गर्भावस्था जांच (प्रेगनेंसी टेस्ट) कैसे और कब करना चाहिए?

गर्भावस्था जांच (प्रेगनेंसी टेस्ट) कैसे और कब करना चाहिए?

Obstetrics and Gynaecology |by Dr. C. P. Dadhich| Published on 01/11/2023

पीरियड मिस हो गए हैं और आप प्रेगनेंसी को लेकर चिंतित हैं? यह प्रश्न कई बार तनाव की स्थिति बना सकता है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं! होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट से अब आप घर पर ही प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं और इस प्रश्न का उत्तर कुछ ही मिनटों में जान सकते हैं। प्रेगनेंसी में हर निर्णय सोच समझ कर ही लेना होता है, जिससे मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव न पड़े। हम आपको सुझाव देंगे कि जैसे ही आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर लें, उसके बाद आप जयपुर में हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और बच्चे के सफल गर्भाधान की तरफ अपना पहला कदम बढाए।

चलिए इस ब्लॉग की सहायता से प्रेगनेंसी से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर जानते हैं जैसे - घर पर ही प्रेगनेंसी टेस्ट किट से कैसे प्रेगनेंसी की जांच करें, पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे, पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें, प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए, इत्यादि।

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

जैसे ही महिलाओं को प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखते हैं, उन्हें सबसे पहले घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए। चलिए समझते हैं कि गर्भावस्था के सामान्य लक्षण क्या है - 

  • पीरियड न आना: जैसे ही महिलाएं गर्भ धारण कर लेती हैं, तो उन्हें पीरियड्स नहीं आते हैं। कभी-कभी पीरियड्स थोड़ी देर से आते हैं, तो कभी-कभी प्रेगनेंसी के बाद भी रक्त हानि होती है। इसलिए इस लक्षण पर पूर्णतः भरोसा करना थोड़ा मुश्किल होता है। 
  • शरीर का तापमान बढ़ना: फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया होती है, जिसके बाद शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। 
  • कब्ज: प्रेगनेंसी के शुरुआती चरण में हार्मोन के लेवल में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव आता है, जिसके कारण महिलाओं को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ पाचन क्रिया में भी समस्या भी एक प्रमुख लक्षण है। 
  • मोर्निंग सिकनेस: प्रेगनेंसी के कारण प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए स्तर के कारण महिला को उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं, जो कि एक सामान्य बात है। इसके साथ-साथ व्यवहार में बदलाव और मतली की समस्या भी इस स्थिति में बहुत ज्यादा आम है।
  • स्तन में भारीपन: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं स्तन में भारीपन महसूस कर सकती हैं। इसके कारण महिलाएं अपने स्तन में दर्द और एरियोला के आस-पास के क्षेत्र के रंग में बदलाव महसूस कर सकती हैं। 

इन लक्षणों का संयोजन बताता है कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं। मेरे ख्याल से अब सबको स्पष्ट हो गया होगा कि प्रेगनेंसी के लक्षण क्या है। 

प्रेगनेंसी टेस्ट किट के प्रकार

प्रेगनेंसी टेस्ट से संबंधित प्रश्नों के उत्तर जानने से पहले हमें प्रेगनेंसी टेस्ट के प्रकार के बारे में जान लेना चाहिए। प्रेगनेंसी टेस्ट किट मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं -

  • स्ट्रिप प्रेगनेंसी टेस्ट: आमतौर पर सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाले प्रेगनेंसी टेस्ट किट में स्ट्रिप प्रेगनेंसी टेस्ट किट सबसे ज्यादा प्रमुख है। यदि आपके मूत्र में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) हार्मोन की मात्रा अधिक होगी, तो स्ट्रिप के एक छोर का रंग बदल जाएगा। यह संकेत करता है कि आप प्रेग्नेंट है। आप यह कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी टेस्ट में हल्की लाइन का मतलब यह है कि आपने गर्भ धारण कर लिया है।
  • कप परीक्षण किट: इस परीक्षण में मूत्र एस कप में एकत्रित किया जाता है। इसके बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट किट के उपकरण को डुबोया जाता है। यदि मूत्र में एचसीजी का स्तर अधिक है, तो इसके रंग में बदलाव आपको साफ दिखेगा, जिसका अर्थ है कि आप प्रेग्नेंट हैं। 

इन दोनों की टेस्ट की मदद दसे कुछ ही देर में पुष्टि हो जाती है कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं। 

पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें?

पीरियड मिस होने का यह अर्थ यह नहीं है कि आप प्रेग्नेंट है। पीरियड से कम से कम 10-14 दिन के बीत जाने के बाद ही आपको प्रेगनेंसी टेस्ट का विचार करना चाहिए। इस समय तक शरीर में एचसीजी का स्तर इतना हो जाता है कि आपको प्रेगनेंसी का संकेत मिल जाए। प्रेगनेंसी टेस्ट से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा - 

  • प्रेगनेंसी टेस्ट सुबह जल्दी करें क्योंकि उस समय एचसीजी के हार्मोन का स्तर सबसे अधिक होता है और परिणाम भी सटीक आते हैं। 
  • टेस्ट करने से पहले कम से कम 3 घंटे तक पेशाब न करें।
  • टेस्ट करने से पहले अपने हाथों की सफाई अच्छे से करें।
  • प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर लिखे निर्देशों को सावधानी से पढ़ें और उनका पालन करें। इसके परिणाम अधिक स्पष्ट आते हैं। 

पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?

कई बार ऐसा होता है कि यौन संबंध स्थापित करने के बाद महिलाएं प्रेगनेंसी टेस्ट करने की जल्दबाजी करती हैं। ऐसे मामले में परिणाम सटीक नहीं आते हैं। आपको बता दें कि प्रेगनेंसी मिस होने से पहले टेस्ट संभव है, लेकिन इसके परिणाम हमेशा सटीक नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान एचसीजी स्तर अपने उच्चतम स्तर पर नहीं होता है। यही कारण है कि यौन संबंध के तुरंत बाद परिणाम स्पष्ट नहीं आते हैं।

यदि फिर भी आप पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहती हैं, तो आप प्रेगनेंसी टेस्ट किट का प्रयोग कर सकती हैं, लेकिन परिणाम स्पष्ट नहीं आएंगे यह स्पष्ट है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सबसे अच्छा समय तब है, जब आपके पीरियड मिस होते हैं। असुरक्षित संबंध स्थापित करने के 6 दिन से 2 सप्ताह के बीच महिलाओं को प्रारंभिक लक्षण महसूस होने लगते हैं। कुछ मामलों में शुरुआती लक्षण दिखने में समय लगता है, जिसके कारण उन्हें पता ही नहीं चलता है कि उन्होंने गर्भ धारण किया है। इसलिए पीरियड्स मिस होने के बाद कम से कम 10 से 14 दिनों तक प्रतीक्षा करें और फिर टेस्ट करें। 

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करना बहुत आसान है। सबसे पहले आपको अपने द्वारा महसूस किए जा रहे लक्षणों का खास ख्याल रखना होगा। यदि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट है, तो प्रेगनेंसी टेस्ट किट (यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट किट) खरीदें। इन किट को आप केमिस्ट से ले सकते हैं। किट पर लिखे निर्देशों को पढ़ें और घर पर ही प्रेगनेंसी टेस्ट करें।

प्रेगनेंसी टेस्ट में एक लाइन हल्की आने का मतलब क्या है?

यदि प्रेगनेंसी टेस्ट में एक हल्की लाइन आती है, तो इसका अर्थ यह है कि आप प्रेग्नेंट नहीं है। वहीं दो हल्की या गाढ़ी लाइन दर्शाती है कि आप प्रेग्नेंट है।

बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट करना संभव है। ब्लीच प्रेगनेंसी टेस्ट, चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट, टूथपेस्ट प्रेगनेंसी किट, सिरके से प्रेगनेंसी टेस्ट, साल्ट टेस्ट, इत्यादि कुछ ऐसे टेस्ट है जिससे बिना किट के प्रेग्नेंसी टेस्ट संभव है। लेकिन अधिक सटीक परिणाम के लिए हम किट के प्रयोग की सलाह देंगे।

क्या पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं?

हां, पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट संभव है, लेकिन इससे सटीक परिणाम आना थोड़ा मुश्किल होता है। गर्भधारण के 10-12 दिन बाद टेस्ट करना सबसे सही माना जाता है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के 3-7 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की कंफ्यूजन होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

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