यदि किसी भी कारण विटामिन सी की कमी की स्थिति अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति के कारण खास तौर पर स्कर्वी (Scurvy) नाम की बीमारी परेशान कर सकती है, जिसमें कोलेजन (शरीर का एक महत्वपूर्ण प्रोटीन) उत्पादन कम हो जाता है।
क्या आप जानते हैं कि आपकी त्वचा, हड्डियों और रक्त वाहिकाओं का ख्याल कौन रखता है और समय-समय पर उन्हें रिपेयर कौन करता है। आपको बता दें कि यह सभी कार्य विटामिन C (Vitamin C) के द्वारा किए जाते हैं। कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वह विटामिन C की कमी से पीड़ित हैं।
इस ब्लॉग की मदद से हम समझेंगे कि विटामिन C की कमी को कैसे पहचानें और किस प्रकार इस स्थिति को मैनेज करें। विटामिन C के साथ-साथ किसी भी अन्य समस्या की स्थिति में आप बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि किसी भी पोषक तत्व की कमी के करण आपका जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता के लिए आप हमारे अनुभवी विशेषज्ञों से परामर्श भी ले सकते हैं।
यदि किसी भी कारण विटामिन सी की कमी की स्थिति अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति के कारण खास तौर पर स्कर्वी (Scurvy) नाम की बीमारी परेशान कर सकती है, जिसमें कोलेजन (शरीर का एक महत्वपूर्ण प्रोटीन) उत्पादन कम हो जाता है। इसके कारण आयरन का अवशोषण और प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। चलिए समझते हैं कि विटामिन सी की कमी के कारण क्या होता है -
विटामिन सी की कमी के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से आहार में ताजे फल और सब्जियों की कमी इसका मुख्य कारण साबित होता है। यदि आप स्वस्थ आहार और ताजे फलों से दूर हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप भी विटामिन C की कमी का सामना कर रहे होंगे।
इसके अतिरिक्त, धूम्रपान, शराब, प्रेगनेंसी और जठरांत्र (Gastrointestinal) संबंधी बीमारियों के कारण भी यह समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
विटामिन सी की कमी की पहचान करना बहुत मुश्किल कार्य नहीं है। इसके लिए आपको कुछ लक्षणों पर नजर रखना होगा, जैसे कि -
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो स्कर्वी जैसी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
सबसे पहले इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं कि विटामिन सी की कमी में क्या खाना चाहिए? आपको यह समझना होगा कि विटामिन सी की कमी को आहार के मदद से ठीक किया जा सकता है। नीचे उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है जिन्हें आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं -
इन खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन विटामिन सी के इष्टतम स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है और इसकी कमी को भी रोकता है।
विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए बहुत सारे इलाज के विकल्प मौजूद हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बताने वाले हैं -
हालांकि कुछ बातों का आपको भी खास ख्याल रखना होगा जैसे कि -
विटामिन सी की कमी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमेशा अपने आहार का खास ध्यान रखें और प्रयास करें कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं। विशेष रूप से ताजे फलों और सब्जियों पर अपना ध्यान केंद्रित करें, जिससे आपके शरीर की दैनिक विटामिन सी की खुराक पूरी हो सकती है। यदि आपको कमी का संदेह हो या इस ब्लॉग में मौजूद लक्षण आपको दिख रहे हैं, तो उचित उपचार का विकल्प चुनें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।
हां, हालांकि ऐसे होने की संभावना बहुत कम है। यदि ऐसा होता भी है तो दस्त, मतली और गंभीर मामलों में गुर्दे की पथरी जैसी पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हां, बच्चों को विटामिन सी की कमी होने का खतरा सबसे अधिक होता है, क्योंकि उस दौरान बच्चे ताजे फल और सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं या नहीं कर पाते हैं। बच्चों में यह स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।
हां, विटामिन सी की कमी से बाल भी प्रभावित होते हैं। इससे बालों की ग्रोथ में भी कमी देखने को मिलती है।
विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने दैनिक आहार में शामिल करके कोई भी व्यक्ति विटामिन सी की कमी के हल्के मामलों को घर पर ठीक कर सकता है। गंभीर मामले जैसे कि स्कर्वी के मामलों में आप सप्लीमेंट को अपने आहार के साथ शामिल कर सकते हैं।
विटामिन C विभिन्न प्रकार के ताजे फलों और सब्जियों में पाया जाता है, जिनमें खट्टे फल, जामुन, कीवी, पपीता, तथा शिमला मिर्च और ब्रोकोली जैसी सब्जियां शामिल होते हैं।
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Dr Rahul Mathur has undergone International Training in Internal Medicine from the United Kingdom. He previously worked with Mahatma Gandhi Hospital, Apex Hospitals and Metro Hospital Jaipur and conducted several free medical camps. With eight years of experience, he always chooses to reflect liability, empathy, and hard work as his foremost principles for excellence. Dr Mathur has worked on various topics in medicine and published numerous research papers at National & International conferences. He acknowledges that the medical field is constantly evolving with new technologies & practices. Therefore, he keeps himself associated with some prestigious organisation & attend regular healthcare workshops.
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