पीरियड्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के बच्चेदानी (यूट्रस) के अंदर से रक्त और ऊतक, यौनी के द्वारा शरीर से बाहर आते हैं। मुख्य रूप से यह प्रक्रिया एक महीने में एक बार होती है।
पीरियड्स को हिंदी भाषा में मासिक धर्म या माहवारी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें हर माह महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव आते हैं। पीरियड्स की शुरुआत का अर्थ है महिला का शरीर गर्भधारण करने के लिए तैयार है। इस चरण को गर्भधारण करने के संबंध में पहला चरण माना जाता है।
आपके भी मन में कुछ प्रश्न खड़े हो रहे होंगे कि पीरियड्स क्या है? यह क्यों होते हैं? इर्रेगुलर पीरियड्स क्या है? चलिए इस ब्लॉग के माध्यम से इन प्रश्ननों के उत्तर जानते हैं। लेकिन पीरियड्स के संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और इलाज की योजना पर विचार करें।
पीरियड्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के बच्चेदानी (यूट्रस) के अंदर से रक्त और ऊतक, यौनी के द्वारा शरीर से बाहर आते हैं। मुख्य रूप से यह प्रक्रिया एक महीने में एक बार होती है। आसान भाषा में कहा जाए तो पीरियड्स में हमारे शरीर से अस्वस्थ रक्त और ऊतक शरीर से बाहर निकलते हैं, जिससे महिला का शरीर गर्भधारण करने के लिए तैयार हो जाता है।
पीरियड्स तब शुरू होते हैं, जब लड़कियां प्यूबर्टी में होती है। इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. जिसके कारण उनकी प्रजनन क्षमता विकसित होती है। आमतौर पर पीरियड्स की स्थिति 11 से 17 साल की उम्र की लड़कियों में शुरू हो जाती है, जिसके बाद हर माह में 3 से 7 दिनों तक पीरियड्स आते हैं।
पीरियड साइकिल या मेंस्ट्रुअल साइकिल पीरियड्स का वह समय होता है, जो पीरियड के पहले दिन से अगले पीरियड के पहले दिन के बीच का समय होता है। चलिए इस स्थिति को उदाहरण की सहायता से समझते हैं। मान लेते हैं कि आपके पीरियड्स 16 जनवरी को शुरू हुए थे। तो आपके पीरियड साइकिल का समय 16 जनवरी से 14 फरवरी तक होगा। पीरियड साइकिल के पूरे चक्र को चार भाग में बांटा जाता है -
कई बार ऐसा होता है कि महिलाओं को पीरियड आने से पिछले हफ्ते में पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का अनुभव होता है। इसमें महिलाएं कुछ चीजों का अनुभव करती हैं जैसे - व्यवहार में बदलाव, मुहांसे, एंग्जायटी, गैस बनना या पेट फूलना, चिड़चिड़ापन या बात-बात पर गुस्सा आना।
यह सारे लक्षण पीरियड्स के शुरुआती लक्षण भी होते हैं। इसके साथ महिलाएं पेट और पीठ के निचले भाग में दर्द भी होता है। पीरियड्स में दर्द होना एक आम स्थिति है, लेकिन कुछ मामलों में दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जो असहनीय हो जाता है।
क्या इस महीने पीरियड्स नहीं आए हैं? घबराने की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी पीरियड मिस होना एक सामान्य बात है। यदि आप पीरियड्स कम आने के कारण या मिस होने के कारण चिंतित हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें और बिना सोचे समझे पीरियड्स मिस होने के उपाय न करें। हालांकि कुछ कारण है, जिसकी वजह से पीरियड मिस होते हैं जैसे -
कई बार ऐसा होता है कि पीरियड सिर्फ एक बार मिस होता है। लेकिन यदि 3-6 महीने से पीरियड नहीं आ रहे हैं, तो यह एक गंभीर स्थिति है। इसके लिए तुरंत एक अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि कई कारणों से पीरियड्स नहीं आते हैं। इस दौरान महिलाएं पीरियड्स रोकने के उपाय खोजती हैं। यहां एक बात को समझने की आवश्यकता है कि मेनोपॉज शुरू होने के बाद पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। इस स्थिति में कोई भी उपाय कार्य नहीं करते हैं। इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
यदि आपकी उम्र 20 ये 45 के बीच है और पीरियड्स आने बंद हो गए हैं, तो आपको चिंतित होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि लड़की को पीरियड्स नहीं आते हैं या फिर एक-दो बार पीरियड आकर बंद हो जाते हैं तो उस स्थिति को चिकित्सा भाषा में एमेनोरिया कहा जाता है। व्यस्क महिलाओं में नियमित रूप से पीरियड न आना कुछ गंभीर स्वास्थ्य स्थिति की तरफ इशारा करता है। इससे बचने के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से परामर्श करें और त्वरित इलाज प्राप्त करें। डॉक्टर स्थिति का निदान करते हैं और पीरियड्स न आने के कारण का पता लगाते हैं और उसी के आधार पर इलाज की योजना तैयार की जाती है। एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ इस स्थिति में आपकी मदद कर सकती है।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द एक सामान्य स्थिति है। यदि दर्द ज्यादा हो तो महिलाएं निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकती हैं -
पीरियड्स में दर्द के उपाय के साथ-साथ पीरियड्स रेगुलर करने के उपाय करने से बहुत लाभ मिलेगा। निम्नलिखित निर्देशों का पालन करके पीरियड्स की स्थिति को रेगुलर किया जा सकता है -
पीरियड्स एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका होना बहुत ज्यादा अनिवार्य है। इसके कारण एक महिला को मां बनने का सौभाग्य प्राप्त हो पाता है। यदि आप गर्भधारण करने, पीरियड्स साइकिल में समस्या, या अन्य पीरियड्स से संबंधित स्थिति का अनुभव कर रही हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे श्रेष्ठ एवं अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। वह आपकी मदद कर सकते हैं।
हालांकि कभी-कभी महिलाएं पीरियड्स रोकने के घरेलू उपाय की तलाश में रहती है, लेकिन यह प्रकृति से छेड़छाड़ होगी, जिससे बहुत गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से पीरियड्स समय पर आते हैं -
पीसीओडी एक सिंड्रोम है, जिसमें महिलाओं में एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) की मात्रा बढ़ जाती है। निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर पीसीओडी/पीसीओएस की स्थिति में पीरियड लाए जा सकते हैं -
हां, पीरियड्स में योग या एक्सरसाइज करना फायदेमंद साबित होता है। योग और एक्सरसाइज से दर्द कम तो होता है, लेकिन इसके साथ साथ मूड भी बेहतर होता है, और ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है। हालांकि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान उन व्यायाम को करने से बचना चाहिए जिसमें ज्यादा जोर लगे।
यदि आपका पीरियड्स 7 दिन से अधिक लेट है और आपने हाल-फिलहाल में बिना निरोध के शारीरिक संबंध स्थापित किया है, तो सबसे पहले आपको गर्भावस्था की जांच करानी चाहिए। यदि आप गर्भवती नहीं हैं, तो आप डॉक्टर से संपर्क करें औऱ अपनी स्थिति के बारे में उन्हें सूचित करें। डॉक्टर हार्मोनल असंतुलन, थायराइड की समस्या, या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की जांच डॉक्टर करा सकते हैं।
यदि आपको पीरियड 3 महीने से अधिक समय से नहीं आए हैं, तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। सबसे पहले वह हार्मोनल असंतुलन, थायराइड की समस्या, या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कि पीसीओडी का निदान और इलाज का सुझाव देते हैं।
पीरियड्स लाने के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। कुछ दवाएं हार्मोनल दवाएं होती हैं, जबकि अन्य गैर-हार्मोनल दवाएं होती हैं। डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर सबसे उपयुक्त दवा का चयन करेंगे।
Written and Verified by:
Dr. Namrata Gupta is a Senior Consultant of Obstetrician & Gynaecologist Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 17 years of experience. She specializes in high-risk obstetrics, painless delivery, advanced laparoscopic surgeries, and infertility treatments.
Similar Obstetrics and Gynaecology Blogs
Book Your Appointment TODAY
© 2024 RBH Jaipur. All Rights Reserved.