पीलिया से बचने का सबसे सही इलाज है, सही समय पर इस स्थिति का उचित इलाज। इलाज से पहले सभी को पीलिया के बारे में आवश्यक जानकारी होनी चाहिए जैसे इसके कारण, लक्षण, निदान और इलाज।
पीलिया (Jaundice) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण त्वचा, आंखों का सफेद भाग और नाखून का रंग पीला हो जाता है। इस बढ़ते हुए बिलीरुबिन के स्तर की वजह से बहुत सारी समस्याएं एक व्यक्ति को परेशान करती हैं। मुख्य रुप से यह समस्या एक व्यक्ति को तब परेशान करती है, जब रोगी का लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है।
पीलिया से बचने का सबसे सही इलाज है, सही समय पर इस स्थिति का उचित इलाज। इलाज से पहले सभी को पीलिया के बारे में आवश्यक जानकारी होनी चाहिए जैसे इसके कारण, लक्षण, निदान और इलाज।
पीलिया होने के कई कारण हैं जिन्हें हमने नीचे विस्तार से समझाने का प्रयास किया है -
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऊपर बताए गए लक्षण वयस्कों में अधिक देखने को मिलते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको या फिर आपके बच्चे को पीलिया की समस्या है, तो तुरंत एक अच्छे फिजिशियन से मिलें और उचित निदान एवं उपचार की योजना पर बात करें।
पीलिया होने पर रोगी को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
पीलिया की समस्या निम्न स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकती है -
इसके साथ-साथ निम्न स्थितियों के साथ-साथ पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज पर विचार करें -
पीलिया के इलाज से पहले निदान बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। चलिए पहले पीलिया के इलाज से पहले होने वाले जांच के बारे में जानते हैं -
पीलिया का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर जांच के परिणाम के आधार पर इलाज के विकल्प का सुझाव देते हैं। इलाज के लिए निम्न में से किसी एक विकल्प का सुझाव दिया जाता है -
इसके अतिरिक्त डाइट में बदलाव करके भी स्थिति में बहुत मदद मिल सकती है। लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि पीलिया में क्या खाना चाहिए? यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीलिया का इलाज सिर्फ डाइट चेंज से नहीं हो सकता है। इस स्थिति के इलाज के लिए डाइट एक सहायक इलाज के विकल्प के तौर पर मदद कर सकता है। यदि आपको पीलिया है, तो एक अनुभवी डॉक्टर से मिलना और उचित उपचार पर विचार करना महत्वपूर्ण है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार हैं, जो पीलिया के लक्षणों को कम करने और लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं जैसे -
पीलिया का सामान्य स्तर लगभग 0.2 - 1.0 mg/dL है। यदि रिपोर्ट में यह स्तर 1.0 mg/dL से ऊपर आ जाए, तो तुरंत परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
काला पीलिया संकेत देता है कि लीवर को गंभीर नुकसान हुआ है। इस स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
मुख्य रूप से पीलिया तीन प्रकार के होते हैं -
पीलिया संक्रामक रोग नहीं है। हालांकि कुछ संक्रमण है जैसे हेपेटाइटिस A, E, और B, जो पीलिया के मुख्य कारणों में शामिल हैं।
पीलिया को ठीक करने के कई तरीके हैं जैसे -
हां, पीलिया में दूध पिया जा सकता है। प्रयास करें कि लो फैट मिल्क को अपने आहार में शामिल करें। इससे आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व भी मिलेंगे और कम एवं स्वस्थ वसा भी आपके आहार में शामिल होंगे।
पीलिया रोग किसी एक पोषक तत्व की कमी से नहीं होता है। इस रोग के होने के कई मुख्य कारण है, जिनको इस ब्लॉग में बताया गया है।
Written and Verified by:
Dr. Sushil Kalra is the Director of Internal Medicine Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 34 years of medical experience. He specializes in critical care, managing ICU and CCU patients, and acute medical conditions.
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