कान में फंगल इन्फेक्शन को ऑटोमायकॉसिस कहा जाता है, जिसका प्रसार पूरे विश्व में देखा जाता है। रिपोर्ट में पाया गया है कि भारत के दक्षिणी राज्यों में यह रोग अधिक लोगों को प्रभावित करता है। ऑटोमायकॉसिस के कारण बाहरी कान और इयर कैनाल (कान की नहर) प्रभावित होते हैं। ऑटोमायकॉसिस की समस्या एक व्यक्ति को तब परेशान करती है, जब कान में फंगस नामक सूक्ष्मजीव (Microorganism) कान में बढ़ने लगते हैं। इस फंगस को फैलने के लिए गर्म और नम वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ कान में पानी का जमना और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां इस स्वास्थ्य स्थिति को जन्म दे सकती हैं।
चलिए इस ब्लॉग के माध्यम से हम कान में फंगल इन्फेक्शन कारण, लक्षण और उपचार के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।
कान में फंगल इन्फेक्शन के कारण कई स्वास्थ्य स्थितियां उत्पन्न होती हैं जैसे -
इन लक्षणों के दिखने पर हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत परामर्श लें और कान में संक्रमण की समस्या का समय रहते इलाज कराएं।
कान में फंगल इन्फेक्शन होने के कई कारण होते हैं, जिनमें से मुख्य को नीचे विस्तार से बताया गया है -
यह सारे कान में फंगल इन्फेक्शन के कुछ संभावित कारण है। यह कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है, इसलिए कान में किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत ईएनटी (ENT) विशेषज्ञ से मिलें।
आमतौर पर ऐंटिफंगल दवाओं की मदद से कान में फंगल इन्फेक्शन का इलाज हो सकता है। यह दवाएं कान में डालने वाली दवा, क्रीम या खाने वाली दवाएं के रूप में दी जाती है। यह दवाएं तब दी जाती हैं, जब व्यक्ति को दर्द नहीं हो रहा होता है। यदि पेशेंट को कान में दर्द का सामना करना पड़ता है तो इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं।
हालांकि किस दवा का प्रयोग होगा, इसका निर्णय पेशेंट के स्वास्थ्य के आधार पर लिया जाता है। इन सबके अतिरिक्त कुछ घरेलू उपाय होते हैं, जिनकी मदद से कान में फंगल इन्फेक्शन का इलाज सरलता से हो सकता है जैसे -
यह कुछ उपाय हैं, लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इन उपायों का पालन न करें। हालांकि कुछ और उपाय है जिनका पालन आप सभी कर सकते हैं जैसे -
कान में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए आप निम्न निर्देशों का पालन कर सकते हैं जैसे -
इन सबके अतिरिक्त पेशेंट को अपने शरीर के कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की सलाह दी जाती है। संतुलित आहार, पर्याप्त नहीं और तनाव आपकी इसमें मदद कर सकते हैं।
माना कि कान में फंगल इन्फेक्शन एक आम समस्या है, लेकिन इस स्थिति का समय पर इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। इस ब्लॉग की मदद से आपको कई चीजों को समझने में मदद मिली होगी। यदि आपको भी फंगल संक्रमण और कान से संबंधित अन्य समस्या के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत कोलकाता में ओटोलरींगोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
कान में फंगल इन्फेक्शन होने से कान में समस्या से संबंधित कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे - खुजली, कान में दर्द, सूजन, कान लाल होना इत्यादि। कुछ मामलों में कान की सुनने की क्षमता कम होने लगती है।
इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कान में फंगल इन्फेक्शन का मुख्य कारण खराब स्वच्छता, नमी और गर्म जलवायु है।
कान में इन्फेक्शन के लिए कई दवाओं का सुझाव दिया जाता है जैसे ओवर-द-काउंटर एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल, अन्य) या इबुप्रोफेन (एडविल, आईबी, अन्य)। दवा के लिए परामर्श ज़रूर लें और प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही दवा खाएं।
कान के फंगल इन्फेक्शन को ठीक होने में 4 घंटे से लेकर कुछ दिन लग सकते हैं। एंटीबायोटिक खाने से आराम तो जल्दी मिल जाता है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
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