
पैप स्मीयर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (Cervical cancer) को समय रहते पहचानने का एक प्रभावी तरीका है। यह टेस्ट सही ढंग से और समय पर कराने से महिलाओं को जानलेवा बीमारी से बचाव हो सकता है।
पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी और जीवन रक्षक जांच है। यह टेस्ट गुप्त रूप से हो रहे ग़लत सेल बदलावों का पता लगाकर गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर या सर्वाइकल कैंसर से बचाव में मदद करता है।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सही समय पर सही जांच से इस स्थिति से बचने में मदद मिल सकती है। सही समय पर पैप स्मीयर टेस्ट कराना न केवल जानलेवा बीमारी से बचाव करता है, बल्कि आपके परिवार और भविष्य को सुरक्षित भी बनाता है। अगर अभी तक पैप स्मीयर टेस्ट नहीं कराया है या इसकी जानकारी पूरी नहीं है, तो यह ब्लॉग आपकी हर शंका का जवाब देगा और आपको सही दिशा दिखाएगा। लेकिन यदि आपको भी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के संकेत दिखते हैं, तो बिना देर किए हमारे गायनेकोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।
पैप स्मीयर टेस्ट, जिसे पैप टेस्ट भी कहा जाता है, गर्भाशय ग्रीवा के उन सेल्स को जांचने की प्रक्रिया है, जो कैंसर या कैंसर बनने की संभावना रखते हैं। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी गर्भाशय ग्रीवा से सेल्स का सैंपल लेते हैं, जिन्हें लैब में माइक्रोस्कोप के तहत जांचा जाता है। इस टेस्ट का नाम डॉ. जॉर्ज पैपेनिकोलाउ के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसे विकसित किया था। यह टेस्ट महिलाओं में cervical cancer के शुरुआत का संकेत दे सकता है।
यह टेस्ट मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के पूर्व लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इससे पहले कि असामान्य सेल कैंसर में बदलें, इन्हें पहचान कर उपचार संभव है। इसके अलावा, यह सूजन, संक्रमण जैसे इंफेक्शन का भी पता लगाने में मदद करता है। उच्च जोखिम वाले HPV (Human Papillomavirus) के लिए भी कई बार यह टेस्ट HPV टेस्ट के साथ किया जाता है, जिसे को-टेस्ट भी कहा जाता है। इससे महिला स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं।
इस टेस्ट को कब कराना चाहिए, इस प्रश्न के ऊपर सभी की एक सहमति नहीं होती है। हालांकि हर महिला के जीवन में इस टेस्ट का महत्व अलग है। चलिए समझते हैं कि कब-कब महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए -
पैप स्मीयर टेस्ट से पहले कुछ बातों का ध्यान देना बहुत ज़रूरी है जैसे कि -
आमतौर पर पैप स्मीयर टेस्ट क्लिनिक या अस्पताल में किया जाता है। यह कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है, जिसके लिए आपको किसी खास तैयारी की आवश्यकता हो। इस प्रक्रिया में प्रमुखत: निम्नलिखित चरणों में किया जाता है -
पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट में आने वाले नतीजे मुख्य रूप से कुछ श्रेणियों में आते हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
इस परीक्षण में कुछ संक्रमण या सूजन के संकेत भी मिल सकते हैं। डॉक्टर इन रिपोर्ट्स के आधार पर आवश्यक आगे की जांच या उपचार की योजना बनाते हैं।
टेस्ट रिपोर्ट में पाए गए विभिन्न शब्द और नंबर आपको भ्रमित कर सकते हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर से रिपोर्ट का सही मतलब जानना चाहिए। ‘Normal’, ‘Negative for intraepithelial lesion or malignancy (NILM)’ का मतलब है टेस्ट ठीक है। ‘ASCUS’ या ‘LSIL/HSIL’ जैसी शब्दावली एबनॉर्मल सेल्स को दर्शाती है और डॉक्टर द्वारा आगे की प्रक्रिया बताए जाने की जरुरत होती है। लेकिन इसके साथ-साथ अन्य टेस्ट भी कराए जाते हैं और उनके रिपोर्ट को इस टेस्ट के रिपोर्ट के साथ कंबाइन करके देखा जाता है और फिर ही आगे के चरण पर बात की जाती है।
सामान्यतः पैप स्मीयर टेस्ट की रिपोर्ट आने में 1 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है। यह लैब व प्रक्रिया के अनुसार थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है। यदि आप शहरी इलाके में रहते हैं, तो रिपोर्ट को आने में 24 घंटे से 1 सप्ताह का समय लगता है वहीं गांव जैसे इलाके में इस टेस्ट के परिणाम 3 सप्ताह तक आते हैं।
पैप स्मीयर टेस्ट समय पर कराए जाने पर गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और उसके पूर्व लक्षणों की शीघ्र पहचान कर जीवन की रक्षा की जा सकती है। सरल और त्वरित यह परीक्षण असामान्य सेल परिवर्तन, संक्रमण और HPV के जोखिम का पता लगाता है। निर्धारित अंतराल पर स्क्रीनिंग और रिपोर्ट की सही व्याख्या से इलाज शुरू किया जा सकता है और अनावश्यक जटिलताओं से बचाव सुनिश्चित हो सकता है। महिलाओं को निर्देशित तैयारी और नियमित परीक्षण अपनाने चाहिए और संदेह होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
21 वर्ष की उम्र के बाद हर तीन साल में टेस्ट कराना शुरू करें।
यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह दर्दनाक नहीं होता है, इसलिए यदि आप भी इस टेस्ट को कराने की योजना बना रहे हैं, तो बिना देर किए इस टेस्ट को कराएं।
रिपोर्ट आमतौर पर 1 से 3 सप्ताह के भीतर आती है इसलिए थोड़ा इंतजार करें।
पीरियड्स के दौरान टेस्ट करना उचित नहीं क्योंकि पीरियड्स में निकलने वाले रक्त से सैंपल प्रभावित हो सकता है।
मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, प्रीकैंसर सेल बदलाव, और कुछ संक्रमण जैसे योनि संक्रमण का पता चलता है।
भारत में पैप स्मीयर टेस्ट की कीमत क्लिनिक, शहर और सुविधाओं के अनुसार ₹300 से ₹2500 तक हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में यह टेस्ट कम या मुफ्त भी मिल सकता है, लेकिन इस टेस्ट की सही कीमत आपको हमारे विशेषज्ञों से मिलकर ही पता चल पाएगी।
Written and Verified by:

Dr. Tripti Dadhich is the Additional Director of Obstetrics & Gynaecology Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 25 years of experience. She specializes in high-risk pregnancies, infertility treatments, and advanced gynecological surgeries.
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