Gastro Sciences | by Dr. Ajay Mandal | Published on 12/02/2024
पित्ताशय की पथरी पित्त की थैली में जमा ठोस पदार्थ है। यह ठोस पदार्थ मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल होते हैं जिसका निर्माण तब होता है, जब आपका लिवर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है और वह पित्त के साथ पित्ताशय में चला जाता है। अतिरिक्त पित्त धीरे-धीरे क्रिस्टल का निर्माण करता है जो अंततः पित्त पथरी का निर्माण करता है। इसके कारण पेट के ऊपरी भाग में दर्द होता है। यहां आपको एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि पित्त पथरी का दर्द दूसरे पेट के दर्द से थोड़ा अलग होता है, लेकिन इसे पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। यदि आप पित्त पथरी के लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
इस ब्लॉग में आपको पित्त की पथरी के लक्षण और कारण के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी, लेकिन यह सिर्फ सामान्य जानकारी है। पित्त की पथरी के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक गैस्ट्रोनोलॉग्सिट विशेषज्ञ से सलाह लें।
अक्सर लोगों के मन मे यह प्रश्न उठता है कि पथरी की पहचान कैसे करें? चलिए सबसे पहले जानते हैं कि पित्त की पथरी के क्या लक्षण होते हैं। यदि पित्त की थैली में पथरी पित्त नलिकाओं को ब्लॉक कर रही है, तो शरीर में पित्त की मात्रा बहुत बढ़ जाएगी, जिसके कारण ऊपरी दाएं पेट में दर्द होता है। इसकी तीव्रता अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह दर्द कई घंटों तक बना रह सकता है।
मुख्यतः इस प्रकार का दर्द तब होता है जब आप भारी भोजन कर लें। अधिकतर लोगों को यह दर्द शाम या फिर रात में होता है। यदि आपको पित्त की थैली में बार-बार दर्द का सामना करना पड़े, तो तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें और उचित इलाज प्राप्त करें।
हालांकि कुछ लोगों को पित्त की पथरी के लक्षण नहीं दिखते हैं। उस स्थिति को साइलेंट गॉल स्टोन कहा जाता है। साइलेंट गॉल स्टोन के मामले में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसके कारण पित्त की थैली, लीवर, या पेनक्रियाज का कार्य बाधित नहीं होता है।
लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं, जिनका अनुभव होने पर रोगी को तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए जैसे -
यह सभी लक्षण पित्ताशय, लीवर या पेनक्रियाज के गंभीर संक्रमण या बीमारी की तरफ भी संकेत करते हैं। यह सारे लक्षण दूसरी बीमारी की तरफ संकेत कर सकते हैं जैसे एपेंडिसाइटिस, अल्सर, पेन्क्रियाटाइटिस और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (गरड)। यह सभी बीमारी आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लें।
यदि पित्त की थैली की स्थिति अनुपचारित रह जाए, तो बहुत सारी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि अधिक समय तक पित्त की थैली में पथरी अनुपचारित रह जाती है और पित्त का रिसाव शरीर के अंदर हो जाता है, तो इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
पित्ताशय की पथरी का वास्तविक कारण अभी भी अज्ञात है। डॉक्टर अभी भी शोध कर रहे हैं कि किस कारणवश पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। मुख्य रूप से पित्त के रासायनिक असंतुलन के कारण पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। ऐसा क्यों होता है, इस पर शोध अभी चल रही है। निम्न कारणों से पित्त की पथरी का निर्माण होता है -
सबसे पहले सभी को समझना होगा कि जिन लोगों को लक्षण नहीं दिखते हैं, उन्हें इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लक्षण के आधार पर डॉक्टर निदान का सुझाव देते हैं और परिणाम के आधार पर यह निर्णय लिया जाता है कि आपको इलाज की आवश्यकता है या नहीं।
इसके अतिरिक्त जब तक आपका इलाज नहीं होता है तब तक डॉक्टर आपको कुछ संभावित जटिलताओं के प्रति सचेत रहने को कहते हैं जैसे ऊपरी दाहिने पेट में तेज दर्द। यदि भविष्य में पित्त पथरी के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर इलाज के निम्नलिखित विकल्पों का सुझाव दे सकते हैं -
पित्त की थैली में पथरी एक गंभीर स्थिति है। यदि आपको लक्षण दिखते हैं, तो सबसे पहले गैस्ट्रोनोलॉग्सिट डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। लक्षण न दिखने पर पथरी के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन लक्षण उत्पन्न होने पर आप कह सकते हैं कि वह रोगी एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है।
पित्त पथरी को रोकने के लिए निम्नलिखित चीजों को किया जा सकता है -
यदि पित्त की पथरी के लक्षण दिखे तो यह एक गंभीर समस्या की तरफ संकेत देता है। इसके कारण पित्ताशय में सूजन, पेनक्रिएटाइटिस और पीलिया हो सकता है।
यदि आपको पित्त पथरी के लक्षण हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लक्षण दिखने का अर्थ यह है कि आप एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं।