पैप स्मीयर टेस्ट: उद्देश्य, प्रक्रिया, नतीजे और सामान्य रेंज समझें
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पैप स्मीयर टेस्ट: उद्देश्य, प्रक्रिया, नतीजे और सामान्य रेंज समझें

Table of Contents
  1. पैप स्मीयर टेस्ट क्या है?
  2. पैप स्मीयर टेस्ट क्यों किया जाता है?
  3. पैप स्मीयर टेस्ट कब करना चाहिए
  4. पैप स्मीयर टेस्ट की तैयारी
  5. पैप स्मीयर टेस्ट की प्रक्रिया - Procedure for pap smear test
  6. पैप स्मीयर टेस्ट की सामान्य रेंज
  7. पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट कैसे देखें
  8. पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट टाइम
  9. निष्कर्ष
  10. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. पैप स्मीयर टेस्ट किस उम्र में कराना चाहिए?
    2. क्या पैप स्मीयर टेस्ट दर्दनाक होता है?
    3. पैप स्मीयर टेस्ट की रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?
    4. क्या पीरियड्स के दौरान पैप स्मीयर टेस्ट कराया जा सकता है?
    5. पैप स्मीयर टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?
    6. पैप स्मीयर टेस्ट में कितना खर्च आता है?

Summary

पैप स्मीयर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (Cervical cancer) को समय रहते पहचानने का एक प्रभावी तरीका है। यह टेस्ट सही ढंग से और समय पर कराने से महिलाओं को जानलेवा बीमारी से बचाव हो सकता है।

पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी और जीवन रक्षक जांच है। यह टेस्ट गुप्त रूप से हो रहे ग़लत सेल बदलावों का पता लगाकर गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर या सर्वाइकल कैंसर से बचाव में मदद करता है। 

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सही समय पर सही जांच से इस स्थिति से बचने में मदद मिल सकती है। सही समय पर पैप स्मीयर टेस्ट कराना न केवल जानलेवा बीमारी से बचाव करता है, बल्कि आपके परिवार और भविष्य को सुरक्षित भी बनाता है। अगर अभी तक पैप स्मीयर टेस्ट नहीं कराया है या इसकी जानकारी पूरी नहीं है, तो यह ब्लॉग आपकी हर शंका का जवाब देगा और आपको सही दिशा दिखाएगा। लेकिन यदि आपको भी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के संकेत दिखते हैं, तो बिना देर किए हमारे गायनेकोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।

पैप स्मीयर टेस्ट क्या है?

पैप स्मीयर टेस्ट, जिसे पैप टेस्ट भी कहा जाता है, गर्भाशय ग्रीवा के उन सेल्स को जांचने की प्रक्रिया है, जो कैंसर या कैंसर बनने की संभावना रखते हैं। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी गर्भाशय ग्रीवा से सेल्स का सैंपल लेते हैं, जिन्हें लैब में माइक्रोस्कोप के तहत जांचा जाता है। इस टेस्ट का नाम डॉ. जॉर्ज पैपेनिकोलाउ के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसे विकसित किया था। यह टेस्ट महिलाओं में cervical cancer के शुरुआत का संकेत दे सकता है।

पैप स्मीयर टेस्ट क्यों किया जाता है?

यह टेस्ट मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के पूर्व लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इससे पहले कि असामान्य सेल कैंसर में बदलें, इन्हें पहचान कर उपचार संभव है। इसके अलावा, यह सूजन, संक्रमण जैसे इंफेक्शन का भी पता लगाने में मदद करता है। उच्च जोखिम वाले HPV (Human Papillomavirus) के लिए भी कई बार यह टेस्ट HPV टेस्ट के साथ किया जाता है, जिसे को-टेस्ट भी कहा जाता है। इससे महिला स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

पैप स्मीयर टेस्ट कब करना चाहिए

इस टेस्ट को कब कराना चाहिए, इस प्रश्न के ऊपर सभी की एक सहमति नहीं होती है। हालांकि हर महिला के जीवन में इस टेस्ट का महत्व अलग है। चलिए समझते हैं कि कब-कब महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए - 

  • 21 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए आमतौर पर यह टेस्ट आवश्यक नहीं होता है, क्योंकि इस उम्र में सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम होता है।
  • 21 से 29 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं को हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए।
  • 30 से 65 वर्ष के बीच, हर 3 साल में पैप टेस्ट या हर 5 साल में पैप + HPV को-टेस्ट कराना बेहतर होता है।
  • 65 वर्ष से ऊपर यदि 10 वर्षों में लगातार तीन नॉर्मल टेस्ट रहे हों तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होती है।
  • कुछ महिलाओं को जैसे जिनका हिस्टेरेक्टॉमी हुआ हो या कैंसर की मेडिकल हिस्ट्री हो, तो डॉक्टर अधिक फ्रीक्वेंसी में टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

पैप स्मीयर टेस्ट की तैयारी

पैप स्मीयर टेस्ट से पहले कुछ बातों का ध्यान देना बहुत ज़रूरी है जैसे कि - 

  • पीरियड्स के दौरान टेस्ट को टालें क्योंकि रक्त से सैंपल प्रभावित हो सकता है।
  • टेस्ट से कम से कम 2 दिन पहले संभोग न करें।
  • टैम्पोन, दवाइयां या क्रीम का उपयोग भी टालें क्योंकि यह सेल्स की सही पहचान में बाधा डालते हैं।
  • अपने डॉक्टर को पूरी मेडिकल हिस्ट्री और दवाइयों की जानकारी दें।

पैप स्मीयर टेस्ट की प्रक्रिया - Procedure for pap smear test

आमतौर पर पैप स्मीयर टेस्ट क्लिनिक या अस्पताल में किया जाता है। यह कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है, जिसके लिए आपको किसी खास तैयारी की आवश्यकता हो। इस प्रक्रिया में प्रमुखत: निम्नलिखित चरणों में किया जाता है - 

  • इस टेस्ट में सबसे पहले महिला को उनके शरीर के निचले भाग में पहने हुए कपड़े उतारने को कहा जाता है और फिर लिटाया जाता है।
  • उन्हें इस प्रकार लिटाया जाता है जिस प्रकार पैरों को स्टिरप्स पर रखा जाए और डॉक्टर या टेस्ट करने वाले विशेषज्ञ को सर्विक्स या गर्भाश्य ग्रीवा साफ तरीके से दिखे।
  • डॉक्टर या नर्स इस दौरान एक स्पेकुलम नामक उपकरण का प्रयोग करती हैं, जिससे गर्भाशय ग्रीवा साफ़ दिखाई देती है।
  • फिर एक ब्रश या स्पैचुला से हल्के से सेल्स का नमूना लिया जाता है। यह काम कुछ मिनटों में हो जाता है।
  • प्रक्रिया के दौरान या फिर बाद में थोड़ा डिस्कम्फर्ट महसूस हो सकता है, लेकिन दर्द होना सामान्य नहीं है।
  • सैंपल को लैब में भेजा जाता है, जहां इसे विशेषज्ञ एक आधुनिक लैब में माइक्रोस्कोप के नीचे जांचते हैं।

पैप स्मीयर टेस्ट की सामान्य रेंज

पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट में आने वाले नतीजे मुख्य रूप से कुछ श्रेणियों में आते हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं - 

  • नॉर्मल/नॉन-एबनॉर्मल: यदि आपके रिपोर्ट में यह परिणाम आते हैं, तो गर्भाशय ग्रीवा के सेल्स सामान्य माने जाते हैं।
  • एबनॉर्मल/अनक्लियर: इस स्तर से यह प्रमाणित होता है कि सेल्स में कुछ बदलाव पाए गए हैं, लेकिन अभी कैंसर की पुष्टि नहीं है।
  • प्रीकैंसर या कैंसर की संभावना: किसी तरह के कैंसर से पहले के सेल्स दिख सकते हैं, जो आपको सचेत कर सकते हैं कि आप कैंसर की चपेट में आने वाले हैं।

इस परीक्षण में कुछ संक्रमण या सूजन के संकेत भी मिल सकते हैं। डॉक्टर इन रिपोर्ट्स के आधार पर आवश्यक आगे की जांच या उपचार की योजना बनाते हैं।

पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट कैसे देखें

टेस्ट रिपोर्ट में पाए गए विभिन्न शब्द और नंबर आपको भ्रमित कर सकते हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर से रिपोर्ट का सही मतलब जानना चाहिए। ‘Normal’, ‘Negative for intraepithelial lesion or malignancy (NILM)’ का मतलब है टेस्ट ठीक है। ‘ASCUS’ या ‘LSIL/HSIL’ जैसी शब्दावली एबनॉर्मल सेल्स को दर्शाती है और डॉक्टर द्वारा आगे की प्रक्रिया बताए जाने की जरुरत होती है। लेकिन इसके साथ-साथ अन्य टेस्ट भी कराए जाते हैं और उनके रिपोर्ट को इस टेस्ट के रिपोर्ट के साथ कंबाइन करके देखा जाता है और फिर ही आगे के चरण पर बात की जाती है।

पैप स्मीयर टेस्ट रिपोर्ट टाइम

सामान्यतः पैप स्मीयर टेस्ट की रिपोर्ट आने में 1 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है। यह लैब व प्रक्रिया के अनुसार थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है। यदि आप शहरी इलाके में रहते हैं, तो रिपोर्ट को आने में 24 घंटे से 1 सप्ताह का समय लगता है वहीं गांव जैसे इलाके में इस टेस्ट के परिणाम 3 सप्ताह तक आते हैं।

निष्कर्ष

पैप स्मीयर टेस्ट समय पर कराए जाने पर गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और उसके पूर्व लक्षणों की शीघ्र पहचान कर जीवन की रक्षा की जा सकती है। सरल और त्वरित यह परीक्षण असामान्य सेल परिवर्तन, संक्रमण और HPV के जोखिम का पता लगाता है। निर्धारित अंतराल पर स्क्रीनिंग और रिपोर्ट की सही व्याख्या से इलाज शुरू किया जा सकता है और अनावश्यक जटिलताओं से बचाव सुनिश्चित हो सकता है। महिलाओं को निर्देशित तैयारी और नियमित परीक्षण अपनाने चाहिए और संदेह होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

पैप स्मीयर टेस्ट किस उम्र में कराना चाहिए?

21 वर्ष की उम्र के बाद हर तीन साल में टेस्ट कराना शुरू करें।

क्या पैप स्मीयर टेस्ट दर्दनाक होता है?

यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह दर्दनाक नहीं होता है, इसलिए यदि आप भी इस टेस्ट को कराने की योजना बना रहे हैं, तो बिना देर किए इस टेस्ट को कराएं।

पैप स्मीयर टेस्ट की रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?

रिपोर्ट आमतौर पर 1 से 3 सप्ताह के भीतर आती है इसलिए थोड़ा इंतजार करें।

क्या पीरियड्स के दौरान पैप स्मीयर टेस्ट कराया जा सकता है?

पीरियड्स के दौरान टेस्ट करना उचित नहीं क्योंकि पीरियड्स में निकलने वाले रक्त से सैंपल प्रभावित हो सकता है।

पैप स्मीयर टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?

मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, प्रीकैंसर सेल बदलाव, और कुछ संक्रमण जैसे योनि संक्रमण का पता चलता है।

पैप स्मीयर टेस्ट में कितना खर्च आता है?

भारत में पैप स्मीयर टेस्ट की कीमत क्लिनिक, शहर और सुविधाओं के अनुसार ₹300 से ₹2500 तक हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में यह टेस्ट कम या मुफ्त भी मिल सकता है, लेकिन इस टेस्ट की सही कीमत आपको हमारे विशेषज्ञों से मिलकर ही पता चल पाएगी।

Written and Verified by:

Dr. Tripti Dadhich

Dr. Tripti Dadhich

Additional Director Exp: 31 Yr

Obstetrics & Gynaecology

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Dr. Tripti Dadhich is the Additional Director of Obstetrics & Gynaecology Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 25 years of experience. She specializes in high-risk pregnancies, infertility treatments, and advanced gynecological surgeries.

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