हमारे शरीर में खून दिल तक पहुँचता है और इस पुरे कार्य में ऑक्सीजन और एनर्जी का पहुंचना दिल पर होता है। हमारा खून धमनियों के दीवार पे ज़ोर डालते हुए आगे बढ़ता है जिसे ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
ब्लड प्रेशर आज के समय में एक ऐसा शब्द बन चुका है, जिसे आमतौर पर लोग जानते हैं या इससे कुछ-कुछ परिचित हैं। इतना ही नहीं, अगर ब्लड प्रेशर हाई हो तो दिल पर अतिरिक्त पड़ता है और दिल का दौरा भी पड़ सकता है इसलिए इसको सामान्य बनाए रखना बहुत जरूरी है। वहीं, जिस तरह से यह आम हो रहा है, तो ऐसे में इसके बारे में जानना और भी जरूरी होता जा रहा है।
एक सच यह भी है, कि आज हमारे पास भरपूर जानकारी है, जिसका इस्तेमाल कर के हम अपनी सेहत को बेहतर रख सकते हैं और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं को सिर्फ काबू ही नहीं हमेशा के लिए खत्म भी किया जा सकता है। इसमें हमारे अनुभवी डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको जयपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। इसे कंट्रोल करने के बहुत से उपाय हम पढ़ते-सुनते रहते हैं, लेकिन यह ज्यादा जरूरी है कि हम इसके बारे में सही ढंग से समझें और तभी इसका इलाज शुरू करें। ब्लड प्रेशर के दो प्रकार होते हैं। एक है लो ब्लड प्रेशर और दूसरा है हाई ब्लड प्रेशर।
उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य बीमारी है, जिसमें आपकी धमनियों में रक्त का दबाव समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ कर इतना अधिक हो जाता है, कि अंततः इसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं जैसे कि हृदय रोग। इसके साथ ही, अतिरिक्त लो ब्लड प्रेशर भी शरीर के लिए हानिकारक होता है और सामान्य तौर पर 120/80 तक ब्लड प्रेशर नार्मल माना जाता है।
हाइपरटेंशन और उच्च रक्तचाप के ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिनमें यह एक जानलेवा बीमारी साबित हुई है। ऐसे में, इसे कंट्रोल में रखने के साथ ही गंभीरता से लेना भी ज़रूरी है। यह हैं ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के तरीके -
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप ऊपर बताए गए पांच तरीकों का घर में इस्तेमाल कर सकते हैं। इन सभी उपायों के अंदर आयुर्वेद से जुड़े बहुत फायदेमंद बातें छिपी हैं।
लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप एक स्वाभाविक शारीरिक स्थिति है, जिसमें रक्त का प्रवाह बहुत ज्यादा कम हो जाता है। सामान्यतः 90/60 mmHg या इससे कम ब्लड प्रेशर लो ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है। निम्न रक्तचाप के कारण व्यक्ति को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे चक्कर आना, थकावट, भूख न लगना, और मतली। कुछ उपाय करने से लो ब्लड प्रेशर की स्थिति को त्वरित नियंत्रित किया जा सकता है जैसे -
आज ब्लड प्रेशर एक आम समस्या बन चुकी हाई और इसकी चर्चा भी आम हो चुकी है। यही वजह है, कि सुरक्षा कारणों से लोग अपने घरों में भी बीपी चेक करने की मशीन रखने लगे हैं, जिससे वह किसी भी खतरे को कम या टाल सके। हालांकि, बीपी नापते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है, जैसे कि सही समय, हाथ की सही पोजीशन क्योंकि ऐसा न होने पर गलत रिजल्ट आ सकता है।
इतना ही नहीं, अगर आप सही रीडिंग लेते हैं, तो इसे डॉक्टर के साथ साझा कर परामर्श हैं। आइए जानते हैं कि सही रीडिंग कैसे लेते हैं –
वर्तमान में हर काम की गति कई गुणा बढ़ गई है और व्यक्ति हर काम को करने के लिए परेशान रहता है। ऐसे में, इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम काई बार अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं और किसी बड़ी बीमारी को खुद न्योता दे देते हैं या उसके शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, ऐसे मामलों में बिना देर किए डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
हालांकि ब्लड प्रेशर के संबंध में कुछ मिथक और उनके तथ्य हैं, जिनके बारे में आपको ज़रूर पता होना चाहिए जैसे -
मिथक |
तथ्य |
हाई ब्लड प्रेशर केवल बुजुर्ग लोगों को होता है। |
यह सच नहीं है। किसी भी उम्र के लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। |
उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं है। |
यह सच नहीं है। जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के साथ उच्च रक्तचाप को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली की सहायता से इसे हमेशा के लिए रोका भी जा सकता है। |
कॉफी पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। |
यह सच नहीं है। अध्ययनों से पता चला है कि कॉफी का रक्तचाप पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन लो ब्लड प्रेशर के मामले में यह उपयोगी साबित होता है। |
तनाव का रक्तचाप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। |
यह एक मिथक है, क्योंकि तनाव के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जो अंततः हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है। |
अधिक नमक खाने से रक्तचाप बढ़ता है। |
यह सच है क्योंकि सोडियम के अधिक मात्रा में सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। |
व्यायाम करने से रक्तचाप बढ़ता है। |
यह सच नहीं है। व्यायाम वास्तव में रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। डॉक्टर नियमित व्यायाम की सलाह देते हैं। |
हर्बल सप्लीमेंट रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी हैं। |
बिना डॉक्टर के परामर्श के ब्लड प्रेशर के लिए किसी भी प्रकार की दवा का सेवन न करें। इससे आपको बहुत नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। |
बेढंग जीवनशैली और गंदे खान-पान से ही ब्लड प्रेशर ज्यादातर बढ़ जाता है पर कई बार अतिरिक्त तनाव भी इसका कारण बन जाता है।
केले का सेवन मरीज़ों के लिए कई फायदेमंद होता है क्यूंकि इसमें काफी मात्रा में पोटैशियम होता है जिससे सोडियम लेवल पर प्रभाव पड़ता है और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
केला, सेब, बेरीज, आम, तरबूज़, कीवी अदि फल खाना चाहिए ।
इन दोनों ही रोग में कोई संबंध नहीं है। यह दोनों ही रोग अलग-अलग हैं और इसके लक्षण भी अलग होते हैं। बस इलाज की योजना के संबंध में कुछ समानताएं हैं जैसे दोनों ही स्थिति में लक्षणों का इलाज किया जाता है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और दवाएं दोनों की आवश्यक है। निम्न तरीकों से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है -
सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg या उससे कम होना चाहिए। इससे बहुत ज्यादा कम या बहुत ज्यादा अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लो और हाई ब्लड प्रेशर दोनों ही स्थिति एक व्यक्ति को परेशान करती है। कुछ निर्देशों का पालन कर आप अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल कर सकते हैं जैसे -
ब्लड प्रेशर का नियंत्रण बहुत ज्यादा आवश्यक है। शुरुआत में इलाज की योजना बनाने से आपको लाभ मिलेगा।
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