बार-बार पेशाब आने के साथ-साथ आपको निम्नलिखित लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें:

  • पेशाब में जलन या दर्द
  • पेशाब में खून आना
  • पेशाब करने में कठिनाई
  • बार-बार रात में पेशाब आना
  • पेशाब पर नियंत्रण न रख पाना
  • बुखार
  • पेट में दर्द
  • वजन कम होना

24 घंटे में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?

औसतन, एक स्वस्थ व्यक्ति 24 घंटे में 4-7 बार पेशाब करता है। हालांकि, यह व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, और तरल पदार्थों के सेवन के आधार पर भिन्न हो सकता है।

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