पेट में गैस और पेट के कैंसर के लक्षणों में अंतर समझना बेहद जरूरी है। कैंसर के लक्षण गंभीर और निरंतर हो सकते हैं। यदि पेट में लगातार दर्द होना, वजन में कमी या रक्त का आना जैसे लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
जब मैं ओपीडी में बैठता हूं, तो मेरे पास कई मरीज आते हैं, जो पेट में सूजन, अपच या बेचैनी की शिकायत लेकर आते हैं। अक्सर, वही लोग मुझसे कहते हैं कि उन्हें गैस हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किसी गंभीर समस्या की तरफ भी संकेत कर सकता है। हालांकि यह होना कोई आम बात नहीं है, लेकिन यह सारे लक्षण पेट के कैंसर की तरफ इशारा करते हैं। यहां सवाल उठता है कि गैस और पेट के कैंसर को कैसे अलग-अलग किया जाए और पेट के कैंसर को कैसे पहचानें।
सबसे पहले तो पेट में दर्द या असहजता को नजरअंदाज करे बिना और गैस की दवा खाए बिना गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलें और उनसे अपने इलाज के बारे में बात करें। इस ब्लॉग में, हम पेट की गैस और पेट के कैंसर के बीच के अंतर, लक्षणों की पहचान और आपको डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए, इस बारे में विस्तार से जानेंगे।
इस बात में कोई संशय नहीं है कि पेट में गैस एक असुविधाजनक स्थिति है। लेकिन यह भी आपको समझना होगा कि इससे आपकी जान को कोई खतरा भी नहीं है। गैस की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
यह लक्षण आमतौर पर खाने के बाद महसूस होते हैं। यह लक्षण अधिक गंभीर होते हैं, जब आप गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि बीन्स, ब्रोकली या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का आप सेवन करते हैं। ज्यादातर लोगों में यह लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं और चिंता का कारण नहीं होते हैं।
पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है। यह स्वयं एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि, कुछ शुरुआती लक्षण है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए जैसे कि -
यदि यह लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें। परामर्श ही निदान की पहली सीढ़ी है।
गैस और पेट के कैंसर में अंतर करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। गैस या एसिडिटी की समस्या के कारण दर्द आमतौर पर रुक-रुक कर होता है और गैस पास करने, डकार लेने या इधर-उधर घूमने से कम हो जाता है। यह स्थिति कोई गंभीर स्थिति नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ, पेट के कैंसर में दर्द ज्यादा होता और लगातार होता है। यह दर्द न ही पोजीशन बदलने और न ही आहार में बदलाव करने से ठीक होता है। पेट के कैंसर की स्थिति में दर्द हल्के से शुरू होता है और धीरे-धीरे इसकी तीव्रता बढ़ती जाती है। इस दर्द के साथ आपको अचानक वजन कम होना, थकान और भूख न लगना जैसे अन्य लक्षण भी दिख या महसूस हो सकते हैं।
गैस और पेट के कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर से परामर्श के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। हालांकि एसिडिटी या पेट में गैस बनने का निदान बहुत आसान है। डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आपके जीवनशैली के संबंध में कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं। पेट के कैंसर के जांच के लिए निम्न प्रक्रिया की जाती हैं -
हालांकि पेट में गैस बनना आम तौर पर एक छोटी सी समस्या है, जो अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन किसी भी लगातार होने वाले लक्षणों के प्रति सतर्कता और जागरूकता बेहद ज़रूरी है। यदि आपको भी इस बात की पुष्टि नहीं है कि आपके लक्षण गैस के हैं या फिर कैंसर के, तो हम आपको भी सलाह देंगे कि लक्षण दिखने पर तुरंत हमसे संपर्क करें और इलाज लें।
जानकारी रखें, स्वस्थ रहें!
गैस की समस्या पाचन समस्या का एक सामान्य भाग है, लेकिन यदि आपको यह दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है और इसके अतिरिक्त अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो रहे हैं जैसे कि - असहनीय दर्द, असुविधा, या पेट फूलना, तो आपको थोड़ी बहुत चिंता कर लेनी चाहिए।
पेट का कैंसर लिम्फ नोड्स और लीवर और फेफड़ों जैसे अन्य अंगों में फैल सकता है। यह अलग-अलग तरीकों से फैल सकता है और इसके प्रसार को रोकने के लिए जल्दी निदान और जांच आवश्यक है।
अल्सर पेट की परत पर बनने वाला घाव है, जो अक्सर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के संक्रमण के कारण होता है। जबकि अल्सर का इलाज संभव है और यह शायद ही कभी इसके कारण कैंसर होता है। यदि यह अनुपचारित रह जाए तो इसके कारण पेट के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
यदि आपके पेट में अजीब सी असहजता होती है, तो आपको गड़गड़ाहट की आवाज आती है, जो पाचन तंत्र की गति के कारण होती है।
गैस ऊपरी या निचले पेट में दर्द का कारण बन सकती है, जो अक्सर सूजन, ऐंठन, तेज दर्द, या असुविधा के रूप में होती है। गैस निकलने पर दर्द आमतौर पर कम हो जाता है।
दुर्लभ मामलों में, अत्यधिक गैस बनने से असुविधा हो सकती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, खासकर यदि पेट फूल रहा हो जिससे डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है। हालांकि यह एक आम स्थिति नहीं है।
हालांकि गैस का सीधे तौर पर हृदय की समस्याओं से कोई संबंध नहीं है, लेकिन सीने में दर्द या बेचैनी जैसे कुछ लक्षणों को हृदय संबंधी समस्याओं के रूप में देखा जा सकता है।
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