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अल्सर: कारण, लक्षण, और घरेलू उपचार

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अल्सर: कारण, लक्षण, और घरेलू उपचार

Gastro Sciences | by Dr. Ajay Mandal | Published on 30/04/2024



अल्सर या छाले खुले घाव हैं, जिसके कारण एक व्यक्ति को कई सारी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपको इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस ब्लॉग में हम अल्सर के बारे में वह सभी जानकारी प्राप्त करेंगे जो एक व्यक्ति को पता होनी चाहिए।

अल्सर के प्रकार -

अलग-अलग प्रकार के अल्सर एक व्यक्ति को परेशान करते हैं जैसे -

  • पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer): यह एक प्रकार का अल्सर है, जो पेट या छोटी आंत के पहले भाग, डुओडेनम (Duodenum) में होता है। इस छाले के कारण पाचन तंत्र की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। पेप्टिक अल्सर के भी तीन प्रकार होते हैं - अन्नप्रणाली अल्सर (इसोफेगल अल्सर/Esophageal Ulcer), गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) और ड्यूडिनल अल्सर (Duodenal ulcer)।
  • नसों का अल्सर: इस प्रकार का अल्सर शरीर की नसों को प्रभावित करता है। मुख्य रूप से यह टखने, पैर, पैर की उंगलियां और एड़ी के बाहरी भाग पर विकसित होते हैं। इसके कारण प्रभावित भाग लाल, पीले या काले रंग के हो जाते हैं, लेकिन इसमें दर्द नहीं होता है। 
  • वेनस अल्सर (Venous ulcer): इस प्रकार का अल्सर अक्सर पैर, घुटने के नीचे और टखने के अंदरूनी क्षेत्र पर बनते हैं। इस प्रकार के छालों का कारण दिल तक रक्त का सही से न पहुंचना होता है। 
  • मुंह के छाले: कभी-कभी पेट की गर्मी के कारण मुंह में जख्म या छाले बन जाते हैं। यह मुंह के साथ-साथ मसूड़ों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार के अल्सर का इलाज आसानी से संभव है।
  • गुप्त अंग का अल्सर (Genital ulcers): इस प्रकार के अल्सर योनि, लिंग और गुदा के आसपास विकसित होते हैं। यह यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। दर्द, खुजली, और कमर के आस-पास छोटे-छोटे उभार बन जाते हैं।

अल्सर क्यों होते हैं?

अल्सर कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान करता है। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं - 

  • गतिहीन जीवन शैली या खाने-पीने की खराब आदत।
  • इसोफेगल अल्सर (Esophageal Ulcer) की समस्या एंटीबायोटिक या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के अधिक सेवन से होती है।
  • शराब के अधिक सेवन से भी इसोफेगल अल्सर की समस्या होती है। 
  • फैटी और तले हुए खाद्य पदार्थ, शराब, कैफीन और तंबाकू के अधिक सेवन से भी अल्सर की समस्या होती है। 
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण पेप्टिक अल्सर होता है। 
  • इबुप्रोफेन, एस्पिरिन या नेप्रोक्सेन, मनोवैज्ञानिक तनाव, धूम्रपान, ओवर-द-काउंटर या दर्द निवारक दवाओं का उपयोग भी अल्सर के मुख्य कारण है।
  • वृद्ध लोगों में पेट के अल्सर होने की संभावना अधिक होती है। 

अल्सर के लक्षण -

अल्सर के शुरुआती लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। कुछ लक्षणों को ऊपर बता दिया गया है। इसके सिवाय कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं, जो अल्सर की संभावनाओं को दर्शाते हैं जैसे - 

  • रात में खाली पेट या खाने के कुछ समय बाद तेज दर्द होना
  • गैस और खट्टी डकार आना
  • उल्टी आना
  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द
  • पेट में भारीपन
  • भूख में कमी जिससे अचानक वजन कम हो
  • सुबह-सुबह हल्की मितली या उल्टी होना 

अल्सर के घरेलू उपचार -

अल्सर के मामले में घरेलू उपचार बहुत हद तक प्रभावी साबित हो सकता है जैसे -

  • फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) के सेवन से राहत मिलेगी। इसमें सोयाबीन, फलियां, लाल अंगूर, गोभी, ब्रोकली, सेब, जामुन, ग्रीन टी, इत्यादि शामिल है।
  • प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने से लाभ मिलेगा। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ में छाछ, दही से इस स्थिति से लड़ने में मदद मिलेगी। 
  • शहद एक ऐसा पदार्थ है, जो शक्तिशाली जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और एच.पाइलोरी के लोगों को भी इस स्थिति से राहत मिल सकती है। 
  • लहसुन के अर्क की सहायता से एच.पाइलोरी के विकास को आसानी से रोका जा सकता है। 
  • क्रैनबेरी इस स्थिति में लाभकारी साबित हो सकता है।

इन सब के अतिरिक्त कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा जैसे - 

  • चॉकलेट और गर्म मिर्च से दूरी बनाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड हानिकारक है।
  • अधिक मात्रा में नमक वाले खाद्य पदार्थ इस स्थिति में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
  • तले हुए खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं
  • खट्टे और टमाटर जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ को खाने से बचें
  • शराब सीमित करें

अल्सर का इलाज -

हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि अल्सर का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। सामान्यतः, अल्सर का इलाज दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से किया जाता है। सबसे पहले यह समझते हैं कि अल्सर के इलाज के लिए किस प्रकार की दवाएं दी जाती हैं - 

  • प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (PPIs): यह पेट में एसिड के निर्माण को कम करता है।
  • H2 ब्लॉकर्स: इस दवा का भी कार्य पेट में एसिड को बनने से रोकना है। 
  • एंटीबायोटिक्स: हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) नामक बैक्टीरिया के संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवा का प्रयोग किया जाता है। 

इसके साथ-साथ अल्सर में परहेज और जीवनशैली में बदलाव बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होते हैं। कुछ मामलों में, अल्सर का इलाज सर्जरी द्वारा भी किया जा सकता है। यहां एक बात समझनी होगी कि यह जानकारी एक सामान्य जानकारी है और हर व्यक्ति के लिए अल्सर का इलाज अलग-अलग होता है। इसके लिए आप गैस्ट्रोनोलॉग्सिट से संपर्क कर सकते हैं। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न- 

 

अल्सर कितने दिन में ठीक होता है?

दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से 4-8 हफ्ते में यह ठीक होता है। गंभीर मामलों में अल्सर को ठीक होने में 12 हफ्ते तक लग सकते हैं।

क्या अल्सर में पपीता खाना चाहिए?

हां, अल्सर की स्थिति में पपीता फायदेमंद होता है। इसमें पाचन एंजाइम होते हैं, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं।

क्या अल्सर में दही खाना चाहिए?

हां, अल्सर की स्थिति में दही फायदेमंद होती है। इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने का कार्य करते हैं।

क्या अल्सर में अंडा खाना चाहिए?

हां, अल्सर की स्थिति में अंडा फायदेमंद होता है। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और पचने में आसान होता है।

अल्सर में क्या क्या खाना चाहिए?

अल्सर की स्थिति में नरम, पौष्टिक और कम मसालेदार भोजन खाएं। फल, सब्जियां, दलिया, दही, अंडे, मछली और चिकन खाने से लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन से लाभ मिलेगा - 

  • तीखा, मसालेदार, चिकना और तला हुआ भोजन न खाएं।
  • अल्कोहल और कैफीन से बचें।
  • धूम्रपान न करें।
  • पानी भरपूर मात्रा में पिएं।
  • तनाव कम करें।