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कान दर्द का कारण और इलाज

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कान दर्द का कारण और इलाज

ENT- Otolaryngology | by Dr. Dhiraj Ranjan Sarkar | Published on 21/03/2023



कान दर्द, एक आम समस्या जिससे कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। इस दर्द की तीव्रता अलग-अलग होती है, लेकिन इससे परेशानी बहुत ज्यादा होती है। यह दर्द कान के अंदर किसी खराबी का संकेत देता है।

यह बच्चों और एडल्ट दोनों को प्रभावित करता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में कान दर्द की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में इलाज की आवश्यकता होती है। इसलिए, लक्षण बने रहने पर डॉक्टर से सलाह लें, उचित जांच के बाद इलाज लें। 

कान दर्द के लक्षण

कान का दर्द के पीछे का कारण संक्रमण या चोट हो सकता है। कान दर्द की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • सुनने में परेशानी होना
  • कान से पानी आना 
  • कान में भारीपन और दर्द 
  • बुखार और सोने में कठिनाई
  • कान में असहजता जिससे बार-बार कान खींचने की इच्छा होना
  • सिर दर्द और भूख में कमी आना 
  • बेचैनी के कारण चिड़चिड़ापन होना 
  • धीमी आवाज़ आना यानी कम सुनाई देना

कान दर्द का कारण

कान दर्द का संबंध कई स्वास्थ्य समस्या होता है जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात करेंगे। कान में दर्द के पीछे कई कारण होते हैं जैसे - 

  • मध्य कान का संक्रमण: यह कान में दर्द का सबसे आम कारण है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण व्यक्ति को परेशान करता है। 
  • यूस्टेशियन ट्यूब का ब्लॉकेज: यूस्टेशियन ट्यूब कान के मध्य और गले के बीच एक ट्यूब है। जब यह ट्यूब बंद हो जाती है, तो कान में तरल पदार्थ का जमाव शुरू हो जाता है, जिससे दर्द बढ़ जाता है। 
  • कान में चोट: कान में चोट लगने से कान में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। 
  • कान में किसी दूसरी वस्तु को डालना: यदि आप किसी भी कारणवश कान में कोई वस्तु डालते हैं, तो इससे आपके कान का पर्दा प्रभावित हो सकता है जिसके कारण कान दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। 

कान में दर्द के अन्य कारण भी हैं जैसे - 

  • साइनसाइटिस: इसमें साइनस में सूजन आ जाती है।
  • एनजाइना: यह एक संक्रामक रोग है, जो गले में दर्द का कारण बनता है।
  • एलर्जी: एलर्जी के कारण भी कान में सूजन और दर्द की समस्या होती है।
  • ऑटोमायकॉसिस: यह कान में फंगल संक्रमण है, जो व्यक्ति को लंबे समय तक परेशान कर सकता है।
  • इयर बैरोट्रॉमा: कान के अंदर के दबाव में अचानक बदलाव से भी कान में दर्द हो सकता है। 

डॉक्टर से कब मिलें?

कान का दर्द अक्सर 2 या 3 दिनों में अपने आप या कुछ घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है। अधिकतर मामलों में आपको केवल एक दर्द निवारक दवाओं की आवश्यकता होती है और गंभीर लक्षणों के प्रति सतर्क रहना होता है। अगर आपके लक्षण 24 से 48 घंटों में ठीक नहीं होते हैं और इन लक्षणों की तीव्रता बढ़ती रहती है तो आपको जल्द से जल्द ईएनटी विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है। 

कान दर्द के लिए चिकित्सा उपचार

अगर आपके कान में दर्द है, तो एंटीबायोटिक दवाएं और दर्द निवारक दवाएं खाने या इयर ड्रॉप्स का सुझाव दिया जाता है। वहीं कुछ मामलों में दोनों ही चीजों के संगम का प्रयोग होता है। एक बात का खास ख्याल रखें कि लक्षणों में सुधार होने पर दवा लेना बंद न करें और अपना दवाओं का कोर्स पूरा करें।

इसके अतिरिक्त कान के मैल को भी समय-समय पर निकालने का सुझाव दिया जाता है। कान के दर्द के इलाज के लिए टीएमजे, साइनस संक्रमण और कान के दर्द के अन्य कारणों के इलाज की आवश्यकता भी पड़ सकती है। हालांकि कुछ घरेलू उपायों से स्थिति में कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है जैसे - 

  • सरसों का तेल: कान के मैल को साफ करने के लिए सरसों तेल सबसे उपयोगी है। दोनों कानों में 3-4 बूंद तेल डालें और दोनों कानों में तेल डालने के बीच कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लें।
  • तुलसी की पत्ती: तुलसी कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसकी पत्तियों से रस निकाल कर दर्द हो रहे कान में डालें। इससे राहत ज़रूर मिलेगी।
  • नीम की पत्ती: नीम की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिससे कान के दर्द से राहत मिल सकती है। नीम की पत्ती से रस को निकालने के बाद उसमें से 2-3 बूंद दर्द कर रहे कान में डालने से दर्द कम हो जाता है।
  • लहसुन: लहसुन का प्रयोग भी कई आयुर्वेदिक दवाओं में होता आया है। लहसुन की दो कलियों को पीसने के बाद उन्हें दो चम्मच सरसों तेल में मिलाएं और फिर इसे तब तक पकाएं जब तक कि यह पककर काला ना हो जाए। पकने से लहसुन के गुण तेल में आ जाएंगे और इसे कान में डालने से राहत भी मिलेगी। 
  • ऑलिव ऑयल: यदि कान में तेज दर्द है, तो भी ऑलिव ऑयल को हल्का गर्म करें और इसमें से 3-4 बूंद तेल अपने प्रभावित कान में डालें। इससे आपको दर्द में तुरंत राहत मिल सकती है। 
  • सीधे सोएं: हालांकि यह अजीब है, लेकिन सीधे सोने से आपके कान में होने वाला दर्द कुछ समय के लिए बंद हो सकता है। इस दौरान आपके कान में जमा हुआ तरल पदार्थ निकलता है। यह आपके मध्य कान में दबाव और दर्द को भी कम कर सकता है।

बिना ईएनटी डॉक्टर से परामर्श किए किसी भी घरेलू उपचार का इस्तेमाल करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। ऐसा करने से आपकी समस्या और बढ़ सकती है। यह सभी उपाय एक सामान्य जानकारी है और इनमें से किसी भी उपाय के प्रयोग से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। उनके सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन भी न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

कान में भारीपन लगे तो क्या करें?

कान में भारीपन और दर्द होने पर सबसे पहला कार्य कान साफ करना है। लेकिन जब दर्द ज्यादा हो या कान की अन्य समस्या हो तो इयरबड्स जैसे किसी भी चीज को कान न डालें और ईएनटी डॉक्टर से परामर्श लें।

कान से कम सुनाई दे तो क्या करना चाहिए?

इस स्थिति को खराब होने से बचाने के लिए निम्न कदम उठाए:

  • शोर वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • तेज आवाज के आसपास इयरप्लग, प्रोटेक्टिव ईयर मफ या नॉइज़-कैंसलिंग हेडफोन का उपयोग करें।
  • ईयरबड्स या हेडफोन के माध्यम से सुनते समय वॉल्यूम कम रखें।
  • सुनने की क्षमता में कमी का संदेह होने पर डॉक्टर से हियरिंग चेकअप करवाएं।

अचानक कान में दर्द होना किसका संकेत है?

कई संभावित कारण हैं जैसे कि कान में संक्रमण, कान का मैल जमना, कान का पर्दा फटना, या अन्य गंभीर समस्या। 

गले और कान में दर्द क्यों होता है?

इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कान का संक्रमण (otitis media), गले का संक्रमण (tonsillitis), या एलर्जी। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

कान का दर्द कैसे ठीक करें?

इस प्रश्न का उत्तर दर्द के कारण पर निर्भर करता है। हालांकि कान दर्द के इलाज के लिए एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं। कुछ मामलों में इयर ड्रॉप की आवश्यकता पड़ सकती है।