अधिकांश सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। यह वायरस यौन संपर्क में आने से फैलता है और कभी-कभी कैंसर का कारण बन सकता है।
सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु की संख्या भारत में काफी अधिक है। भारत की महिलाओं में होने वाले कैंसरों में चौथा सबसे आम कैंसर है, सर्वाइकल कैंसर। एनसीबीआई के अनुसार महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में सर्वाइकल कैंसर का योगदान लगभग 6-29% है। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर, या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा {बच्चेदानी के मुख (Cervix)} की सतह पर शुरू होता है। यह तब होता है, जब गर्भाशय ग्रीवा की सेल्स (कोशिकाएं) असाधारण सेल्स में बदलने लगती हैं। इस स्थिति का सबसे उत्तम इलाज है, उन प्रभावित सेल्स को ढूंढना और उनके बदलने से पहले प्रभावित सेल्स का इलाज करना। इलाज के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ या कैंसर रोग से मिलने की सलाह दी जाती है।
अधिकांश सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस (HPV virus) के कारण होते हैं, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। यह वायरस यौन संपर्क में आने से फैलते हैं और कभी-कभी कैंसर का कारण बन सकते हैं। अधिकांश महिलाओं को पता ही नहीं चलता है कि वह एचपीवी के संक्रमण से संक्रमित हो गई हैं, क्योंकि उनका शरीर इस संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है। कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि उनका शरीर संक्रमण से नहीं लड़ पाता है, जिसके कारण सर्वाइकल कैंसर की समस्या हो जाती है।
एचपीवी 100 से अधिक प्रकार के होते हैं। उन्हीं में से लगभग एक दर्जन को कैंसर का कारण माना गया है। यदि समय पर कैंसर वाले वायरस का पता न चले, तो यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। इससे बचने के लिए एक अनुभवी और श्रेष्ठ कैंसर रोग की आवश्यकता होती है।
शुरुआती चरणों में सर्वाइकल कैंसर की पहचान करना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि जांच के दौरान असामान्य सेल्स का पता लगाना सर्वाइकल कैंसर से बचने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। हालांकि स्टेज 1 सर्वाइकल में कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे -
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं, जो तब उत्पन्न होते हैं, जब यह कैंसर अन्य अंगों तक फैल जाता है जैसे -
यदि असामान्य रक्त हानि, योनि से तरल पदार्थ या किसी अन्य अस्पष्ट लक्षण का अनुभव हो तो बिना देर किए स्त्री रोग विशेषज्ञ या फिर कर्क रोग विशेषज्ञ से मिलें।
सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए चरण का पता लगाना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इससे उपचार का सबसे प्रभावी विकल्प चुनने में मदद मिलती है। कैंसर के स्टेज का पता लगाने के पीछे एक और उद्देश्य होता है और वह है पता लगाना कि कैंसर कितनी दूर तक फैला है और क्या इससे बच्चेदानी के मुख के आस-पास के अंग प्रभावित हुए है या नहीं।
सर्वाइकल कैंसर को 4 स्टेज में बांटा गया है।
सर्वाइकल कैंसर के स्टेज के आधार पर इलाज निम्न विकल्पों में से किसी एक या फिर इनके कॉम्बिनेशन का प्रयोग होता है।
लक्षण
उपचार
सर्वाइकल कैंसर के निम्नलिखित जोखिम कारक होते हैं -
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं -
सर्वाइकल कैंसर के लिए कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं हैं। उपचार के परिणाम कैंसर के चरण और अन्य कारकों पर निर्भर करते हैं। हमारे डॉक्टरों का मानना है कि सर्वाइकल कैंसर का इलाज शुरुआती चरणों में संभव है। यदि कैंसर बढ़ जाता है, तो इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है, जो कि एक जानलेवा स्थिति साबित हो सकती है।
इस प्रकार के कैंसर के होने के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं -
यह HPV संक्रमण से बचाता है, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। यह वैक्सीन 9-26 वर्ष की आयु वाली लड़कियों और महिलाओं को लगवाई जाती है। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। यह सर्वाइकल कैंसर, और अन्य HPV-संबंधित कैंसर से बचाता है।
Written and Verified by:
Similar Blogs
Gynaecological Health: Symptoms You Should Never Ignore
read moreमातृत्व और स्वास्थ्य: गर्भावस्था के दौरान आम स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान
read moreEvery day is Mother’s Day: When you’re proactive for her health.
read moreHysterectomy: Purpose, Procedure, Benefits, Risks & Recovery
read moreBook Your Appointment TODAY
© 2024 RBH Jaipur. All Rights Reserved.