CK Birla Hospitals does not ask for any payment for appointment confirmation. Please beware of fake calls asking for such payments and if you receive such a call, please report this to legal authorities or the cyber cell.
Obstetrics and Gynaecology | Posted on 02/09/2023 by RBH
हार्मोन्स में असंतुलन के कारण महिलाओं को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पीसीओडी भी उन्हीं में से एक है। पीसीओडी का पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर है। इस विकार से ग्रसित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और अंडाशय यानी ओवरी में सिस्ट (ovary me cyst) बनने लगते हैं।
अगर आप पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए महत्वपूर्ण है।
पीसीओडी महिला में होने वाली एक आम समस्या है जिसका प्रमुख कारण हार्मोन्स में असंतुलन है। हार्मोन्स में असंतुलन अनेक वजहों से हो सकता है जैसे कि मोटापा, शराब-सिगरेट का सेवन करना, अत्यधिक तैलीय और मसालेदार चीजों का सेवन करना, स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से ग्रसित होना आदि।
पीसीओडी के कारण महिला को अनेक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि माहवारी अनियमित होना, पीरियड्स नहीं आना, चेहरे पर बाल और मुंहासे आना, श्रोणि में दर्द होना और कुछ मामलों में महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत आना यानी निःसंतानता की शिकायत होना।
दूसरी समस्याओं की तरह पीसीओडी के भी कुछ लक्षण होते हैं जो इस विकार से पीड़ित महिला खुद में अनुभव कर सकती है। लक्षणों की मदद से ही महिला या डॉक्टर – इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि महिला को पीसीओडी हैl
पीसीओडी के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
इन सबके आलावा, पीसीओडी से जूझ रही महिलाओं में ब्लड प्रेशर बढ़ने, नींद नहीं आने और सिर में दर्द की समस्या आदि का भी सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण करने में भी दिक्कतें आती है। अगर आपको पीडीओडी है और आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कई कारण होते हैं जैसे कि मुख्य रूप से जीवनशैली अस्वस्थ्य होना, व्यायाम, योग या मेडिटेशन नहीं करना और खान-पान में लापरवाही दिखाना आदि। इसके आलावा, अन्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
पीसीओडी के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि रात में देर तक जगना और फिर देर तक सोना, तनाव में रहना या हार्मोन संबंधित किसी समस्या से पीड़ित होना आदि। ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान में रखकर, अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो पीसीओडी का खतरा कम हो सकता है।
घरलू नुस्खों से पीसीओडी का इलाज करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव दिया जाता है। इसके घरेलू उपायों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
जीवनशैली में सुधार करने और घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने के बाद भी जब कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर उपचार के दूसरे माध्यम का सुझाव देते हैं। इसमें मुख्य रूप से कुछ ख़ास दवाएं शामिल हैं।
पीसीओडी का इलाज क्या है?
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि पीसीओडी का इलाज करने के लिए शुरुआत में डॉक्टर महिला को अपनी जीवनशैली में कुछ ख़ास और सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव देते हैं। लेकिन जब इन सबसे कोई फायदा नहीं होता है तो आवश्यक दवाएं निर्धारित की जाती हैं।
पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें?
विशेषज्ञ का ऐसा मानना है कि पीसीओडी को जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव, स्वस्थ डाइट, नियमित व्यायाम और मेडिटेशन तथा कुछ ख़ास दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को मैनेज यानी कंट्रोल किया जा सकता है।