मेनोपॉज के लक्षण और उसके बाद की देखभाल

मेनोपॉज के लक्षण और उसके बाद की देखभाल

Obstetrics and Gynaecology |by Dr. Namrata Gupta| Published on 01/10/2024

कई सारी चीजें हैं, जो आपके कंट्रोल में नहीं है। वैसे ही एक स्थिति है मेनोपॉज (Menopause), जो महिलाओं के जीवन में एक प्राकृतिक चरण है। आमतौर पर यह चरण 45-55 की उम्र में देखने को मिलता है और यह महिलाओं के फर्टिलिटी के समय (Fertility Cycle) के अंत को दर्शाता है। 

इसके कारण महिलाओं के शरीर में बहुत बदलाव आते हैं, जिनको समझना और उनका समाधान करना बहुत ज्यादा आवश्यक हो जाता है। मेनोपॉज के बाद की देखभाल समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत महत्व रखता है। इस ब्लॉग में हम मेनोपॉज के बाद की देखभाल और मेनोपॉज के लक्षणों और उपचारों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए आवश्यक सुझावों के बारे में जानेंगे। मेनोपॉज में बहुत आवश्यक है कि आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों को जानें।

मेनोपॉज क्या है? 

मेनोपॉज को हम पीरियड साइकिल और फर्टिलिटी के स्थायी अंत के रूप में जानते हैं। मेनोपॉज की सही उम्र का पता लगाना थोड़ा मुश्किल कार्य है, लेकिन 45 से 55 वर्ष की उम्र की महिलाएं अक्सर इस स्थिति का सामना करती हैं। 

मेनोपॉज शुरू होने से पहले महिलाओं को कुछ समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जिसे हम प्री-मेनोपॉज लक्षण के रूप में जानते हैं। यह दर्शाता है कि आपके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन शुरू हो गए हैं, और इसके कारण शरीर के साथ जीवन में भी बदलाव होने लगते हैं। 

मेनोपॉज के लक्षण

मेनोपॉज की स्थिति में महिलाओं को कुछ सामान्य लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि - 

  • रात को पसीना आना या हॉट फ़्लैश
  • मूड में उतार-चढ़ाव
  • थकान का अनुभव होना
  • योनि में सूखापन
  • सोने में कठिनाई

यह सारे लक्षण महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशान कर सकते हैं, लेकिन इस स्थिति में कभी भी खुद डॉक्टर न बनें। प्रयास करें कि किसी अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें और उनसे परामर्श लें क्योंकि यह सारे लक्षण कुछ महीनों से लेकर कई सालों तक बने रह सकते हैं, जो बहुत परेशान कर सकते हैं। अक्सर मेनोपॉज के लक्षण 4-5 साल बने रहते हैं, हालांकि कुछ महिलाओं को यह लंबे समय तक भी महसूस हो सकते हैं।

मेनोपॉज के बाद क्या उम्मीद करें?

मेनोपॉज का समय पूरा होने के बाद (लगातार 12 महीने तक पीरियड न आना) महिलाएं एक नई स्थिति में प्रवेश करती है। हालांकि मेनोपॉज के कुछ लक्षण कम हो सकते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को यह सारे लक्षण लंबे समय तक महसूस हो सकते हैं। 

मेनोपॉज के साथ-साथ कुछ समस्याएं होती हैं, जिनका सामना महिलाएं कर सकती हैं जैसे कि - 

  • ऑस्टियोपोरोसिस
  • हृदय रोग 
  • मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई)

यह सारी गंभीर समस्याएं हैं, जिसका जोखिम लगातार बना रहता है। इस दौरान आराम करें और मेनोपॉज के बाद की देखभाल पर अधिक ध्यान दें।

मेनोपॉज के बाद अपने शरीर की देखभाल कैसे करें?

मेनोपॉज के बाद की देखभाल के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। चलिए उनमें से 5 ज़रूरी सुझावों के बारे में जानते हैं जो आपकी सबसे ज्यादा मदद कर सकते हैं - 

  • संतुलित आहार: मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आती है, जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी के साथ कैल्शियम युक्त आहार बहुत ज्यादा आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, होल ग्रेन्स, फल, और सब्जियां जैसे हृदय-स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से आपके हृदय संबंधी समस्याएं कम होंगी।
  • नियमित व्यायाम: प्रयास करें कि आप ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहें। इस दौरान अतिरिक्त वजन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वॉकिंग, योग और वेट ट्रेनिंग इस दौरान आपके शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। व्यायाम के साथ अपने मन को भी खुश रखें और ऐसे कार्य करें जिससे आपका शरीर और दिमाग संतुलित रहे और आप खुश रहें।
  • हाइड्रेटेड रहें: मेनोपॉज के दौरान डिहाइड्रेशन का होना एक आम बात है। इस दौरान प्रयास करें कि हर्बल टी का सेवन करें और पानी के सेवन को बढ़ाएं। 
  • सप्लीमेंट्स और मेनोपॉज टैबलेट्स: यदि आहार और जीवनशैली में बदलाव से आराम न मिलें, तो हम भी अपने पेशेंट को सप्लीमेंट्स और मेनोपॉज टैबलेट्स का सुझाव देते हैं। इसमें कैल्शियम, विटामिन डी और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) शामिल है, जिससे हॉट फ्लैश, हड्डियों की समस्या और मूड में बदलाव में मदद मिलती है।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित चिकित्सा जांच मेनोपॉज के बाद बहुत महत्वपूर्ण है। हड्डियों के घनत्व, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय स्वास्थ्य के लिए नियमित जांच किसी भी संभावित समस्या से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप लगातार लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं या नई समस्याएं विकसित विकसित होती हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें। 

योनि में सूखापन या बिना कारण रक्त हानि जोखिम को दर्शाते हैं, इसलिए इस स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। 

मेनोपॉज के लिए चिकित्सा सहायता कब लेनी चाहिए?

हालांकि मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन अगर लक्षण अधिक गंभीर होते हैं, जैसे लंबे समय तक रक्त हानि या बार-बार मूड स्विंग होना, तो चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। सामान्य तौर पर डॉक्टर सभी लक्षणों के बारे में पूछते हैं और अध्ययन करने के बाद मेनोपॉज की दवा या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) का सुझाव देते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

मेनोपॉज के लक्षण कितने समय तक बने रहते हैं? 

लक्षण आमतौर पर 4-5 साल तक रहते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं में, यह लंबे समय तक भी बने रह सकते हैं।

प्री-मेनोपॉज के लक्षण क्या है? 

प्री-मेनोपॉज के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, हॉट फ्लैश, रात में पसीना आना और मूड स्विंग शामिल है।

मेनोपॉज में कौन से घरेलू उपचार मदद करते हैं? 

घरेलू उपचारों में हाइड्रेटेड रहना, योग का अभ्यास करना, संतुलित आहार का सेवन और मूड स्विंग्स से बचाव के लिए खुद को ऐसे कार्यों में लिप्त करें, जो आपको अच्छा लगता है।

मेनोपॉज के बाद क्या बदलाव होते हैं? 

मेनोपॉज के बाद, हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और यूटीआई जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इस दौरान हड्डियों का घनत्व भी कम हो जाता है, और कुछ महिलाओं को हॉट फ्लैश और मूड स्विंग जैसे हल्के लक्षण भी अनुभव हो सकते हैं।

मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?

मेनोपॉज की सही उम्र आमतौर पर 45 से 55 वर्ष के बीच होती है। मेनोपॉज तब होता है जब महिला के मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं और वह प्रजनन क्षमता खो देती है।

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