पित्त पथरी - लक्षण और कारण
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पित्त पथरी - लक्षण और कारण

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इस ब्लॉग में आपको पित्त की पथरी के लक्षण और कारण के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी, लेकिन यह सिर्फ सामान्य जानकारी है। पित्त की पथरी के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।

पित्ताशय की पथरी पित्त की थैली में जमा ठोस पदार्थ है। यह ठोस पदार्थ मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल होते हैं जिसका निर्माण तब होता है, जब आपका लिवर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है और वह पित्त के साथ पित्ताशय में चला जाता है। अतिरिक्त पित्त धीरे-धीरे क्रिस्टल का निर्माण करता है जो अंततः पित्त पथरी का निर्माण करता है। इसके कारण पेट के ऊपरी भाग में दर्द होता है। यहां आपको एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि पित्त पथरी का दर्द दूसरे पेट के दर्द से थोड़ा अलग होता है, लेकिन इसे पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। यदि आप पित्त पथरी के लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।

इस ब्लॉग में आपको पित्त की पथरी के लक्षण और कारण के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी, लेकिन यह सिर्फ सामान्य जानकारी है। पित्त की पथरी के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक गैस्ट्रोनोलॉग्सिट विशेषज्ञ से सलाह लें।

पित्त पथरी के लक्षण

अक्सर लोगों के मन मे यह प्रश्न उठता है कि पथरी की पहचान कैसे करें? चलिए सबसे पहले जानते हैं कि पित्त की पथरी के क्या लक्षण होते हैं। यदि पित्त की थैली में पथरी पित्त नलिकाओं को ब्लॉक कर रही है, तो शरीर में पित्त की मात्रा बहुत बढ़ जाएगी, जिसके कारण ऊपरी दाएं पेट में दर्द होता है। इसकी तीव्रता अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह दर्द कई घंटों तक बना रह सकता है।

मुख्यतः इस प्रकार का दर्द तब होता है जब आप भारी भोजन कर लें। अधिकतर लोगों को यह दर्द शाम या फिर रात में होता है। यदि आपको पित्त की थैली में बार-बार दर्द का सामना करना पड़े, तो तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें और उचित इलाज प्राप्त करें।

हालांकि कुछ लोगों को पित्त की पथरी के लक्षण नहीं दिखते हैं। उस स्थिति को साइलेंट गॉल स्टोन कहा जाता है। साइलेंट गॉल स्टोन के मामले में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसके कारण पित्त की थैली, लीवर, या पेनक्रियाज का कार्य बाधित नहीं होता है।

लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं, जिनका अनुभव होने पर रोगी को तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए जैसे -

  • पेट में कई घंटों तक दर्द रहना
  • मतली और उल्टी
  • बुखार या ठंड लगना
  • त्वचा या आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना
  • मल और मूत्र के रंग में बदलाव

यह सभी लक्षण पित्ताशय, लीवर या पेनक्रियाज के गंभीर संक्रमण या बीमारी की तरफ भी संकेत करते हैं। यह सारे लक्षण दूसरी बीमारी की तरफ संकेत कर सकते हैं जैसे एपेंडिसाइटिस, अल्सर, पेन्क्रियाटाइटिस और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (गरड)। यह सभी बीमारी आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लें।

यदि पित्त की थैली की स्थिति अनुपचारित रह जाए, तो बहुत सारी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि अधिक समय तक पित्त की थैली में पथरी अनुपचारित रह जाती है और पित्त का रिसाव शरीर के अंदर हो जाता है, तो इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

पित्त पथरी के कारण

पित्ताशय की पथरी का वास्तविक कारण अभी भी अज्ञात है। डॉक्टर अभी भी शोध कर रहे हैं कि किस कारणवश पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। मुख्य रूप से पित्त के रासायनिक असंतुलन के कारण पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। ऐसा क्यों होता है, इस पर शोध अभी चल रही है। निम्न कारणों से पित्त की पथरी का निर्माण होता है - 

  • पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल को होना: पित्त की थैली में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होने से पीले कोलेस्ट्रॉल की पथरी होती है। यदि लीवर शरीर पित्त के घुलने की क्षमता से अधिक कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है, इसके कारण कोलेस्ट्रॉल स्टोन का निर्माण होता है। 
  • पित्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन: बिलीरुबिन एक रसायन है, जिसका निर्माण रेड ब्लड सेल्स के टूटने के कारण होता है। यह लीवर से गुजरता है और फिर शरीर से बाहर निकलता है। यदि लीवर पर किसी भी प्रकार का दबाव हो या फिर कोई समस्या हो तो आवश्यकता से अधिक बिलीरुबिन का निर्माण होता है। जिसके कारण पिगमेंट गॉल स्टोन का निर्माण होता है। यह पथरी गहरे भूरे या काले रंग के होते हैं।
  • कंसंट्रेटिड पित्त: जब पित्त की थैली अपना कार्य नहीं कर पाती है, तो पित्त की थैली खाली नहीं हो पाती है। यदि ऐसा होता है तो पित्त अधिक कंसंट्रेटिड हो जाएगा जिससे पथरी का निर्माण होता है। 

पित्त पथरी का उपचार

सबसे पहले सभी को समझना होगा कि जिन लोगों को लक्षण नहीं दिखते हैं, उन्हें इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लक्षण के आधार पर डॉक्टर निदान का सुझाव देते हैं और परिणाम के आधार पर यह निर्णय लिया जाता है कि आपको इलाज की आवश्यकता है या नहीं। 

इसके अतिरिक्त जब तक आपका इलाज नहीं होता है तब तक डॉक्टर आपको कुछ संभावित जटिलताओं के प्रति सचेत रहने को कहते हैं जैसे ऊपरी दाहिने पेट में तेज दर्द। यदि भविष्य में पित्त पथरी के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर इलाज के निम्नलिखित विकल्पों का सुझाव दे सकते हैं - 

  • पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए सर्जरी (कोलेसिस्टेक्टोमी): आपको जीवित रहने के लिए अपने पित्ताशय की आवश्यकता नहीं है। इसलिए सबसे पहले डॉक्टर इस स्थिति के इलाज के लिए पित्त की थैली को निकालने की सुझाव देते हैं। यदि ऐसा नहीं करते हैं, तो पित्त की पथरी बार-बार परेशान करती है। इस सर्जरी के कारण पाचन तंत्र में कोई समस्या नहीं आती है। हालांकि रोगी को अपने आहार में कुछ आवश्यक बदलाव करने का सुझाव दिया जाता है। 
  • पित्ताशय की पथरी को गलाने की दवाएं: कुछ मामलों में ऐसी दवाएं डॉक्टरों के द्वारा दी जाती है, जिससे पथरी शरीर में ही घुल जाती है। लेकिन इस तरीके से इलाज करने में कई महीने या फिर वर्षों तक का समय लग सकता है। यदि उपचार बंद कर दिया जाए, तो पथरी फिर से बन सकती है। कई बार डॉक्टर इस प्रकार की दवा का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योंकि रोगी ऑपरेशन नहीं करा पाते हैं। 
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी: दूरबीन से पित्त की पथरी का ऑपरेशन एक आधुनिक प्रक्रिया है। इसमें एक छोटा सा चीरा लगा कर पित्त की थैली को निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया में पेट को कार्बन डाइऑक्साइड गैस से फुलाया जाता है और कैमरे और सर्जिकल उपकरण से पित्त की थैली को सुरक्षित रूप से निकाल लिया जाता है।

निष्कर्ष

पित्त की थैली में पथरी एक गंभीर स्थिति है। यदि आपको लक्षण दिखते हैं, तो सबसे पहले गैस्ट्रोनोलॉग्सिट डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। लक्षण न दिखने पर पथरी के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन लक्षण उत्पन्न होने पर आप कह सकते हैं कि वह रोगी एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है।

पित्त पथरी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पित्त पथरी को कैसे रोका जा सकता है?

पित्त पथरी को रोकने के लिए निम्नलिखित चीजों को किया जा सकता है -

  • स्वस्थ आहार
  • वजन कम करना
  • नियमित व्यायाम
  • धूम्रपान न करना

क्या पित्त पथरी गंभीर है?

यदि पित्त की पथरी के लक्षण दिखे तो यह एक गंभीर समस्या की तरफ संकेत देता है। इसके कारण पित्ताशय में सूजन, पेनक्रिएटाइटिस और पीलिया हो सकता है।

पित्त पथरी के बारे में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको पित्त पथरी के लक्षण हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लक्षण दिखने का अर्थ यह है कि आप एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं।

Written and Verified by:

Dr. Ajay Mandal

Dr. Ajay Mandal

Consultant - GI & Hepato-Biliary Surgeon Exp: 10 Yr

Gastro Sciences

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Dr. Ajay Mandal is one of the leading specialist in area of GI Oncology, Hepato-Biliary & Pancreatic Disease treatment. He is based primarily at The Calcutta Medical Research Institute, Kolkata with more than 10 years of rich experience in dealing with various aspects of digestive system specially in liver & Pancreatic Disorders.

Dr. Mandal has been trained in various parts of India and abroad( S. Korea) and is one of the few certified trained Gastro surgeon in Kolkata. He has performed hundreds of complicated GI & Hepato-Biliary cancer surgery. Apart from GI Oncosurgery, laparoscopic surgery is regular event for him and now even cancer surgery is being performed by him laparoscopically.

Dr. Mandal not only performs surgery for cancer patients but also provides holistic approach for further treatment once he /she gets recovered from surgery. His team includes Medical Oncologist, Medical Gastroenterologist and Intervention Radiologist, all of them work together in many occasions and as on required to provide the best available treatment for their patient.

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