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पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार

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पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार

Obstetrics and Gynaecology | by Dr. Parnamita Bhattacharya | Published on 23/08/2024



पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) और पीसीओडी (Polycystic Ovary Disease) दो ऐसे शब्द हैं, जो अक्सर एक दूसरे के समानार्थक रूप से प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन दोनों में कुछ अंतर है। 

पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में कई छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो अनियमित पीरियड्स, अंडाशय के आकार में वृद्धि और हार्मोनल विकार का कारण बनते हैं। वहीं दूसरी तरफ, पीसीओएस एक व्यापक शब्द है, जो प्रायः महिलाओं के हार्मोनल विकार को दर्शाते हैं। पीसीओएस में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे कि - अनियमित पीरियड्स, एंड्रोजेन के उच्च स्तर और अंडाशयों का बढ़ा हुआ आकार, वजन बढ़ना, मुंहासे, अत्यधिक बालों का बढ़ना और इंसुलिन प्रतिरोध। इस संबंध में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए तुरंत एक अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

पीसीओडी क्या होता है?

पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में अनेक सिस्ट का निर्माण होता है। यह एक आम समस्या है, जिसके कारण दर्द, अनियमित पीरियड्स, बालों की अधिक वृद्धि और गर्भाधान में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लक्षणों के दिखते ही पीसीओडी की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर से इलाज के बारे में अधिक जानकारी लेनी चाहिए। कोलकाता के सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के लिए अभी अपॉइंटमेंट बुक करें

पीसीओडी के कारण / पीसीओडी क्यों होता है?

पीसीओडी समस्या के कई कारण हो सकते हैं। आइए यहां पीसीओडी के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं - 

  • हार्मोनल असंतुलन: प्राकृतिक रूप से महिलाओं के शरीर में उत्तेजक और निरोधक हार्मोन होते हैं, जो पीरियड्स नियंत्रित करते हैं। पीसीओडी की स्थिति में इन सभी हार्मोन में असंतुलन होता है, जिससे अंडाशय पर गांठ बनते हैं और पीरियड्स का समय भी अनियमित होता है। 
  • जीवन शैली: अनियमित खान-पान, नियमित व्यायाम न करना, रोजाना की तनावपूर्ण जिंदगी, अत्यधिक तनाव और नींद की कमी जैसी विभिन्न जीवन शैली से संबंधित तत्व पीसीओडी का एक मुख्य कारण साबित हो सकते हैं। वजन बढ़ना भी पीसीओडी का एक प्रमुख कारण है।
  • गलत खान-पान: असंतुलित खान-पान और डााइट के कारण पीसीओडी होने की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि सभी डॉक्टर और हम भी अपने सभी पेशेंट को बेहतर खान-पान और संतुलित आहार की सलाह देते हैं। 
  • अत्यधिक तनाव: अत्यधिक तनाव भी अंडाशय पर सिस्ट के निर्माण का मुख्य कारण साबित हो सकते हैं। 
  • अन्य समस्याएं:थायराइड रोग और डायबिटीज जैसी समस्याएं भी पीसीओडी को बढ़ावा देती हैं।

पीसीओडी के लक्षण

पीसीओडी के समय के दौरान महिलाओं में अलग-अलग प्रकार के लक्षणों का अनुभव होता है। नीचे पीसीओडी के कुछ महत्वपूर्ण लक्षण दिए गए हैं - 

  • ब्लीडिंग: पीसीओडी के दौरान महिला के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें अत्याधिक या कम मात्रा में ब्लीडिंग होती है। इसके कारण उन्हें अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
  • पेट में दर्द: पीसीओडी के कारण महिलाओं को असहनीय पेट दर्द का सामना करना पड़ता है। यह दर्द कभी-कभी इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि महिलाओं को सामान्य काम करने में भी दिक्कत होती है। इसके अतिरिक्त, बुखार, मतली, उल्टी और दस्त जैसी अन्य समस्याएं भी महिला को परेशान कर सकती है।
  • अनियमित पीरियड्स: महिलाओं में पीसीओडी के लक्षणों में से एक अनियमित मासिक धर्म भी होता है।
  • अधिक वजन: पीसीओडी में महिलाओं का वज़न बढ़ सकता है। यह अधिक खुराक खाने, आलसी रहने, असंतुलित भोजन और शारीरिक गतिविधियां कम करने के कारण हो सकता है। 

पीसीओडी टेस्ट कैसे होता है?

पीसीओडी की जांच की शुरुआत परामर्श से ही होती है। प्रारंभिक जांच में, डॉक्टर समस्या के लक्षणों और पीसीओडी की फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। नीचे कुछ आवश्यक जांच की विधियां के बारे में बताया गया है, जिसकी मदद से पीसीओडी की जांच हो सकती है जैसे कि - 

  • सामान्य जांच: इस टेस्ट में महिला के पीरियड साइकिल के बारे में कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे सामान्य पीरियड साइकिल क्या है, कब से साइकिल के समय में बदलाव हुआ है, इत्यादि।
  • सोनोग्राफी जांच: यह एक सरल तरीका है, जिसके द्वारा पीसीओडी की जांच हो सकती है। सोनोग्राफी के द्वारा, महिलाओं के ओवरीज की स्थिति और समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
  • हॉर्मोन परीक्षण: चिकित्सक रक्त या मूत्र का सैंपल लेते हैं और उसकी जांच लैब में करते हैं। इस टेस्ट से महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर की जांच भी होती है। 
  • लैब टेस्ट: चिकित्सक पीसीओडी की जांच के लिए विभिन्न लैब टेस्ट करवाते हैं। यह सभी टेस्ट पीरियड्स से संबंधित समस्याओं को पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

घरेलू उपचार भी कई बार पीसीओडी के इलाज में लाभदायक साबित हो सकते हैं। पीसीओडी के कुछ प्रभावी घरेलू उपचारों को नीचे बताया गया है - 

  • सुबह उठकर व्यायाम करें: सुबह उठकर योग या दौड़ लगाना पीसीओडी का मुख्य घरेलू उपचार है। इससे आप स्वयं स्वस्थ रहते हैं और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर रख सकते हैं। 
  • अदरक का उपयोग करें: अदरक एक उच्च गुणवत्ता वाला औषधि है, जो पीसीओडी के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। ताजा अदरक का रस या अदरक की चाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। 
  • ताजगी देने वाले फल और सब्जियां खाएं: प्रतिदिन फल और सब्जियां खाना पीसीओडी में सहायक हो सकते हैं। इसकी मदद से शरीर को पोषण तो मिलता ही है, लेकिन इसके साथ-साथ पीसीओडी के लक्षणों से भी राहत मिलती है।
  • घरेलू उपचार: नींबू पानी या गुड़हल की चाय पीने से पीसीओडी के लक्षणों से राहत मिल सकती है। 
  • अंजीर खाएं: अंजीर में विटामिन बी6, फोलिक एसिड और एक्सपेक्टोरंट होते हैं, जो पीसीओडी के लक्षणों से निजात प्रदान कर सकते हैं।

पीसीओडी में पीरियड कैसे लाएं

इस स्थिति के इलाज के लिए सबसे पहले जीवनशैली में बदलाव जरूरी है, जिसके बारे में हमने आपको ऊपर भी बताया है। इसके साथ-साथ व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, वज़न पर नियंत्रण रखें और डॉक्टर से नियमित जांच कराएं। यदि इन सबके बाद भी पीरियड्स नियमित न हो तो दवाओं के रूप में हॉर्मोन की दवाएं भी दी जा सकती हैं।

पीसीओडी एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो दुनिया भर की महिलाओं को प्रभावित करती हैं। इसके लक्षण अलग-अलग हो सकती हैं, और समय रहते उपचार से इस स्थिति को नियंत्रित भी किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार भी पीसीओडी के लक्षणों को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। जैसे ही पीसीओडी की समस्या में सुधार होगा, पीरियड आ जाएंगे। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


पीसीओडी में क्या नहीं खाना चाहिए?

पीसीओडी में जिन चीजों से बचना चाहिए वह है कॉफीन युक्त पेय पदार्थ, तला हुआ भोजन, ज्यादा मात्रा में शक्कर और मीठा, आदि।

क्या पीसीओडी का इलाज संभव है?

हां, पीसीओडी का इलाज संभव है। इसके लिए कई तरह के उपचार उपलब्ध हैं, जो इस रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

पीसीओडी से क्या प्रॉब्लम होती है?

पीसीओडी से पेट में दर्द और तकलीफ होती है, जो पीरियड्स के दौरान रोजाना की गतिविधियों में बाधा डाल सकते हैं।

पीसीओडी कैसे होता है?

पीसीओडी हॉर्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जिसमें एक विशेष हॉर्मोन नामक प्रदर्शक अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है।

पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

पीसीओडी आमतौर पर 3 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं को इससे अधिक समय लगता है, जो असामान्य नहीं होता है।

क्या पीसीओडी में प्रेगनेंसी के लक्षण दिख सकते हैं?

जी हां, पीसीओडी में प्रेगनेंसी संभव है। यदि पीसीओडी के दौरान पीरियड्स साइकिल सामान्य है, और सोनोग्राफी में ओव्यूलेशन के संकेत दिखते हैं, तो प्रेगनेंसी संभव है। इसके लिए डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।