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डायलिसिस के फायदे

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डायलिसिस के फायदे

Renal Sciences | by CMRI | Published on 01/10/2024



डायलिसिस एक मेडिकल प्रोसीजर है, जिसमें रक्त से मौजूद हानिकारक एवं अतिरिक्त तरल पदार्थ को एक मशीन के द्वारा छाना जाता है। इस प्रक्रिया में रक्त को शरीर से बाहर साफ किया जाता है और फिर उसे शरीर में प्रवेश कराया जाता है। 

डायलिसिस का उपयोग करके कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं {क्रोनिक किडनी रोग (CKD) या किडनी की बीमारी के अंतिम चरण (ESRD)} का इलाज एवं प्रबंधन किया जाता है। चलिए इस ब्लॉग की मदद से डायलिसिस के संबंध में वह सारी जानकारी प्राप्त करते हैं जो आपको जाननी चाहिए। लेकिन आपको यह समझना होगा कि किडनी के संबंध में कोई भी लापरवाही बहुत ज्यादा हानिकारक हो सकती है, इसलिए इलाज के लिए तुरंत एक सर्वश्रेष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट से मिलें एवं इलाज लें।

डायलिसिस क्या है?

डायलिसिस एक मेडिकल प्रोसीजर है, जिसका उपयोग तब किया जाता है, जब किडनी अपना सामान्य काम करने में असमर्थ होती है। इस प्रक्रिया में शरीर के अंदर से रक्त को निकालकर डायलिसिस मशीन में डाला जाता है और रक्त को फिर साफ किया जाता है। 

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि शरीर में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट का स्तर संतुलित रहे और शरीर में हानिकारक पदार्थ न जमने लगे। यह पूरी प्रक्रिया मुख्य रूप से दो प्रकार से की जाती है - 

  • हेमोडायलिसिस (Hemodialysis): इस प्रक्रिया में रक्त को छानने के लिए एक मशीन का उपयोग होता है और प्रक्रिया के बाद रक्त को फिर से वापस शरीर में डाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया को क्लीनिक या फिर सेंटर पर ही किया जा सकता है।
  • पेरिटोनियल डायलिसिस (Peritonial Dialysis): इस प्रक्रिया में रक्त को फिल्टर करने के लिए हमारे पेट में मौजूद पेरिटोनियल झिल्ली का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को आप घर पर ही कर सकते हैं।

डायलिसिस क्यों किया जाता है?

किडनी रोग के सभी रोगियों को डायलिसिस की आवश्यकता नहीं होती है। डायलिसिस तब ज्यादा जरूरी हो जाता है, जब किडनी अपना सामान्य काम करने में बिल्कुल असमर्थ हो जाती है और रक्त में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थ और हानिकारक पदार्थों को निकालने में भी असमर्थ रहते हैं। मुख्य रूप से किडनी रोग के अंतिम चरण और किडनी ट्रांस्पलांट के अस्थाई इलाज के विकल्प में रूप में डायलिसिस को किया जाता है। 

यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसका सुझाव डॉक्टर कुछ ही मामलों में देते हैं। किडनी फेलियर वाले लोगों में बहुत सारी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे जीवन को बहुत खतरा भी उत्पन्न होता है। ऐसे मामलों में किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है, लेकिन जब तक सर्जरी नहीं होती है, तब तक डायलिसिस एक अस्थायी उपचार के रूप में कार्य करता है। 

डायलिसिस के 5 प्रमुख लाभ

डायलिसिस एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें एक व्यक्ति को निम्न लाभ मिल सकते हैं - 

  1. अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों का हटना: डायलिसिस रक्त से अपशिष्ट, विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को साफ करने का कार्य करता है। इसकी मदद से यूरीमिया की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। डायलिसिस के बिना, यह हानिकारक पदार्थ शरीर में जमा होने लग जाएंगे, जिससे मतली, भ्रम और यहां तक कि मृत्यु जैसे खतरनाक जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  2. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करना: शरीर में तरल पदार्थ के जमा होने के कारण किडनी की बीमारी वाले रोगियों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। डायलिसिस से अतिरिक्त तरल पदार्थ रक्त से बाहर निकल जाते हैं। 
  3. ऊर्जा और सेहत में सुधार होना: कई बार देखा गया है कि डायलिसिस के बाद मरीज को अनुभव हुआ है कि उनके शरीर में ऊर्जा के स्तर में वृद्धि हुई है। हानिकारक पदार्थों को हटाकर और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करके, डायलिसिस थकान को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे मरीज रोजाना की गतिविधियों को अधिक आराम से कर पाते हैं।
  4. उपचार के अलग-अलग विकल्प प्रदान करता है: हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस दोनों ही रोगी की जरूरतों के आधार पर अलग-अलग लाभ प्रदान करते हैं। पेरिटोनियल डायलिसिस घर पर किया जा सकता है, जिससे रोगियों को अधिक स्वतंत्रता मिलती है, जबकि हेमोडायलिसिस अस्पताल या डायलिसिस केंद्र में डॉक्टरों की निगरानी में की जाती है। 
  5. जीवन प्रत्याशा को बढ़ाना: अंतिम चरण के किडनी फेलियर वाले व्यक्तियों में डायलिसिस जीवन रक्षक उपचार के रूप में कार्य करता है। इसकी मदद से उन लोगों की उम्र कुछ वर्षों से बढ़ जाती है। लेकिन डायलिसिस अंतिम उपचार नहीं है।

निष्कर्ष

डायलिसिस किडनी रोग के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो किडनी के कार्य को करने में बहुत मदद करते हैं। हेमोडायलिसिस या पेरिटोनियल डायलिसिस के माध्यम से यह उपचार रोगियों को उनकी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और लंबे समय तक अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने की अनुमति देता है।

डायलिसिस से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


क्या डायलिसिस दर्दनाक है?

इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता है, लेकिन हेमोडायलिसिस के लिए सुई लगाने या पेरिटोनियल डायलिसिस में थोड़ी असहजता महसूस हो सकती है।

क्या डायलिसिस से वजन बढ़ सकता है?

कुछ रोगियों को डायलिसिस सत्रों के बीच शरीर में भारीपन या वजन बढ़ने जैसी समस्या का अनुभव हुआ है। इसे कम करने के लिए तरल पदार्थ के सेवन को नियंत्रित करें। 

डायलिसिस के बाद रोगी थका हुआ क्यों महसूस करते हैं?

डायलिसिस के बाद थकान होना एक आम बात है, क्योंकि इस प्रक्रिया से न केवल हानिकारक पदार्थ बल्कि कुछ आवश्यक पोषक तत्व और तरल पदार्थ भी निकल जाते हैं, जिससे अस्थायी थकावट भी हो सकती है। इसलिए अपने आहार पर ध्यान दें।

डायलिसिस कितने समय तक किया जाना चाहिए?

डायलिसिस किडनी फेलियर वाले रोगियों के लिए एक दीर्घकालिक उपचार है, जो आमतौर पर जीवन भर जारी रहता है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं किडनी रोग में कितने सत्र की आवश्यकता है, इसका निर्णय डॉक्टर ही करते हैं। 

डायलिसिस से सबसे ज्यादा लाभ किसे होता है?

यह किडनी ट्रांसप्लांट किए जाने तक एक अस्थायी विकल्प है। डायलिसिस उन रोगियों को अपनी किडनी की बीमारी का प्रबंधन करने और जीवन की उचित गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करता है, जिनकी किडनी सही से कार्य नहीं कर पा रही है।