पीसीओडी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

पीसीओडी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

Obstetrics and Gynaecology |by Dr. Namrata Gupta| Published on 12/03/2025

पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक सामान्य हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो वर्तमान में बहुत सारी लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित कर रहा है। इसके कारण अनियमित पीरियड्स, ओवेरियन सिस्ट और अन्य लक्षण अनुभव होते है, जो प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकते हैं। पीसीओडी का शारीरिक के साथ साथ मानसिक प्रभाव भी पड़ता है। हालांकि, पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एक संतुलित आहार (पीसीओडी आहार), स्वस्थ जीवन शैली और सकारात्मक सोच इस स्थिति के इलाज में मदद करते हैं। इलाज के लिए आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं। 

पीसीओडी (PCOD) के लिए आहार संबंधी सुझाव

पीसीओडी के इलाज में सबसे ज्यादा जरूरी है, संतुलित आहार। पीसीओडी में सबसे ज्यादा आवश्यक होता है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। उदाहरण के लिए कहें तो आपके आहार में शुगर और कार्ब्स की मात्रा कम होनी चाहिए और फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। चलिए समझते हैं कि पीसीओडी (PCOD) में क्या खाएं और क्या न खाएं।

पीसीओडी (PCOD) में क्या खाएं

संतुलित आहार हार्मोनल बदलाव पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे लक्षण धीरे-धीरे कम होते हैं और स्थिति में भी सुधार होता है। अपने आहार में निम्न चीजों को ज़रूर शामिल करें -

  • लीन प्रोटीन: मांसपेशियों के स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन का समर्थन करने के लिए अपने आहार में लीन प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें। त्वचा रहित पोल्ट्री, मछली, टोफू, फलियां (बीन्स, दाल) और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद जैसे विकल्पों पर विचार करें। प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करता है और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराता है।
  • स्वस्थ वसा: एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून का तेल जैसे स्वस्थ वसा अपनाएं। इन वसाओं में आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो हार्मोन उत्पादन का समर्थन करते हैं और सूजन को कम करते हैं। भाग के आकार का ध्यान रखें, क्योंकि वसा में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है।
  • फल: अपने दैनिक आहार में विभिन्न प्रकार के फलों को शामिल करें। जामुन, सेब, संतरे और नाशपाती उत्कृष्ट विकल्प हैं, क्योंकि इनमें चीनी अपेक्षाकृत कम होती है और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो सूजन से निपटने में मदद कर सकते हैं।
  • सब्जियां: विविध प्रकार की रंग-बिरंगी सब्जियां खाएं, विशेषकर पालक और केल जैसी पत्तेदार सब्जियां। सब्जियां आवश्यक विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होती हैं, जो हार्मोनल संतुलन और समग्र स्वास्थ्य में सहायता कर सकती हैं।
  • डेयरी विकल्प: यदि आप लैक्टोज असहिष्णु हैं या गैर-डेयरी विकल्प पसंद करते हैं, तो फोर्टिफाइड बादाम दूध, सोया दूध, या नारियल दही चुनें। ये डेयरी से जुड़े संभावित हार्मोन व्यवधान के बिना आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं।
  • सूजन रोधी खाद्य पदार्थ: अपने आहार में हल्दी, अदरक, लहसुन और वसायुक्त मछली (सैल्मन, मैकेरल) जैसे सूजन रोधी खाद्य पदार्थ शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ पीसीओडी से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • जलयोजन: पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें। उचित जलयोजन समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करता है और कुछ पीसीओडी लक्षणों को कम कर सकता है।

इसके अलावा, पुदीना चाय या दालचीनी चाय जैसी हर्बल चाय पीने पर विचार करें। पुदीने की चाय पीसीओडी से जुड़े अतिरिक्त बालों के विकास को कम करने में मदद कर सकती है, जबकि दालचीनी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती है।

पीसीओडी (PCOD) में क्या नहीं खाएं?

सफेद ब्रेड, शर्करा युक्त अनाज और पेस्ट्री जैसे परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम से कम करें। इनसे रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है और इंसुलिन प्रतिरोध बिगड़ सकता है। इसके अलावा, निम्न से परहेज करें:

  • मीठी चीजों से दूर रहें: कैंडी, सोडा और मिठाइयां सहित शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। अधिक चीनी का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है।
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: फास्ट फूड, चिप्स और मीठे स्नैक्स जैसे अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। इनमें अक्सर अस्वास्थ्यकर ट्रांस वसा, अत्यधिक नमक और छिपी हुई शर्करा होती है।
  • संतृप्त और ट्रांस वसा: मांस के वसायुक्त टुकड़ों, पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों और नारियल तेल जैसे कुछ तेलों में पाए जाने वाले संतृप्त वसा को सीमित करें। इसके अतिरिक्त, ट्रांस वसा से बचें, जो अक्सर तले हुए खाद्य पदार्थों और कुछ पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद होते हैं।
  • अत्यधिक कैफीन: जबकि मध्यम मात्रा में कैफीन का सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है, अत्यधिक कैफीन के सेवन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। कॉफी, एनर्जी ड्रिंक और कैफीनयुक्त सोडा का सेवन सीमित करें।
  • डेयरी: पीसीओडी वाले कुछ व्यक्तियों को डेयरी उत्पादों से हार्मोनल व्यवधान का अनुभव हो सकता है। यदि आपको इसका संदेह है, तो डेयरी विकल्पों पर स्विच करने या सीमित मात्रा में डेयरी का सेवन करने पर विचार करें।
  • शराब: अत्यधिक शराब का सेवन हार्मोन संतुलन को बाधित कर सकता है और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। यदि आप शराब पीना चुनते हैं, तो कम मात्रा में पियें।
  • उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ: उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, जैसे सफेद चावल और शर्करा युक्त अनाज, रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि का कारण बन सकते हैं। इनका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

पीसीओडी को केवल आहार के माध्यम से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन जानकारी पूर्ण आहार विकल्प चुनने से इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है। संपूर्ण, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें, प्रोसेस्ड और हाई शुगर फूड से बचें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। आपकी सहायता के लिए नीचे एक टेबल है जो आपको समझने में मदद करेगा कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। 

खाने के विकल्प

क्या खाएं

क्या न खाएं

प्रोटीन

लीन प्रोटीन जैसे त्वचा रहित चिकन, मछली, टोफू, फलियां (बीन्स, दाल)

चिकना मांस, तला हुआ मांस, डिब्बाबंद मांस

फट

हेल्दी फैट जैसे एवोकाडो, नट, बीज, जैतून का तेल

मक्खन, नारियल तेल, स्मोक्ड मीट, वसायुक्त डेयरी उत्पाद

फल

जामुन, सेब, संतरे, नाशपाती

सूखे मेवे, फलों का रस, केला, अंगूर

सब्जियां

पालक, केल, ब्रोकली, गोभी, गाजर

आलू, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़

डेयरी विकल्प

फोर्टिफाइड आलमंड मिल्क, सोया मिल्क, नारियल दही

फुल फैट दूध, चीज, आइसक्रीम

सूजन रोधी खाद्य पदार्थ

हल्दी, अदरक, लहसुन, वसायुक्त मछली (सैल्मन, मैकेरल)

फ्राइड फूड, प्रोसेस्ड फूड, शर्करा युक्त पेय पदार्थ

पेय पदार्थ

साफ पानी और हर्बल चाय

सोडा, फलों का रस, मीठी चाय/कॉफी

पीसीओडी के लिए डाइट चार्ट

पीसीओडी की स्थिति में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह आपको ऊपर पता चल गया होगा। सही खाद्य पदार्थों का चयन अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना और हार्मोनल असंतुलन जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

पीसीओडी-फ्रेंडली आहार में उच्च फाइबर, प्रोटीन युक्त और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले भोजन का सेवन करें। चलिए आपको पीसीओडी-फ्रेंडली डाइट चार्ट के बारे में जानकारी देते हैं - 

  • सुबह (6:30 - 7:00 बजे): सुबह की शुरुआत गर्म नींबू पानी या मेथी के दाने का पानी पीएं। इसके अतिरिक्त भीगे हुए चिया सीड्स से भी लाभ मिल सकता है।
  • नाश्ता (8:00 - 9:00 बजे): पुदीने की चटनी के साथ बेसन का चीला और हर्बल चाय लें। मल्टीग्रेन टोस्ट के साथ अंडे का आमलेट और ग्रीन टी का भी आप सेवन कर सकता है। 
  • दोपहर का नाश्ता (11:00 बजे): एक मुट्ठी भर भीगे हुए बादाम और अखरोट खाएं। 
  • दोपहर का भोजन (1:00 - 2:00 बजे): लंच में दाल, सब्जी और दही के साथ क्विनोआ/ब्राउन राइस का सेवन करें। ब्राउन राइस और सॉते के साथ ग्रिल्ड चिकन/मछली भी आप खा सकते हैं।
  • शाम का नाश्ता (4:00 - 5:00 बजे): भुने हुए मखाने या खीरे का सेवन करें। उबले अंडे और थोड़ा काला नमक से नाश्ता करें।
  • रात का खाना (7:00 - 8:00 बजे): डिनर में पालक पनीर के साथ मल्टीग्रेन रोटी या वेजिटेबल सूप लें। भुनी हुई हरी सब्जियों के साथ ग्रिल्ड फिश/चिकन का भी आप सेवन कर सकते हैं। 
  • सोने का समय (9:30 - 10:00 बजे): सोने से पहले आप हल्दी वाला दूध या कैमोमाइल चाय पी सकते हैं। 

इस डाइट चार्ट का पालन करने के साथ-साथ खुद को हाइड्रेटेड रखें, चीनी से बचें और PCOD को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए व्यायाम को बिल्कुल न छोड़ें।

पीसीओडी में वजन कैसे घटाएं

पीसीओडी के मामले में डॉक्टर रोगी को वजन घटाने का सुझाव देते हैं। इसके लिए वह निम्नलिखित सुझावों का पालन कर सकते हैं - 

  • स्वस्थ आहार खाएं: पीसीओडी में वजन घटाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ आहार का सेवन। स्वस्थ आहार आपके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
  • अपने कैलोरी के सेवन को ट्रैक करें: यदि आप अपने कैलोरी के सेवन को ट्रैक करते हैं, तो आप कैलोरी डेफिशियट की तरफ अपना पहला कदम उठा पाते हैं। इससे वजन कम करने में बहुत मदद मिलेगी।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम वजन कम करने के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है। प्रयास करें कि रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करें या फिर व्यायाम करें।
  • तनाव को कम करें: तनाव कम करने से वजन भी कम होगा, जिससे पीसीओडी के लक्षणों से राहत भी मिल जाती है। 
  • अपने डॉक्टर से बात करें: यदि आप पीसीओडी में वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। इस स्थिति में वह आपकी मदद कर सकते हैं और आपके लिए उपयुक्त योजना का चुनाव कर सकते हैं। 

व्यक्तिगत पीसीओडी आहार योजना बनाने के लिए किसी विशेषज्ञ या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है जो आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं और स्वास्थ्य लक्ष्यों के अनुरूप हो। स्वस्थ आहार और जीवनशैली के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण अपनाकर, आप पीसीओडी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।

पीसीओडी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं?

पीसीओडी किसी एक आहार से ठीक नहीं होता है। पीसीओडी आहार का सेवन इस रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। निम्न चीजों को अपने आहार में जोड़ने से आपको लाभ मिलेगा -

  • लीन प्रोटीन
  • हेल्दी फैट
  • फल और सब्जियां
  • होल ग्रेन खाद्य पदार्थ

क्या पीसीओडी में दूध पी सकते हैं?

इस सवाल का जवाब महिला के स्वास्थ्य के आधार पर भिन्न होता है। कुछ महिलाओं को दूध पीने से राहत मिलती है, लेकिन कुछ में स्थिति खराब हो जाती है। इस सवाल का जवाब डॉक्टर हर महिला के स्वास्थ्य के आधार पर देते हैं।

पीसीओडी के क्या कारण हैं?

पीसीओडी के सटीक कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि कई कारक हैं जिनकी वजह से महिलाओं को पीसीओडी की शिकायत होती है जैसे - 

  • हार्मोनल असंतुलन
  • इंसुलिन प्रतिरोध
  • आनुवंशिकी
  • पर्यावरणीय कारक

पीसीओडी का निदान कैसे किया जाता है?

पीसीओडी का निदान करने के लिए डॉक्टर आपके लक्षण, मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य जांच का भी सुझाव दिया जा सकता है - 

  • फैमिली मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों का आकलन
  • अल्ट्रासाउंड (अंडाशय में सिस्ट की जांच के लिए)
  • रक्त परीक्षण (हार्मोन और इंसुलिन के स्तर की जांच के लिए)

साथ-साथ रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड का सुझाव भी दिया जाता है।

पीसीओडी के सामान्य लक्षण क्या है?

  • अनियमित या छूटे हुए मासिक धर्म
  • चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल
  • मुंहासे और तैलीय त्वचा
  • अकारण वजन बढ़ना
  • खोपड़ी के बालों का पतला होना
  • गर्भधारण करने में कठिनाई
  • थकान और मूड में उतार-चढ़ाव

क्या पीसीओडी को स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है?

पीसीओडी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन आहार, व्यायाम, दवा और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से पीसीओडी को प्रभावी ढंग से इलाज हो सकता है। 

क्या पीसीओडी वाली महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं?

हां, लेकिन अनियमित ओव्यूलेशन के कारण इसमें अधिक समय लग सकता है। जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और प्रजनन उपचार गर्भधारण की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

क्या पीसीओडी को प्रबंधित करने के लिए वजन कम करना आवश्यक है?

हां, 5-10% वजन कम करने से भी लक्षणों में काफी सुधार हो सकता है, मासिक धर्म नियमित हो सकता है और प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है।

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