कोलोरेक्टल कैंसर को कोलन कैंसर, आंत्र कैंसर या रेक्टल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से बड़ी आंत में कोलन को प्रभावित करता है। इस स्थिति की शुरुआत में कैंसर की पुष्टि नहीं होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह गांठ पॉलीप्स का रूप ले लेती है, जो कोलन कैंसर में विकसित हो जाती है।
सबसे पहले यह समझ लें कि कोलोरेक्टल कैंसर एक सामान्य प्रकार का कैंसर है, जिसका इलाज तभी संभव है जब इसका समय पर निदान हो जाए। कोलोरेक्टल कैंसर को कोलन कैंसर, आंत्र कैंसर या रेक्टल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से बड़ी आंत में कोलन को प्रभावित करता है। इस स्थिति की शुरुआत में कैंसर की पुष्टि नहीं होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह गांठ पॉलीप्स का रूप ले लेती है, जो कोलन कैंसर में विकसित हो जाती है।
अगर शुरुआत में ही इसका निदान हो जाए, तो कैंसर की समस्या विकसित नहीं होती है और इसका इलाज भी संभव है। इसलिए, यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे रोकने के लिए नियमित जांच और सही समय पर नवीनतम उपचार की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आपको अनुभवी गेस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है।
कोलोरेक्टल कैंसर दो अंगों के कैंसर का समूह है। जब कैंसर आंत (Colon) और मलाशय (rectal) को एक साथ प्रभावित करता है, तो उसे कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर मलाशय से शुरू होता है और बड़ी आंत कर फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोलोरेक्टल कैंसर फेफड़ों के कैंसर के बाद दुनिया भर होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है।
अधिकतर मामलों में कोलोरेक्टल कैंसर के होने का कारण एडिनोमेटस पॉलिप्स (adenomatous polyps) है जो कि छोटे और कैंसर युक्त गांठ होती हैं। समय के साथ इनमें से कुछ पॉलिप्स कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन जाते हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआती चरणों में इसके कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। यही कारण है कि नियमित स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है।
कोलोरेक्टल कैंसर की स्थिति में रोगी को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
इन लक्षणों के दिखाने के बाद तुरंत एक अच्छे ऐनल रोग विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है। वह स्थिति का आकलन कर तुरंत सर्वश्रेष्ठ इलाज प्रदान करने में माहिर होते हैं।
वर्तमान में अभी भी रिसर्च चल रही है कि कोलोरेक्टल कैंसर किस समस्या के कारण एक व्यक्ति को परेशान करता है। हालांकि कुछ जोखिम कारक है, जिसके बारे में विशेषज्ञ पुष्टि करते हैं कि उनकी वजह से स्थिति विकराल रूप ले सकती है जैसे कि -
कोलोरेक्टल कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएं शामिल है। जिनके बारे में हम आपको बताएंगे। सर्जरी कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार का सबसे आम तरीका है और वर्तमान समय में कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार के लिए बहुत सारी आधुनिक तकनीक का प्रयोग होने लगा है।
पिछले कुछ वर्षों में कोलोरेक्टल कैंसर की सर्जरी में कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इन प्रगतियां ने सर्जरी को कम आक्रामक, अधिक सटीक और अधिक प्रभावी बना दिया है। चलिए कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार में उपयोग होने वाली सभी आधुनिक सर्जरी के बारे में जानते हैं -
इन दोनों सर्जरी के अतिरिक्त अन्य इलाज के विकल्प भी मौजूद हैं, जैसे -
कोलोरेक्टल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन नवीनतम तकनीकों के साथ, इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। इलाज से किसी भी रोगी को निम्न लाभ हो सकते हैं -
यदि आपको भी कोलोरेक्टल कैंसर के कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। आप हमारे विशेषज्ञों से भी परामर्श कर सकते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो बड़ी आंत (कोलन) या मलाशय (रेक्टम) में शुरू होता है। यह तब होता है जब आंत की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर बनाती हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर होने के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, आनुवंशिक कारक, उम्र, आहार, धूम्रपान और कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
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