लीवर के कार्य को प्रभावित करने वाली सभी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है हेपेटाइटिस सी, जो हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) के कारण होती है। यह लीवर का ऐसा संक्रमण है, जो सिरोसिस, लीवर की विफलता या यहाँ तक कि लीवर कैंसर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस स्थिति के लक्षण शुरुआत में देखने को नहीं मिलते हैं, यही कारण है कि इसके कारणों, लक्षणों और उपचार के विकल्पों को समझना महत्वपूर्ण है।
लीवर के कार्य को प्रभावित करने वाली सभी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है हेपेटाइटिस सी, जो हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) के कारण होती है। यह लीवर का ऐसा संक्रमण है, जो सिरोसिस, लीवर की विफलता या यहाँ तक कि लीवर कैंसर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस स्थिति के लक्षण शुरुआत में देखने को नहीं मिलते हैं, यही कारण है कि इसके कारणों, लक्षणों और उपचार के विकल्पों को समझना महत्वपूर्ण है।
इस विषय को समझने में यह ब्लॉग आपकी बहुत मदद करेगा। हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी हेपेटाइटिस के डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों को समझें।
सबसे पहले हमें यह समझना पड़ेगा कि हेपेटाइटिस सी की समस्या दो चरणों में विकसित होती है - एक्यूट और क्रोनिक हेपेटाइटिस सी। एक्यूट हेपेटाइटिस सी में कोई खास लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। आंकड़े बताते हैं कि एक्यूट हेपेटाइटिस सी के सभी मामलों में से 25% से कम मामलों में लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे कि -
वहीं दूसरी तरफ क्रोनिक हेपेटाइटिस सी के मामलों में कुछ और लक्षण उत्पन्न होते हैं, जिनका आपको खास ध्यान रखना होगा जैसे कि -
ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के उत्पन्न होते ही, उचित निदान और इलाज के लिए लीवर संक्रमण का इलाज करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर या हेपेटाइटिस सी के विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
हेपेटाइटिस सी के संक्रमण का इकलौता और मुख्य कारण है हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी)। हालांकि यह अलग-अलग तरीके से फैलता है। इस संबंध में यदि आपको जानकारी चाहिए तो हम आपको सलाह देंगे कि पहले यह समझें कि हेपेटाइटिस सी कैसे फैलता है?
मुख्य रूप से हेपेटाइटिस सी संक्रमित रक्त के संपर्क से फैलता है, लेकिन इसके फैलने का तरीका भी अलग-अलग है जैसे कि -
एक बात का खास ख्याल रखें कि हेपेटाइटिस सी गले लगने या बर्तन साझा करने जैसे कराकों से नहीं फैलता है। इसलिए जागरूक रहें, स्वस्थ रहें।
पिछले कुछ वर्षों में हेपेटाइटिस सी के इलाज में बहुत ज्यादा बदलाव आए हैं। चलिए समझते हैं कि हेपेटाइटिस सी के लिए उपचार विकल्प क्या-क्या हैं?
त्वरित इलाज लीवर की गंभीर समस्याओं को रोक सकता है, जिसके लिए तुरंत एक अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श लें या हमसे संपर्क करें।
हेपेटाइटिस सी के इलाज में सबसे ज्यादा प्राथमिकता डाइट को ही दिया जाता है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें और इन्हें अपने आहार में ज़रूर शामिल करें -
हेपेटाइटिस सी एक ऐसी स्थिति है, जिसका इलाज एवं प्रबंधन आसान है। इसके इलाज और निदान के लिए तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें। बेहतर लीवर स्वास्थ्य के लिए सावधानी बरतें और आवश्यकता पड़ने पर आहार विशेषज्ञ से भी परामर्श लें।
हेपेटाइटिस सी से पीड़ित व्यक्ति को शराब, और धूम्रपान से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसके कारण लीवर को नुकसान पहुंचता है। इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट भी आपके लीवर के लिए स्वस्थ नहीं है।
हां, क्रोनिक हेपेटाइटिस सी के कारण सिरोसिस और लीवर कैंसर की भी संभावना लगातार बनी रहती है। समय पर पता लगने पर उचित इलाज लें और लीवर की कार्यक्षमता को प्रभावित होने से बचाएं।
हां, डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल (DAAs) की मदद से ऐसा होना संभव है। अधिकांश लोग पूर्ण इलाज और कुछ सावधानी की मदद से एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
हां, सफल उपचार के बाद भी, यदि आप फिर से वायरस के संपर्क में आते हैं, तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं।
हेपेटाइटिस सी के लिए कोई भी वैक्सीन वर्तमान में नहीं है, लेकिन संक्रमित होने के बाद कुछ प्रभावी तरीकों की मदद से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं, जो इस ब्लॉग में भी है।
Written and Verified by:
Dr. Somnath Mukherjee has regularly ran the acute takes, including cover provision for out of hours for coronary are, HDU and ITU, triaging of admissions and dealing with complications on the surgical wards.
He has also been responsible for the ongoing care of general medical in-patients. He conducts therapeutic ERCP list plus three upper and lower gastrointestinal diagnostic and therapeutic procedures. He is also an expert in performing the following procedures: OGD, Colonoscopy including polypectomy, Variceal banding, heater probe, APC, Injection therapy for bleeding, Oesophageal dilation and stent insertion, capsule endoscopy, CVP insertion etc.
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