गैस्ट्रिक अल्सर: पेट में अल्सर के लक्षणों को समझें
Home >Blogs >गैस्ट्रिक अल्सर: पेट में अल्सर के लक्षणों को समझें

गैस्ट्रिक अल्सर: पेट में अल्सर के लक्षणों को समझें

Summary

गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) एक प्रकार का खुला घाव है, जो पेट की अंदरूनी परत पर विकसित होता है। गैस्ट्रिक अल्सर पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) का ही भाग है। इस प्रकार के अल्सर का सबसे सामान्य लक्षण पेट दर्द है। गैस्ट्रिक अल्सर पेट की आंतरिक परत और छोटी आंत के ऊपरी भाग में विकसित होता है। चलिए इसके बारे में और भी जानकारी प्राप्त करते हैं। 

गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) एक प्रकार का खुला घाव है, जो पेट की अंदरूनी परत पर विकसित होता है। गैस्ट्रिक अल्सर पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) का ही भाग है। इस प्रकार के अल्सर का सबसे सामान्य लक्षण पेट दर्द है। गैस्ट्रिक अल्सर पेट की आंतरिक परत और छोटी आंत के ऊपरी भाग में विकसित होता है। चलिए इसके बारे में और भी जानकारी प्राप्त करते हैं। 

गैस्ट्रिक अल्सर क्या है? -

पेप्टिक अल्सर तीन प्रकार के होते हैं - गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer), इसोफेगल अल्सर (Esophageal Ulcer) और ड्यूडेनल अल्सर (Duodenal Ulcer)। गैस्ट्रिक अल्सर पेट की परत से निकलने वाला एक घाव है। पेट में मौजूद पेप्सिन एसिड, गैस्ट्रिक अल्सर का मुख्य कारण होता है, जो हाइड्रो-क्लोरिक एसिड (Hydro-chloric acid) के साथ ही हमारे पेट में रहता है। पेट में एक म्यूकस होता है, जो पेट की परत को उस एसिड के संपर्क में आने से बचाता है। जब म्यूकस पेट के किसी भी भाग से कम हो जाता है, तो इसके कारण पेट का आंतरिक भाग कमजोर होने लगता है और एसिड के संपर्क आने से पेट के वह भाग क्षतिग्रस्त हो जाता है, जो अंततः गैस्ट्रिक अल्सर का निर्माण करता है।

गैस्ट्रिक अल्सर के कारण -

गैस्ट्रिक अल्सर के सबसे आम कारणों को नीचे दिया गया है - 

  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (एच. पाइलोरी) बैक्टीरिया से संक्रमण (H. pylori infection): यह बैक्टीरिया पेट की परत में रहते हैं और अल्सर की समस्या उत्पन्न करते हैं। 
  • नॉन स्टेरायडल दवाओं (NSAIDs) का लंबे समय तक उपयोग: कुछ दवाएं, जैसे आइबूप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी, अन्य) और नेपरोक्सन सोडियम (एलेव), दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन इसके कारण अल्सर होने का खतरे भी बढ़ जाता है।
  • तनाव और मसालेदार भोजन का खाना: सामान्यतः स्ट्रेस और मसालेदार भोजन अल्सर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन इसके कारण अल्सर के लक्षण और भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

गैस्ट्रिक अल्सर के लक्षण -

बहुत से लोगों को गैस्ट्रिक अल्सर होने पर किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है। हालांकि, कुछ मामलों में निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है - 

  • जलन या तीखा दर्द (Burning pain): यह दर्द आपके पेट के ऊपरी भाग में होता है और अक्सर भोजन के दौरान या रात में यह दर्द और भी ज्यादा बढ़ सकता है। खाली पेट रहने या एसिडिटी वाले भोजन को खाने से दर्द और बढ़ सकता है। 
  • पेट में भारीपन या पेट फूलना (Feeling of fullness or bloating): आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपने बहुत अधिक खा लिया है, भले ही अपने कम खाया हो। ऐसा होना एसिडिटी और गैस्ट्रिक अल्सर दोनों का संकेत होता है। 
  • डकार आना (Belching): अत्यधिक डकार आना गैस्ट्रिक अल्सर का भी संकेत होता है।
  • वसायुक्त खाद्य पदार्थों का न पचा पाना (Intolerance to fatty foods): अधिक मात्रा में फैट वाले खाद्य पदार्थ गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं। 
  • सीने में जलन (Heartburn): गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या में सीने में जलन होती है, जो गले तक जाती है। यह स्थिति खाने के बाद या लेटने पर और खराब हो सकती है।
  • मतली या उल्टी (Nausea or vomiting): कभी-कभी मतली या उल्टी का अनुभव होना भी इस स्थिति का लक्षण है।

गैस्ट्रिक अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है -

गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज का मुख्य लक्ष्य पेट की लाइनिंग (अस्तर) को ठीक करना है और लक्षणों को कम करना है। इलाज अल्सर के कारण और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज के लिए कुछ बातों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है जैसे - 

  • जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes): धूम्रपान छोड़ें, तनाव कम करें, और मसालेदार या तैलीय खाद्य पदार्थ के सेवन को सीमित करें। 
  • दवाएं (Medications): एंटासिड्स (Antacids), रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Receptive Blockers), प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (Proton pump inhibitors - PPIs), और एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) से रोगी को लाभ मिलता है। 

ज्यादातर मामलों में, दवा और जीवनशैली में बदलाव से गैस्ट्रिक अल्सर ठीक हो जाता है। लेकिन इससे भी यदि स्थिति ठीक नहीं होती है तो सर्जरी की आवश्यकता होती है। ऊपर बताए गए दवाओं को बिना डॉक्टर के अनुमति के न खाएं। 

डॉक्टर को कब दिखाएं -

यदि आपको डर लग रहा है कि गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या आपको परेशान कर सकती है, तो जल्द से जल्द एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (Gastroenterologists) से मिलें। कुछ गंभीर लक्षण होते हैं, जिसकी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए जैसे - 

  • खून की उल्टी या मल में खून आना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • अचानक वजन घटना

निष्कर्ष -

गैस्ट्रिक अल्सर एक ऐसी समस्या है, जिससे बहुत लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन सही समय पर उचित इलाज से ज्यादातर लोग जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। प्रयास करें कि आप अपने लक्षणों पर नजर रखें और यदि यह गंभीर हो जाए तो तुरंत गैस्ट्रोनोलॉग्सिट डॉक्टर से मिलें। इलाज में देरी स्थिति को बिगाड़ सकती है। 

गैस्ट्रिक अल्सर से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है?

दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ, गैस्ट्रिक अल्सर 4-8 सप्ताह में ठीक हो सकता है। अल्सर के जटिल संक्रमण में अधिक समय तक एक व्यक्ति परेशान रहता है।

गैस्ट्रिक अल्सर में क्या खाना चाहिए?

गैस्ट्रिक अल्सर की स्थिति में नरम, आसानी से पचने वाले भोजन जैसे दलिया, फल, सब्जियां और सूप के सेवन से बहुत मदद मिलती है। वहीं इसके साथ-साथ कम मसालेदार, कम फैट और कम एसिड वाले भोजन का सेवन करें। प्रयास करें कि हर कुछ समय में थोड़ा-थोड़ा भोजन करें और स्वयं को हाइड्रेटेड रखें।

अल्सर के लिए कौन सा जूस पीना चाहिए?

अल्सर की स्थिति में निम्नलिखित जूस के सेवन से मदद मिलती है - 

  • एलोवेरा जूस
  • नारियल पानी
  • क्रैनबेरी जूस

Written and Verified by:

Dr. Ajay Mandal

Dr. Ajay Mandal

Consultant - GI & Hepato-Biliary Surgeon Exp: 10 Yr

Gastro Sciences

Book an Appointment

Dr. Ajay Mandal is one of the leading specialist in area of GI Oncology, Hepato-Biliary & Pancreatic Disease treatment. He is based primarily at The Calcutta Medical Research Institute, Kolkata with more than 10 years of rich experience in dealing with various aspects of digestive system specially in liver & Pancreatic Disorders.

Dr. Mandal has been trained in various parts of India and abroad( S. Korea) and is one of the few certified trained Gastro surgeon in Kolkata. He has performed hundreds of complicated GI & Hepato-Biliary cancer surgery. Apart from GI Oncosurgery, laparoscopic surgery is regular event for him and now even cancer surgery is being performed by him laparoscopically.

Dr. Mandal not only performs surgery for cancer patients but also provides holistic approach for further treatment once he /she gets recovered from surgery. His team includes Medical Oncologist, Medical Gastroenterologist and Intervention Radiologist, all of them work together in many occasions and as on required to provide the best available treatment for their patient.

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Gastro Sciences Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now