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पीलिया: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

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पीलिया: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

Internal Medicine | Posted on 05/29/2024 by Dr. Sushil Kalra



पीलिया (Jaundice) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण त्वचा, आंखों का सफेद भाग और नाखून का रंग पीला हो जाता है। इस बढ़ते हुए बिलीरुबिन के स्तर की वजह से बहुत सारी समस्याएं एक व्यक्ति को परेशान करती हैं। मुख्य रुप से यह समस्या एक व्यक्ति को तब परेशान करती है, जब रोगी का लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। 

पीलिया से बचने का सबसे सही इलाज है, सही समय पर इस स्थिति का उचित इलाज। इलाज से पहले सभी को पीलिया के बारे में आवश्यक जानकारी होनी चाहिए जैसे इसके कारण, लक्षण, निदान और इलाज।

पीलिया क्यों होता है? -

पीलिया होने के कई कारण हैं जिन्हें हमने नीचे विस्तार से समझाने का प्रयास किया है - 

  • पित्त नलिकाओं में रुकावट: यदि किसी भी कारणवश पित्त की नलिकाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट आती है, जैसे पित्त की पथरी, पित्त नली का ट्यूमर या पैनक्रिएटाइटिस (pancreatitis) तो इसके कारण बिलीरुबिन रक्त प्रवाह में फिर से वापस आ जाता है। 
  • रेड ब्लड सेल्स का कम होना (हिमोलाइसिस): सिकल सेल रोग (Sikkle cells diseases) और अन्य रक्त संबंधित समस्याओं जैसे थैलेसीमिया, ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज की कमी, और कुछ दवाएं भी शरीर में रेड ब्लड सेल्स को कम कर सकती हैं।
  • दवाएं और जड़ी-बूटियां: कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और एंटीडिप्रेसेंट के साथ-साथ कुछ जड़ी बूटियां जैसे कवा और चैपारल लीवर को परेशान कर सकती हैं। 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऊपर बताए गए लक्षण वयस्कों में अधिक देखने को मिलते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको या फिर आपके बच्चे को पीलिया की समस्या है, तो तुरंत एक अच्छे फिजिशियन से मिलें और उचित निदान एवं उपचार की योजना पर बात करें।

पीलिया के लक्षण -

पीलिया होने पर रोगी को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है - 

  • त्वचा, आंखों और म्यूकस के मेंब्रेन का पीलापन
  • मल और मूत्र के रंग में बदलाव
  • पेट में दर्द
  • मतली और उल्टी
  • थकान और कमजोरी
  • भूख न लगना
  • बुखार

पीलिया कब खतरनाक होता है? -

पीलिया की समस्या निम्न स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकती है - 

  • नवजात शिशुओं में पीलिया की समस्या अधिक गंभीर होती है। 
  • पित्त नकिलाओं में रुकावट बहुत ज्यादा हो।
  • त्वचा का गहरा पीले रंग का होना भी बिलीरुबिन स्तर के बढ़ने का संकेत देता है। 
  • मल और मूत्र के रंग में लंबे समय से बदलाव
  • आंखों के रंग में बदलाव

इसके साथ-साथ निम्न स्थितियों के साथ-साथ पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज पर विचार करें - 

पीलिया का निदान और इलाज -

पीलिया के इलाज से पहले निदान बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। चलिए पहले पीलिया के इलाज से पहले होने वाले जांच के बारे में जानते हैं - 

  • फिजिकल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर कुछ प्रश्न पूछते हैं, जिससे वह स्थिति के दौरान उत्पन्न हो रहे लक्षणों की पुष्टि कर लेते हैं। 
  • इसके अतिरिक्त लिवर फंशन टेस्ट (Liver Function Test), बिलीरुबिन स्तर और कंपलीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट भी करवाए जाते हैं।
  • कुछ मामलों में, इमेजिंग परीक्षण, जैसे कि अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन, पित्त नली में रुकावट या लीवर की समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है। 

पीलिया का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर जांच के परिणाम के आधार पर इलाज के विकल्प का सुझाव देते हैं। इलाज के लिए निम्न में से किसी एक विकल्प का सुझाव दिया जाता है - 

  • लीवर की समस्याओं का इलाज: हेपेटाइटिस के लिए, डॉक्टर दवाएं या वायरस को खत्म करने के लिए किसी विशेष प्रक्रिया को प्रिस्क्राइब करते हैं। वहीं दूसरी तरफ सिरोसिस और लीवर कैंसर के लिए इलाज के लिए कुछ दवाएं, सर्जरी या लीवर ट्रांसप्लांट के विकल्प का चयन करते हैं। 
  • पित्त नली में रुकावट का इलाज: पित्ताशय की पथरी को हटाने के लिए सर्जरी या एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। ट्यूमर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी से किया जा सकता है।
  • ब्लड डिजीज का इलाज: रक्त संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए दवाएं और अन्य विकल्पों का सुझाव दिया जाता है। 
  • संक्रमण का इलाज: संक्रमण के इलाज के लिए, एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता पड़ती है।

इसके अतिरिक्त डाइट में बदलाव करके भी स्थिति में बहुत मदद मिल सकती है। लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि पीलिया में क्या खाना चाहिए? यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीलिया का इलाज सिर्फ डाइट चेंज से नहीं हो सकता है। इस स्थिति के इलाज के लिए डाइट एक सहायक इलाज के विकल्प के तौर पर मदद कर सकता है। यदि आपको पीलिया है, तो एक अनुभवी डॉक्टर से मिलना और उचित उपचार पर विचार करना महत्वपूर्ण है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार हैं, जो पीलिया के लक्षणों को कम करने और लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं जैसे - 

  • फलों और सब्जियों का सेवन से लाभ मिलेगा क्योंकि इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। खट्टे फलों को अपने आहार में आवश्यक रूप से शामिल करें। 
  • हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी और धनिया का सेवन बिलीरुबिन के टूटने में मदद करता है। 
  • होल ग्रेन्स के साथ दाल, नट्स, और बीज का सेवन लाभकारी होगा।
  • दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जिससे खाना पचाने में मदद मिलती है।
  • हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, इसलिए इसे भी अपना आहार में शामिल करें।

पीलिया से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs

 

पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए?

पीलिया का सामान्य स्तर लगभग 0.2 - 1.0 mg/dL है। यदि रिपोर्ट में यह स्तर 1.0 mg/dL से ऊपर आ जाए, तो तुरंत परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। 

काला पीलिया कितना खतरनाक होता है?

काला पीलिया संकेत देता है कि लीवर को गंभीर नुकसान हुआ है। इस स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता लें।

पीलिया कितने प्रकार का होता है?

मुख्य रूप से पीलिया तीन प्रकार के होते हैं - 

  • प्री-हेपेटाइटिस: यह लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से होता है।
  • हेपेटाइटिस: इस प्रकार के पीलिया का कारण लीवर में गंभीर रुकावट या नुकसान है।
  • पोस्ट-हेपेटाइटिस: इसमें पित्त नली में रुकावट आती है।

क्या पीलिया संक्रामक रोग है?

पीलिया संक्रामक रोग नहीं है। हालांकि कुछ संक्रमण है जैसे हेपेटाइटिस A, E, और B, जो पीलिया के मुख्य कारणों में शामिल हैं। 

पीलिया को ठीक जल्दी कैसे करें?

पीलिया को ठीक करने के कई तरीके हैं जैसे - 

  • पीलिया के कारण का इलाज करें।
  • स्वस्थ आहार लें।
  • आराम करें।
  • तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।

क्या पीलिया में दूध पीना चाहिए?

हां, पीलिया में दूध पिया जा सकता है। प्रयास करें कि लो फैट मिल्क को अपने आहार में शामिल करें। इससे आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व भी मिलेंगे और कम एवं स्वस्थ वसा भी आपके आहार में शामिल होंगे। 

पीलिया रोग किसकी कमी से होता है?

पीलिया रोग किसी एक पोषक तत्व की कमी से नहीं होता है। इस रोग के होने के कई मुख्य कारण है, जिनको इस ब्लॉग में बताया गया है।